Kejriwal सरकार के 9 साल पर भारी पड़ गया 'Yogi मॉडल' का दो महीना
Kejriwal सरकार और योगी सरकार के बीच काम करने के तरीके को लेकर कितना बड़ा फर्क है ये देखना है तो लखनऊ के कूड़े के ढेर और दिल्ली में लगे कूड़े के ढेर को देख लीजिये, फिर समझ जाएंगे योगी मॉडल कैसे काम करता है ?
क्योंकि ये Yogi Adityanath हैं । जो एक बार ठान लिया । तो फिर कोई कितना ही बड़ा माफिया क्यों ना हो । उसका साम्राज्य मिट्टी में मिलाकर ही दम लेते हैं । जो ठान लेते हैं । तो बरसों से खड़े कूड़े के पहाड़ को भी मिट्टी में मिलाकर वहां खूबसूरत पार्क बनवा देते हैं ।
राजधानी लखनऊ की जिस जगह पर कभी लाखों टन कूड़े का पहाड़ लगा रहता था। उस कूड़े की जगह पर एक खूबसूरत पार्क कैसे बन गया। इसकी पूरी कहानी आपको जरूर बताएंगे । उससे पहले जरा देश की राजधानी दिल्ली में वर्षों से खड़े कूड़े के इस विशाल पहाड़ को देख लीजिये।
साल 2015 से सीएम केजरीवाल दिल्ली की सत्ता संभाल रहे हैं । लेकिन आज तक उनकी सरकार ना तो यमुना नदी को साफ करवा सकी ।और ना ही कूड़े के पहाड़ से दिल्ली वालों को आजादी दिला पाई । जिस तरह से पहले कूड़े का ये पहाड़ खड़ा था। आज भी उसी तरह से खड़ा है।और अब तो इस पहाड़ के बारे में यहां तक कहा जाने लगा है कि इसकी ऊंचाई दिल्ली के कुतुब मीनार के बराबर होने वाली है। लेकिन इसके बावजूद लगता है केजरीवाल सरकार इस कूड़े के पहाड़ से दिल्ली वालों को निजात दिलाना नहीं चाहती है। तो वहीं दूसरी तरफ यूपी की राजधानी लखनऊ में भी हरदोई रोड पर कूड़े का कुछ इसी तरह का पहाड़ खड़ा था ।बस फर्क इतना था कि । यहां सत्ता में योगी सरकार है ।जो एक बार ठान ले तो फिर बड़ी से बड़ी मुसीबत भी उसके सामने कुछ नहीं है ।तो फिर ये कूड़े का पहाड़ किस खेत की मूली थी । योगी सरकार ने एक आदेश दिया ।और लखनऊ विकास प्राधिकरण यानि LDA के अधिकारी हरकत में आ गये ।फिर क्या । महज दो महीने के अंदर ही कूड़े का ये पहाड़ एक शानदार पार्क में नजर आने लगा ।जहां हजारों फलदार वृक्ष लगे हैं ।तो वहीं बड़ी संख्या में लोग घूमने टहलने आने लगे हैं ।
राजधानी लखनऊ के हरदोई रोड पर जिस जगह आज खूबसूरत पार्क नजर आ रहा है। यहां कभी पूरे शहर का ढाई लाख मीट्रिक टन कूड़े का पहाड़ खड़ा था। जिसे एलडीए के अधिकारियों ने 14 एकड़ क्षेत्रफल में फैले राष्ट्र प्रेरणा पार्क में बदल दिया ।आम, अमरूद, लीची, नींबू, अमलताश, महोगिनी, जामुन, महुआ, नीम, पीपल और पाकड़ जैसे 50 हजार से भी ज्यादा कई फलदार और छायादार वृक्ष लगाए गये हैं । जो आने वाले समय में पेड़ों का खूबसूरत बगीचा बनकर तैयार हो जाएगा ।
कूड़े का पहाड़ कैसे बना पार्क ?
कूड़े के ढेर को फैलाकर समतल किया गया ।
कूड़े के पहाड़ पर फिर मिट्टी डलवाई गई।
गैस बाहर निकालने के लिए पाइप लगाई गई।
30-30 फीट गहराई में वर्टिकल पाइप लगाई।
3 करोड़ 75 लाख की लागत में बना ये पार्क।
महज दो महीने में ही कूड़े का ढेर पार्क बन गया।
फरवरी 2024 में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई।
मार्च महीने के आखिर तक प्रोजेक्ट पूरा हो गया ।
इस पार्क का नाम राष्ट्र प्रेरणा पार्क रखा गया है ।
इस पार्क के बारे में LDA उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने कूड़ा डम्पिंग एरिया को व्यवस्थित करके शानदार ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करने पर अधिकारियों और इंजीनियरों की तारीफ की। और हॉर्टिकल्चर वर्क को सुरक्षित रखने के लिए पूरे पार्क की फेन्सिंग कराए जाने के साथ ही रोशनी के लिए निर्धारित स्थानों पर हाईमास्ट लाइटें लगवाने के भी निर्देश दिये। यानि आने वाले समय में यही राष्ट्र प्रेरणा पार्क लखनऊ की शान में बनकर उभरेगा । बहरहाल माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की हुंकार भरने वाली योगी सरकार ने जिस तरह से कूड़े के पहाड़ को भी मिट्टी में मिलाकर वहां एक शानदार पार्क बनाकर खड़ा कर दिया। सरकार के इस काम को लेकर आपकी क्या राय है ।