हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों ने अलगाववाद त्यागा ,गृह मंत्री शाह ने दी जानकारी
हुर्रियत के दो संगठनों ने अलगाववाद को त्यागा, पीएम मोदी के नए भारत पर जताया विश्वास : अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जानकारी दी कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्मित नए भारत में अपना विश्वास जताया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के तहत अलगाववाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है और पूरे कश्मीर में एकता की जीत की गूंज सुनाई दे रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कश्मीर घाटी से एक और बड़ी खुशखबरी। हुर्रियत से जुड़े दो और समूहों, जेएंडके तहरीक-ए-इस्तिकलाल और जेएंडके तहरीक-ए-इस्तिकामत ने अलगाववाद को त्याग दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्मित नए भारत में अपना विश्वास जताया है। मोदी सरकार के तहत अलगाववाद अपनी अंतिम सांस ले रहा है और पूरे कश्मीर में एकता की जीत की गूंज सुनाई दे रही है।"
Another great news from Kashmir Valley.
— Amit Shah (@AmitShah) March 27, 2025
Two more groups affiliated with the Hurriyat, namely J&K Tahreeqi Isteqlal and J&K Tahreek-I-Istiqamat, have discarded separatism and reposed their trust in the new Bharat built by PM Shri @narendramodi Ji.
Under the Modi government,…
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जानकारी दी थी कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो समूहों ने जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की।
इसकी जानकारी देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, "कश्मीर में अलगाववाद इतिहास बन चुका है। मोदी सरकार की एकीकरणकारी नीतियों ने जम्मू-कश्मीर से अलगाववाद को खत्म कर दिया है। हुर्रियत से जुड़े दो संगठनों ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म करें। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विकसित, शांतिपूर्ण और एकीकृत भारत के निर्माण के दृष्टिकोण की बड़ी जीत है।"
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में बताया था कि घाटी से आर्टिकल-370 हटने के बाद भारतीय युवाओं का आतंकवादियों से जुड़ाव लगभग खत्म हो गया है। 10 साल पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का महिमामंडन होता था, जनाजों का जुलूस निकाला जाता था। हमारे समय में भी आतंकवादी मारे गए, ज्यादा मारे गए, लेकिन किसी के जनाजे का जुलूस नहीं निकाला गया। जो आतंकवादी जहां मारा जाता है, वहीं दफना दिया जाता है।
Input: IANS