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कांग्रेस और शरद पवार से टूटेगा उद्धव का गठबंधन !

आखिर उद्धव ठाकरे सीएम फेस के लिए इतने उतावले क्यों है क्यों कि उद्धव ये जानना चाहते है कि शरद पवार और कांग्रेस किसे सीएम बनाना चाहती है ,कही ऐसा तो नहीं शरद पवार और कांग्रेस की सीएम फेस को लेकर कुछ और रणनीति है कही ऐसा तो नहीं की शरद पवार और कांग्रेस उद्धव ठाकरे को सीएम नहीं बनाना चाहते ,शरद पवार और कांग्रेस की पसंद नहीं है ,
कांग्रेस और शरद पवार से टूटेगा उद्धव का गठबंधन !

महाराष्ट्र की राजनीती में इस समय सीएम फेस को लेकर पार्टी अंदरखाने में बवाल हो रहा है , उद्धव ठाकरे लम्बे समय से से ये मांग कर रहे है की mva सीएम फेस का एलान कर दे कोई भी सीएम फेस का नाम आए मैं पूरा समर्थन करूंगा ,पहले सीएम फेस का एलान करेंगे फिर चुनाव प्रचार करेंगे। 


लेकिन आखिर उद्धव ठाकरे सीएम फेस के लिए इतने उतावले क्यों है क्यों कि उद्धव ये जानना चाहते है कि शरद पवार और कांग्रेस किसे सीएम बनाना चाहती है ,कही ऐसा तो नहीं शरद पवार और कांग्रेस की सीएम फेस को लेकर कुछ और रणनीति है कही ऐसा तो नहीं की शरद पवार और कांग्रेस उद्धव ठाकरे को सीएम नहीं बनाना चाहते ,शरद पवार और कांग्रेस की पसंद  नहीं है ,इसलिए अंदरखाने से यह बात पता लगी है की उद्धव ने शरद पवार से कहा सीएम फेस का एलान कर देते है,तो शरद पवार  ने कहा पहले मिलकर चुनाव लड़ते है सीएम का नाम बाद में फाइनल करेंगे ,और यही बात उद्धव के मन को उथल -पुथल कर रही है ,इसलिए उद्धव ठाकरे ने एक और नया दांव चला है।अंदरखाने हम मिलकर बैठकर यह बात कर ले की सीएम कौन होगा चाहे उसे हम सार्वजनिक ना करें ,उनके इस डिमांड को भी कांग्रेस और शरद पवार ने नहीं माना ,अब क्या करेंगे उद्धव ठाकरे क्यों की पार्टी को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे को भी सीएम बनना है ऐसे में उद्धव अब क्या करेंगे क्या नया दांव चलेंगे कही सीएम बनने के हौड़ में उद्धव ठाकरे कांग्रेस और  शरद पवार से गठबंधन तो नहीं तोड़ देंगे ,क्यों की उद्धव ठाकरे को सब बहुत अच्छे से जानते है सीएम बनने के लिए उद्धव ठाकरे कुछ भी कर सकते है। 

जो दबदबा ठाकरे परिवार का हुआ करता था ,उसे उद्धव ठाकरे ने मिट्टी में तो मिला दिया ,क्यों की बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूट गया सिर्फ सीएम कुर्सी को लेकर  ,दोनों दलों के पोलिटिकल चेहरे बदल गए ,उद्धव की  ताकत कम हो गई ,वर्षा से  ज़्यादा पहले मातोश्री का दबदबा हुआ , मातोश्री से हुए एक फैसले से महाराष्ट्र का एक फैसला या ये कहे की सीएम कुर्सी भी हिल जाती थी लेकिन  बालासाहेब के पद चिन्हों पर ना चलकर उद्धव ठाकरे ने अपनी छवि को ख़राब कर लिया  कारण है की उद्धव ठाकरे को दर -दर की ठोकरें खानी पड़ रही है ,पार्टी को बचाने के लिए उद्धव ठाकरे को भटकना पड़ रहा है।

सीएम कुर्सी के कारण ही बीजेपी से अलग हुए थे उद्धव ठाकरे,उनकी पार्टी के विधायक बागी होने लगे और एकनाथ शिंदे के साथ चले गए और  एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के  साथ मिलकर  सरकार बना ली ,और उद्धव को सीएम कुर्सी से हाथ धोना पड़ा ,और अभी भी ये खबर मिल रही है की शिवसेना का और अपने बाद उत्तराधिकारी  आदित्य ठाकरे को बनाना चाहते है इसलिए सीएम फेस की बार -बार रट लगा रहे है 

पिछले दिनों एक सभा में शिवसेना  प्रमुख ने कहा था हम पहली ही सीएम फेस का एलान करेंगे क्यों कि 2019 में बीजेपी ने  सीटें जीतने के कारण दांव ठोक दिया  था और इसलिए  हमे  नए गठबंधन के साथ सरकार बनानी पड़ी।लेकिन  10 साल से सरकार बनाने का  कांग्रेस भी अपना सीएम चाहती है वहीँ शरद पवार भी  महाराष्ट्र में गैर बीजेपी सरकार चाहते है ऐसे में वो ऐसे ही  चेहरे को चुनेगे जो सभी समीकरण में एक दम फिक्स बैठेगा ,ऐसे में क्या कांग्रेस और शरद पवार उद्धव ठाकरे को सीएम फेस बनाएगे क्या वो आदित्य ठाकरे को उत्तराधिकारी बनाएंगे क्यों की अभी तो उद्धव ठाकरे ही दर -दर की ठोकर  खा रहे है ,ऐसे में ठाकरे परिवार के लिए राजनीति की राह आसान नहीं है। 

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