Advertisement

आख़िरकार अग्निवीर पर पलटना पड़ा Modi को अपना फैसला ?

16 जून 2022 को अग्निवीर की घोषणा की गई थी। इसका काफ़ी विरोध भी हुआ लेकिन मोदी सरकार टस से मस नहीं हुई। अब जब गठबंधन की सरकार है तो ऐसे में अग्निवीर पर बड़ा ऐलान हुआ है।
आख़िरकार अग्निवीर पर पलटना पड़ा Modi को अपना फैसला ?

आज से लगभग 2 साल पहले की बात है जब मोदी सरकार की तरफ़ से अग्विनीर योजना की घोषणा बड़े धूमधूाम से हुई थी। इधर ऐलान हुआ और उधर बीजेपी नेताओं के साथ साथ कुछ पत्रकारों ने भी इसके फ़ायदे गिनाने शुरू कर दिए थे, बिना ये सोचे कि उन बच्चों का क्या होगा जो ज़िंदगी भर सेना में भर्ती होकर देश के लिए लड़ने का जज़्बा रखते हैं।जो एक परमानेंट नौकरी चाहते हैं,जो नौकरी के बाद रिटायरमेंट लेने पर पेंशन की उम्मीद रखते हैं।उन्हें सरकार ने क्या दिया ? 4 साल की नौकरी ?सवाल उठने के साथ साथ इस फ़ैसले को पलट देने को लेकर, इसमें बदलाव करने को लेकर कई बार बात उठी लेकिन मोदी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।लेकिन अब क्या ? अब तो गठबंधन की सरकार है।और गठबंधन की सरकार अग्निवीर को लेकर मोदी पर दबाव ना बनाए ऐसा कैसे हो सकता था ?

 सूत्रों की माने तो गहन मंथन के बाद आख़िरकार मोदी सरकार ने इस फ़ैसले में बदलाव करने का मन बना लिया है, कौन कौन से होंगे ये बदलाव, इसे लेकर जो जानकारी मिली है वो अब आप जान लीजिए।

अग्निवीर में होंगे कौन कौन से बदलाव ?

  • अग्निवीरों का ट्रेनिंग पीरियड बढ़ाया जाएगा।
  • 25 फ़ीसदी जवानों को परमानेंट करने का फ़ैसला।
  • अग्निवीर को मिलेगा पूर्व सैनिक का दर्जा।

आपको बता दें ये सिर्फ़ सिफ़ारिशें हैं अभी, फ़िलहाल केंद्र तक ये भेजी नहीं गई है, लेकिन सेक्योरिटी फोर्सस इस पर अब चर्चा कर रही हैं। क़यास तो यहां तक लगाए जा रहे हैं कि 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 60-70 फ़ीसदी तक भी परमानेंट का आंकड़ा पहुंचाया जा सकता है। इस पूरे मामले पर एक अधिकारी ने कहा- सशस्त्र बलों में ऐसी क्वालिटी नहीं दिख रही है जैसी की होनी चाहिए। इसलिए रिटेंशन रेट बढ़ाने से इस तरह के नतीजों की उम्मीद है। फिलहाल सेना इस बात पर भी चर्चा कर रही है कि अग्निवीरों के सर्विस पीरियड को चार साल से बढ़ाकर सात साल किया जाए। अग्निवीरों को भी ग्रेच्युटी और पूर्व सैनिक का दर्जा दिया जा सके।

बहरहाल अब विस्तार से समझ लीजिए कि आख़िर क्या है ये अग्निपथ योजना ?

  • अग्निपथ योजन का मक़सद 4 साल के लिए तीनों - जल, थल और वायु सेना में जवानों की भर्ती करना था।
  • 4 साल की सर्विस पूरी होने के बाद उनमें से 25 फ़ीसदी जवान ज़रूरत और योग्यता के आधार पर परमानेंट होने के लिए आवेदन कर सकते थे।
  • अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वाला जवान अग्निवीर कहलाएगा और उसे रिटायरमेंट के बाद पेंशन भी नहीं मिलेगी

अब देखना होगा ये सिफ़ारिशें केंद्र तक कब तक पहुँचती है और कब तक इस पर कोई फ़ैसला आता है, लेकिन दबी ज़ुबान में ऐसा कहा जाने लगा है कि अब जल्द ही इसे लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है।


Advertisement

Related articles

Advertisement