उमा भारती और IPS डी रूपा के वीडियो ने मचाया बवाल, किसने रची साज़िश ?
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रही उमा भारती और एक आईपीएस अधिकारी रूपा दिवाकर के एक वायरल वीडियो के चलते मध्य प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है।
मध्यप्रदेश की सियासत में एक अलग पहचान रखने वाली, अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ मुखर होकर बोलने वाली, सनातन की रक्षक, भगवाधारी, बीजेपी की फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती चर्चा में हैं। वजह है एक वीडियों में उनके बारे में की गई बातें। बातें ऐसी हैं जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। हैरान होंगे कि ये कैसे किया गया। वीडियों में की गई बातों में कितनी सच्चाई है। क्या ये भगवाधारी उमा के ख़िलाफ़ कोई साज़िश है। पूरा मामला है क्या और ये सामने कैसे आया ये जानेंगे उससे पहले आपको बता दें। इस वीडियों में पूर्व सीएम उमा भारती के अलावा। 2000 बैच की तेज तर्रार आईपीएस ऑफिसर दीपा दिवाकर मौदगिल उर्फ डी रूपा का भी ज़िक्र है। वो वर्तमान में वे कर्नाटक में तैनात हैं और यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 43 हासिल करने के बाद उनकी धारवाड़ जिले में पहली पोस्टिंग हुई थी। डी. रूपा अपने राज्य में गृह सचिव के पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं। वह देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी भी हैं, जिन्हें पुलिस डिविजन में साइबर क्राइम की कमान सौंपी गई थी। लेकिन उमा भारती को लेकर जो वीडियों सामने आया है उसमें डी रूपा का ज़िक्र क्यों है ये भी जानने वाली बात है।
दरअसल, मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रही उमा भारती और एक आईपीएस अधिकारी रूपा दिवाकर के एक वायरल वीडियो के चलते मध्य प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है। 45 सेकंड के इस वीडियो में उमा भारती और रूपा दिवाकर की तस्वीर वाला एक वीडियो वॉइस ओवर के साथ दिखाया गया है। इसमें बताया गया कि 'दरअसल 2000 बैच की तेज तर्रार आईपीएस दीपा दिवाकर मौदगिल उर्फ डी रूपा जिस राज्य में होती हैं, वहां कोई भी कानून का उल्लंघन नहीं कर सकता और यह चर्चा में तब आ गई जब इन्हें पता चला कि एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ठेकेदारों से जबरदस्ती पैसे मांग रही हैं। तभी रूपा, मुख्यमंत्री के घर नौकरानी बनकर पहुंच गई।
जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री को ठेकेदारों से पैसे मांगते देखा, तभी अपना असली चेहरा दिखाया तो सभी के होश उड़ गए। डी रूपा ने मुख्यमंत्री को उनके ही घर से गिरफ्तार कर लिया। तो अब आप बताइये, क्या हर आईपीएस ऑफिसर को अपना काम ऐसी ही ईमानदारी से करना चाहिये?' इस वीडियो को पूरी तरह भ्रामक बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के नेता सचिव उमेश गर्ग ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई है। उमेश गर्ग ने अपनी शिकायत में कहा है कि यह वीडियो जानबूझकर उमा भारती और बीजेपी की छवि खराब करने के इरादे से बनाया गया है। इससे उनकी छवि धूमिल हुई है और उन्हें नुकसान पहुंचा है।
वैसे उमा भारती का कर्नाटक को लेकर भी एक विवाद है। दरअसल, 15 अगस्त 1994 को कर्नाटक के हुबली शहर में ईदगाह पर उमा भारती ने कथित रूप से झंडा फहराया था। करीब 10 साल बाद उमा भारती के खिलाफ वारंट जारी किया गया था। उस वक्त उमा भारती मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री थीं। वे सीएम पद से इस्तीफा देकर कर्नाटक गईं और वहां कोर्ट में पेश हुई थी। लेकिन अब उमा भारती को लेकर एक वीडियो जो फैलाया जा रहा उसके पीछे किसका हाथ है क़ौन उनके ख़िलाफ़ उनकी छवि को ख़राब करने की साज़िश रच रह है। अब पुलिस के पास पूरा मामला है और पुलिस से जल्द इस मामले पर कार्रवाई करने की बात की गई है।