केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर साधा निशाना, 'अराजकता फैला कर वो अंबेडकर बनना चाहते है'
बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेता कांग्रेस समेत राहुल गांधी पर जमकर निशाना साध रहे है। इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री गिरिराज सिंह ने कहा जिन्होंने अराजकता फैलाई, वो आज अंबेडकर बनना चाहते हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र के आख़िरी दौर में संविधान के निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच ख़ूब हंगामा हुआ। गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अंबेडकर पर दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों बीजेपी पर हमलावर हाइट हुए बाबा साहेब के अपमान का आरोप लगाया। इसके बाद मामला धक्का-मुक्की तक पहुंच गया। बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा उनके राहुल गांधी ने उनके सांसदो के साथ धक्का-मुक्की की। इसको लेकर अब बीजेपी के तमाम वरिष्ठ नेता कांग्रेस समेत राहुल गांधी पर जमकर निशाना साध रहे है। इसी क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री गिरिराज सिंह ने कहा जिन्होंने अराजकता फैलाई, वो आज अंबेडकर बनना चाहते हैं।
राहुल गांधी को माफ़ी मांगनी चाहिए
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए लोकसभा सांसद गिरिराज सिंह ने कहा, शायद किसी को यह गलतफहमी हो जाएगी कि राहुल गांधी आंबेडकर हो गए। जिस कांग्रेस का डीएनए भीमराव आंबेडकर को अपमानित करने का रहा है, वो उस पाप को कैसे धो पाएगा। उन्होंने तो अराजकता फैलाई है और अब बाबा साहब आंबेडकर बनना चाहते हैं। क्या वो आंबेडकर को इतना छोटा कर देंगे। गिरिराज सिंह ने कहा, कांग्रेस ने जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को भारत रत्न दे दिया, लेकिन बाबासाहेब को नहीं दिया। वहीं, अब वे लोग बाबा साहेब आंबेडकर को छोटा कर राहुल गांधी के बराबर करना चाहते हैं। राहुल गांधी की तुलना बाबा साहेब से करना निंदनीय है और इसके लिए उन लोगों को माफी मांगनी चाहिए।
संसद की परंपराओं की हुई अवहेलना
भाजपा से राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने विपक्ष को घेरते हुए कहा, सभी को संसदीय परंपराओं का पालन करना चाहिए, यह सभी का धर्म है। विपक्ष ने संसदीय परंपराओं का जितना उल्लंघन किया है, इससे उनको बचना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के इस बयान पर कि कुछ लोग मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उठाकर हिंदुओं को बड़े नेता बनना चाह रहे हैं, जो किसी भी हालत में स्वीकार नहीं है, दिनेश शर्मा ने कहा, ऐसा वक्तव्य उन्होंने पहले भी दिया है। उनका मंतव्य यह है कि हम अपने धर्म का पालन करते समय अन्य मान्यताओं के अनुपालन से आगे बढ़ें और देश को अच्छे वातावरण और उन्नति की ओर ले जाएं। उन्होंने कहा, मैंने मोहन भागवत का वक्तव्य अभी नहीं सुना, लेकिन सभी लोग मिलजुल कर रहें और एक-दूसरे की आस्था का सम्मान करें। साथ ही देश की तरक्की के लिए आगे आएं। यही सभी भद्र लोगों की इच्छा होती है।