केंद्रीय मंत्री ललन सिंह का तेजस्वी पर पलटवार, बताया लालू कैसे बने मुख्यमंत्री
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने तेजस्वी यादव के एक बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने दिन रात एक करके प्रचार किया और लालू को मुख्यमंत्री बनाया। उन्हें एक भी विधायक पसंद नहीं कर रहा था, उस दौर में सिर्फ़ दो आदमी लालू का समर्थन किए थे तेजस्वी क्या बोलेंगे।

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश लगातार बढ़ती जा रही है। सत्ता पक्ष बनाम विपक्ष के नेता एक दूसरे पर जमकर बयानों के बाण चला रहे है। जेडीयू और बीजेपी के तमाम नेता तेजस्वी यादव पर लालू राज की याद दिलाते हुए हमलवार है। इस बीच केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने तेजस्वी यादव के एक बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने दिन रात एक करके प्रचार किया और लालू को मुख्यमंत्री बनाया। उन्हें एक भी विधायक पसंद नहीं कर रहा था, उस दौर में सिर्फ़ दो आदमी लालू का समर्थन किए थे तेजस्वी क्या बोलेंगे।
#WATCH पटना (बिहार): राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा,"लालू जी 1990 में मुख्यमंत्री बने थे तो वो कुछ नहीं थे वो तो नीतीश कुमार जी रात-रातभर प्रचार करके लालू जी को मुख्यमंत्री बनाए। एक विधायक लालू जी को पसंद नहीं कर रहा था...तो वह क्या… pic.twitter.com/JRS0ePdrdP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 5, 2025
मीडिया से बात करते हुए जब पत्रकारों से पूछा की तेजस्वी बिहार सरकार के बजट को सरकार बचाने वाला बजट कह रहे इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा 'तेजस्वी के दिमाग में कुछ दिमाग नही है। जब बजट बढ़िया है तो कह रहे है सरकार बचाने वाला बजट है। उनके पास सिर्फ़ एक काम है बोलना, उन्हें वही करने दीजिए। और तेजस्वी के बोलने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता है। उन्हें गंभीरता से लेने की कोई ज़रूरत भी नही है।'
बताते चले कि बिहार में चुनाव की तैयारियों में जुटी पार्टियों ने अपने प्रचार अभियान को गति दी है। सूबे में बड़े नेताओं के दौरे लगातार बढ़ते जा रहे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भागलपुर, राहुल गांधी का पटना जाना। इसके अलावा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी जैसे बिहार के बड़े नेता अलग-अलग यात्राओं के ज़रिए पार्टी की जमीन को मज़बूत करने और अपने कार्यकर्ताओं में चुनाव के लिए जोश भरने का काम शुरू कर दिए है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जिस तरह से लगातार एनडीए नेताओं के द्वारा तेजस्वी की घेराबंदी करने के लिए तमाम क़दम उठाए जा रहे है। उसका जब चुनाव का परिणाम आएगा तो क्या प्रभाव पड़ेगा।