UP की ‘बेटी’ ने तोड़ी चुप्पी, अब क्या करेंगी Priyanka Gandhi | Congress | Ilma Afroz
Himachal Pradesh: आखिर Baddi की SP IPS Ilma Afroz को किस बात की सजा दे रही है Congres की सुक्खू सरकार, लड़की हूं लड़ सकती हूं वालीं Priyanka Gandhi ने क्यों साधे रखी है चुप्पी ?
जिस कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी कभी नारा लगाया करती थीं। लड़की हूं लड़ सकती हूं। उसी कांग्रेस की सत्ता में एक महिला आईपीएस अफसर को उसकी ईमानदारी की ऐसी सजा दी जा रही है। जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे।
तस्वीरों में नजर आ रहीं इस तेज तर्रार महिला आईपीएस अफसर का नाम है इलमा अफरोज। जिनकी पोस्टिंग कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल प्रदेश के जिला बद्दी में हैं। लेकिन वो करीब एक महीने से योगी के उत्तर प्रदेश में हैं। क्योंकि यहीं यूपी के जिला बिजनौर के कुंदरकी में इलमा अफरोज का घर है ।इसीलिये उन्होंने हिमाचल प्रदेश के सरकारी घर से अपना पूरा सामान समेट कर सीधे घर लौट आईं। और अब तक नहीं लौट सकीं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि।
आखिर IPS इलमा अफरोज के साथ ऐसा क्या हुआ ? छुट्टी पर गईं इलमा अफरोज वापस क्यों नहीं लौटीं ? सुक्खू सरकार क्यों बढ़ा रही IPS इलमा की छुट्टी ?
जिसका जवाब है हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी। जिनकी पत्नी कुलदीप कौर बद्दी में बड़े स्तर पर खनन का कारोबार करती हैं। और तेज तर्रार आईपीएस अफसर इलमा अफरोज इसी बद्दी की एसपी हैं। जिन्होंने विधायक की पत्नी के खनन कारोबार में लगे वाहन का अवैध खनन के आरोप में चालान काट दिया था। कहते हैं बस यहीं से दून के कांग्रेस विधायक रामकुमार चौधरी और एसपी इलमा अफरोज के बीच ठन गई। ईमानदार छवि वालीं अफसर इलमा अफरोज ने जहां घुटने टेकने से इंकार कर दिया। तो वहीं सीएम सुक्खू के विधायक राम कुमार चौधरी ने इसे अपने अहम पर ले लिया। और एसपी इलमा पर ही जासूसी के आरोप लगाकर विधानसभा से प्रिवलेज मोशन दिलवा दिया था। यानि आईपीएस इलमा को सत्ता की धौंस दिखाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन इलमा अफरोज ने भी सत्ता के सामने झुकने से इंकार कर दिया। जिसके बाद 6 नवंबर को सीएम सुक्खू की अध्यक्षता में डीसी-एसपी की बैठक में शामिल होने के लिए वो शिमला आईं और यहीं से रातों-रात बद्दी लौट गईं और अपनी मां के साथ अपना सामान समेट कर वापस बिजनौर चलीं गईं। जहां बुधवार को उन्होंने हबीबी इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन के एक कार्यक्रम को संबोधित किया।जहां उन्होंने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। तो सबसे पहले अपने संघर्ष से छात्रों को रुबरू कराया। कैसे कुंदरकी से निकल कर आईपीएस अफसर जैसे पद पर पहुंचने का सफर तय किया।
छात्रों को अपने संघर्ष के बारे में बताने के साथ ही आईपीएस इलमा अफरोज ने ये भी बताया कि कैसे हिमाचल प्रदेश के बद्दी जिले में एसपी रहते हुए उन्होंने ड्रग्स के नेक्सस को तोड़ने के साथ ही अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए भी तगड़ा एक्शन लिया।
अपने पिता के निधन के बाद बड़े ही संघर्ष के बाद इलमा अफरोज ने यूपीएससी जैसी कड़ी परीक्षा पास की। तब जाकर आईपीएस अफसर बनीं और खाकी वर्दी पहनी। जिस पर उन्होंने कभी कोई आंच नहीं आने दी। ऐसी ईमानदार अफसर को आखिर इतनी लंबी छुट्टी पर क्यों भेजा गया। या फिर अगर उन्होंने खुद इतनी लंबी छुट्टी ली तो इसकी वजह क्या है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएस इलमा अफरोज ने कांग्रेस सरकार से 7 नवंबर से 22 नवंबर तक छुट्टी ली और फिर इसके बाद 28 नवंबर तक छुट्टियां बढ़ाईं, जैसे ही छुट्टियों की डेडलाइन खत्म हुई अब ये खबर है कि 5 दिसंबर तक इलमा अफरोज छुट्टी पर हैं। उनकी गैर मौजूदगी में सुक्खू सरकार ने फिलहाल विनोद कुमार को बद्दी जिले का अतिरिक्त प्रभार दिया है।ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि आखिर सुक्खू सरकार इलमा अफरोज का एसपी बद्दी के पद से ट्रांसफर क्यों नहीं कर रही है। तो आपको बता दें दरअसल हाईकोर्ट में चल रहे एक यौन शोषण के केस की वजह से इलमा अफरोज का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता इसीलिये उन्हें लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है। जिस पर सुक्खू सरकार ने सफाई देते हुए बयान जारी किया कि "IPS अधिकारी इल्मा अफरोज को सरकार ने आउट ऑफ टर्न एसपी बद्दी लगाया था, अभी उनका बैच नहीं चल रहा था, वह पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए छुट्टी पर गई हैं, छुट्टी पर जाने से पहले अफरोज माता के साथ सीएम से शिमला में मिली थीं उन्होंने माता जी की तबियत ठीक नहीं होने का हवाला देकर छुट्टी मांगी थी, सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा झूठ तथ्यों के विपरीत है"
इलमा मामले पर सफाई देते हुए भी कांग्रेस की सुक्खू सरकार ऐसा लगता है कि ये अहसान दिलाने की कोशिश कर रही है कि उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर एसपी बनाया गया है। जबकि दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार कसाना के मुताबिक इससे पहले इलमा से जूनियर बैच के दो आईपीएस अफसर बतौर एसपी काम कर रहे हैं। आईपीएस विवेक कुमार किनौर के एसपी हैं तो वहीं मयंक चौधरी लाहौल स्पीति के एसपी हैं। इस पूरे मामले को देख कर यही लग रहा है कि कांग्रेस की सुक्खू सरकार इलमा अफरोज जैसी ईमानदार आईपीएस अफसर का साथ देने की बजाए। अवैध खनन के आरोपी कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी का साथ दे रही है। इसीलिये आईपीएस इलमा को तो छुट्टी पर भेज दिया लेकिन कांग्रेस विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।और ना ही लड़की हूं लड़ सकती हूं वालीं प्रियंका गांधी ने इलमा के लिए कोई आवाज उठाई। जिसकी वजह कांग्रेस की खूब फजीहत हो रही है।