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Varanasi: ताले में कैद मिला मंदिर, हिंदुओं ने मांगा पूजा का अधिकार को मुस्लिम पक्ष ने किया इंकार !

Sambhal के बाद अब काशी के प्राचीन मंदिर में लगे ताले पर गरमाया विवाद, हिंदुओं ने ताला खोल कर पूजा पाठ का मांगा अधिकार तो वहीं मुस्लिम पक्ष ने पूजा-पाठ नहीं होने देने की दे दी धमकी, जिस पर पुलिस-प्रशासन ने सुनिये क्या जवाब दिया।
Varanasi: ताले में कैद मिला मंदिर, हिंदुओं ने मांगा पूजा का अधिकार को मुस्लिम पक्ष ने किया इंकार !

मोक्षदायिनी मां गंगा के तट पर बसी जिस काशी के बारे में कहा जाता है, यहां के कण कण में भगवान शंकर विराजमान हैं, जिस काशी को देवों के देव महादेव की नगरी कही जाती है, उस धर्म नगरी काशी में किसी मंदिर पर दशकों तक ताला लगा रहा, कोई दिया बाती करने वाला ना हो, मंदिर की दीवारें धूल फांकती हों, ये बात सोच कर भी आप दंग रह जाएंगे। मगर अफसोस की बात ये है कि धर्म नगरी काशी के सैकड़ों साल पुराने मंदिर के नसीब में यही लिखा है, क्योंकि ये मंदिर मुस्लिम बहुल क्षेत्र मदनपुरा में हैं।यूपी के जिला संभल में जब सैकड़ों साल पुराने मंदिर के ताले टूटने लगे, पूजा आरती और मंत्रोच्चार गूंजने लगे, तो बाबा काशी विश्वनाथ और मोक्ष दायिनी मां गंगा के तट से महज दो से तीन किलोमीटर दूर स्थित इस प्रचीन मंदिर के ताले तोड़ने की मांग भी जोर पकड़ने लगी, और देखते ही देखते भारी संख्या में हिंदू वादी संगठन प्राचीन मंदिर के पास पहुंच कर मंत्रोच्चार और शंखनाद करने लगे।

सनातन रक्षक दल ने मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित इस प्राचीन मंदिर के खोज का दावा किया है और इसे स्कंदपुराण में उल्लिखित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर बताकर ताला खोलने की मांग करने लगे।

हिंदू वादी संगठन सनातन रक्षक दल ने जोरशोर से मंदिर का ताला खोलने की मांग उठाई तो इलाके के हिंदुओं के दिल में भी एक उम्मीद जग गई है कि जिस मंदिर में दशकों तक ताला जड़ा रहा, अब उस मंदिर में पूजा पाठ करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। इसीलिये मंदिर के आस पास के लोगों में अभी से मंदिर का ताला खुलने को लेकर खुशी दिखाई दे रही है।

यूपी की सत्ता में भगवाधारी योगी आदित्यनाथ जैसे महंत हैं, यही वजह है कि हिंदुओं में संभल के बाद काशी में भी प्राचीन मंदिर के ताले खुलने की उम्मीद जगने लगी है, लेकिन जिस मुस्लिम परिवार के घर में ये अति प्राचीन मंदिर मिला है, उस परिवार के सदस्य ने तो साफ इंकार कर दिया है कि इस मंदिर में पूजा पाठ नहीं होने देंगे।

काशी के मुस्लिम मोहल्ले मदनपुरा में मिले प्राचीन मंदिर में हिंदुओं और मुसलमानों का अपना अपना दावा है। हिंदू जहां इसे सिद्धेश्वर महादेव मंदिर बता कर पूजा अर्चना की बात कर रहे हैं तो वहीं मुस्लिम परिवार ने साफ कह दिया कि हम यहां पूजा अर्चना नहीं होने देंगे, जबकि प्रशासन का कहना है कि हम इस मामले को देख रहे हैं अगर ये सार्वजनिक संपत्ति घोषित होती है तो सबको पूजा का अधिकार मिलेगा।

प्राचीन मंदिर को लेकर शुरु हुए विवाद के बीच सुरक्षा व्यवस्था संभाल रहे काशी जोन के डीसीपी गौरव बंसवाल का कहना है कि ये मंदिर पाया नहीं गया है, यहां शुरू से ही मंदिर रहा है, बस इस पर ताला लगा हुआ है, जिसे खुलवाने की मांग हो रही है। सुरक्षा के लिए यहां पीएसी जवानों को तैनात किया गया है।

जिस काशी को धर्म नगरी कहा जाता है, उसी काशी के मुस्लिम मोहल्ले में एक अति प्राचीन मंदिर पर दशकों से ताला लगा हुआ है, और जब हिंदू श्रद्धालु ताला खोलने के साथ ही पूजा पाठ की मांग करने लगे तो मुस्लिम परिवार पूजा पाठ को ही फालतू बता कर पूजा ना करने की धमकी देने लगा, जिससे संभल के बाद अब काशी में भी मंदिर को लेकर विवाद शुरु हो गया है, जिसकी वजह से भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। ऐसे में अब देखना ये है कि योगी राज में हिंदुओं को इस मंदिर में पूजा पाठ का अधिकार मिल पाता है या नहीं।


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