सीट बंटवारे को तय करने के लिए रांची पहुंच रहे इंडिया ब्लॉक के दिग्गज नेता, जानिए किसे मिलेगी कितनी सीटें ?
बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राजद प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव 2 दिन के झारखंड दौरे पर पहुंच रहे हैं तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी 19 अक्टूबर को झारखंड की राजधानी रांची में मौजूद रहेंगे।
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झारखंड में विधानसभा चुनाव के ऐलान के साथ तमाम राजनीतिक दल चुनावी तैयारी में जुटे हुए है लेकिन सत्ताधारी इंडिया गठबंधन से लेकर विपक्षी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन तक सीट शेयरिंग को लेकर अभी दलों के बीच बात फाइनल नहीं हो पाई है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राजद प्रमुख लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव 2 दिन के झारखंड दौरे पर पहुंच रहे हैं तो वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी 19 अक्टूबर को झारखंड की राजधानी रांची में मौजूद रहेंगे। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बैठक होगी। जिसमें इंडिया ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले राजनीतिक दलों के बीच सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद जिनके हिस्से में जो सीट आएगी वह राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करेगा।
दरअसल, झारखंड में विधानसभा के चुनाव दो चरण में होने है। पहले चरण के लिए 43 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में इंडिया गठबंधन के अंतर्गत आने वाली तीन प्रमुख पार्टियों के नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और हेमंत सोरेन की मीटिंग से पहले भी सीट शेयरिंग का एक नया फार्मूला सामने आया है। झारखंड के राजनीतिक सूत्रों की माने तो झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 43 से 44 सीटों पर सत्ताधारी गठबंधन की अगुवाई करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) चुनाव लड़ सकती है। इस चुनाव में झामुमो को कांग्रेस और राजद बड़े भाई की तवज्जों दे सकती है। इसके बाद अगर बात कांग्रेस की करें तो इस गठबंधन में कांग्रेस को 28 और राष्ट्रीय जनता दल को 5 से 6 और लेफ्ट को चार सीट दिए जाने की बात निकलकर सामने आ रही है। इसके साथ यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि सीपीआई एमएल को एडजस्ट करने के लिए झामुमो को सीट छोड़नी होगी। इन सब के बीच यह तय हो चुका है कि सीट शेयरिंग को अंतिम रूप आने वाले एक से दो दिनों में दे दिया जाएगा। इसके बाद गठबंधन में शामिल तमाम दल अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करेंगे।
कितनी सीट चाहता है कौन सा दल
बात अगर पिछले विधानसभा चुनाव की करें तो झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था जिसमें झामुमो ने 43 ,कांग्रेस 31 और राजद ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। उस वक्त सीपीआई एमएल इस गठबंधन का हिस्सा नहीं थी। वर्तमान विधानसभा चुनाव में मसाला इसी बात पर अटक रहा है कि हर पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में जितनी सीट उनके हिस्से में आई थी वह उसमें कमी नहीं करना चाहती हैं। यही वजह है कि इस बार सीट शेयरिंग से पहले झामुमो 43 सीटों पर दावेदारी कर रही है तो आरजेडी 7 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर की सीपीआई एमएल इस गठबंधन में कैसे एडजस्ट होगी। क्योंकि कांग्रेस ने भी पिछली विधानसभा चुनाव की तरह 31 सीट डिमांड रखी है। अब समस्या सबसे बड़ी सीपीआईएमएल को लेकर है जो 6 से 7 सीट इस चुनाव में मांग रही है। शायद यही वजह है कि हर दल के प्रदेश इकाइयों में सीट शेयरिंग की बात ना बन पाने के कारण कांग्रेस झामुमो और राजद के दिग्गज नेता फ्रंट पर आ रहे हैं और 19 तारीख को लगभग उनकी मीटिंग लगभग तय मानी जा रही है।
क्यों फंस रहा सीट शेयरिंग का मसला
झारखंड विधानसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक के तीन मुख्य दलों के बीच शुरू से ही सीट बंटवारे को लेकर लगभग सब कुछ तय था। इस चुनाव में भी पिछली विधानसभा चुनाव की तर्ज पर सीट बंटवारा किया जाएगा लेकिन झामुमो ने इस गठबंधन में सीपीआई एमएल को शामिल किया और अब झामुमो ही यह चाह रही है कि सीपीआई एमएल को गठबंधन में एडजस्ट करने के लिए कांग्रेस और राजद अपनी सीट से समझौता करें। झामुमो चाहती है कि कांग्रेस की तीन और राजद की एक से दो सीट कम कर उसे सीपीआई एमएल को दे दिया जाए। अब यह देखना होगा कि 19 अक्टूबर को जब राहुल गांधी रांची पहुंचते हैं तो इस गठबंधन में सीट फार्मूले को लेकर क्या कुछ तय होता है और किस दल के हिस्से में कितनी सीट आती है।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग के मुताबिक झारखंड में दो चरण में मतदान होंगे। पहले चरण का मतदान 13 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। तब यह तस्वीर साफ होगी कि तमाम राजनीतिक दल जिस तरह से गठबंधन में सीट शेयरिंग से लेकर जनता के बीच तमाम बातें रख रहे है। उसका जनता पर क्या असर पड़ता है और जनता का आशीर्वाद किसे मिलता है।