Waqf Act Bill: JPC में हैं कितने BJP और कितने मुस्लिम सांसद, सभी सदस्यों की List देखिये !
जिस वक्फ बोर्ड कानून को नेहरू सरकार ने बनाया और साल 2013 में ठीक लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने उसी वक्फ कानून में संशोधन करके यहां तक अधिकार दे दिया कि वक्फ बोर्ड के खिलाफ सिर्फ उन्हीं के ट्रिब्यूनल में सुनवाई होगी और किसी अदालत में नहीं। इतना ही नहीं देश में सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन किसी के पास है तो वो वक्फ बोर्ड ही है। कहते हैं ये सबकुछ वक्फ बोर्ड को मिली असीमित शक्तियों की वजह हुआ शायद यही वजह है कि इस बेलगाम वक्फ बोर्ड पर मोदी सरकार लगाम लगाना चाहती है। इसलिए इस कानून में चालीस संशोधन करने के लिए मोदी सरकार बिल लेकर आई लेकिन कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस संशोधन बिल के खिलाफ खड़ा हो गया। जिसकी वजह से मोदी सरकार को ये बिल जेपीसी यानि संयुक्त संसदीय समिति को भेजना पड़ा।
दरअसल संसद के काम को निपटाने के लिए दो तरह की समितियां बनाई जाती हैं। स्थायी समितियां और तदर्थ समितियां जिनमें तदर्थ समिति एक ऐसी समिति होती है जिसका गठन किसी खास मामले को लेकर किया जाता है। जिसका उद्देश्य पूरा हो जाने पर भंग कर दिया जाता है। ऐसी ही समिति होती है संयुक्त संसदीय समिति जिसे JPC भी कहा जाता हैं। जिसमें ज्यादा से ज्यादा 31 सदस्य हो सकते हैं। इसी जेपीसी को मोदी सरकार ने वक्फ कानून से जुड़ा संशोधन बिल भेजा है।
जिसमें शामिल किये जाने वाले 21 सांसदों का नौ अगस्त को ऐलान कर दिया गया।
JPC में लोकसभा के 21 सांसद
जगदंबिका पाल, सांसद, BJP
निशिकांत दुबे, सांसद, BJP
तेजस्वी सूर्या, सांसद, BJP
अपराजिता सारंगी, सांसद, BJP
संजय जायसवाल, सांसद, BJP
दिलीप सैकिया, सांसद, BJP
अभीजीत गंगोपाध्याय, सांसद, BJP
डीके अरुणा, सांसद, BJP
गौरव गोगोई, सांसद, कांग्रेस
इमरान मसूद, सांसद, कांग्रेस
मोहम्मद जावेद, सांसद, कांग्रेस
मौलाना मोहिबुल्लाह, सांसद, सपा
कल्याण बनर्जी, सांसद, TMC
ए. राजा, सांसद, DMK
एलके. देवरायलू, सांसद, TDP
दिलेश्वर कमैत, सांसद, JDU
अरविंद सावंत, सांसद, शिवसेना UBT
सुरेश गोपीनाथ, सांसद, NCP शरद पवार
नरेश गणपत म्हस्के, सांसद, शिवसेना
अरुण भारती, सांसद, LJP (RV)
असदुद्दीन ओवैसी, सांसद, AIMIM
31 सदस्यों वाली जेपीसी में जहां बीजेपी के 8, कांग्रेस के 3, सपा, टीएमसी, डीएमके, टीडीपी, जेडीयू, शिवसेना, शिवसेना यूबीटी, एनसीपी शरद पवार, एलजेपी रामविलास पासवान और AIMIM से एक-एक सांसदों को मिलाकर कुल 21 सांसदों को सदस्य बनाया गया है।
तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सभा सेJPC में राज्यसभा के 10 सदस्य
BJP सांसद मेधा कुलकर्णी
BJP सांसद बृजलाल
BJP सांसद राधामोहन दास अग्रवाल
BJP सांसद वीरेंद्र हेगड़े
BJP सांसद गुलाम अली
AAP सांसद संजय सिंह
DMK सांसद एम मोहम्मद अब्दुल्ला
YSRCP सांसद विजय साईं रेड्डी
कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन
TMC सांसद मोहम्मद नदीम उल हक
इन नामों को शामिल किया गया है। इनमें भी बीजेपी के सबसे ज्यादा 5 सांसद हैं। जबकि AAP, कांग्रेस, YSRCP, TMC और DMK के एक एक सांसदों को शामिल किया गया है यानि JPC में किस पार्टी के कितने सांसद ? लोकसभा और राज्य सभा के कुल 31 सदस्यों में सबसे ज्यादा BJP के 13 सांसद, कांग्रेस के 4 सांसद, TMC के 2 सांसद, TMC के 2 सांसद, AIMIM, LJP RV, NCP (शरद पवार), शिवसेना, शिवसेना यूबीटी, YSRCP, JDU, TDP, AAP और सपा के एक-एक सांसद शामिल हैं।
इतना ही नहीं वक्फ बिल मुसलमानों से जुड़े होने की वजह से 31 सांसदों में 8 सदस्य मुसलमान हैं। जिनमें बीजेपी की ओर से भी एक मुस्लिम सांसद शामिल हैं। ये आंकड़ा देख कर समझ सकते हैं कि जिस जेपीसी को वक्फ बोर्ड कानून संशोधन बिल को भेजा गया है। उस जेपीसी में सबसे ज्यादा 17 सदस्य तो बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के हैं जबकि विपक्ष के 14 सदस्य हैं। इनमें से सत्ता पक्ष के किसी एक सदस्य को जेपीसी का अध्यक्ष बनाया जाएगा। जिसके नेतृत्व में वक्फ से जुड़े संशोधन बिल को जांचा परखा जाएगा और अगले तीन महीने के अंदर ये जेपीसी अपनी जांच सदन को सौंपेगी। जेपीसी के सुझाव सरकार के लिए सलाह के तौर पर होते हैं लेकिन ये जरूरी नहीं की सरकार इसे मानने के लिए बाध्य है। वैसे कमेटी में ज्यादातर सांसद और अध्यक्ष सत्ता धारी पार्टी के होते हैं इसलिये कई मौके पर जेपीसी के सुझाव मान लिये जाते हैं। अब देखना ये है कि संसद के शीतकालीन सत्र में जब सदन में जेपीसी की रिपोर्ट आती है। तो सरकार इस रिपोर्ट के बाद वक्फ बोर्ड कानून से जुड़े संशोधन बिल पर क्या एक्शन लेती है।