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क्या मोदी के दोस्त के साथ हुई साजिश, आखिर क्यों करना पड़ा इतना बड़ा ऐलान ?

Odisha में चुनाव के बीच सीएम नवीन पटनायक की एक ऐसी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। जिससे उनके उत्तराधिकारी वीके पांडियन पर जहां सवाल उठ रहे हैं। तो वहीं ओडिशा जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐलान कर दिया हम इसकी जांच कराएंगे। कि कहीं इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है।
क्या मोदी के दोस्त के साथ हुई साजिश, आखिर क्यों करना पड़ा इतना बड़ा ऐलान ?
देश में लोकसभा चुनाव के साथ साथ ओडिशा में विधानसभा चुनाव भी चल रहे हैं। जहां एक तरफ 24 साल से सत्ता संभाल रहे नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी है। तो वहीं दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी की बीजेपी है ।दोनों के बीच जबरदस्त चुनावी घमासान चल रहा है ।तो वहीं इसी बीच सीएम नवीन पटनायक की एक ऐसी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई ।जिससे उनके उत्तराधिकारी वीके पांडियन पर जहां सवाल उठ रहे हैं । तो वहीं ओडिशा जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ऐलान कर दिया हम इसकी जांच कराएंगे। कि कहीं इसके पीछे कोई साजिश तो नहीं है। 




दरअसल 77 साल के सीएम नवीन पटनायक ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि अब उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। शायद इसीलिये उन्होंने समय रहते ही पूर्व आईएएस अफसर वीके पांडियन को अपना उत्तराधिकारी बना दिया।  जो चुनावी रैलियों में भी अक्सर सीएम पटनायक के साथ नजर आते हैं। जिसकी एक ऐसी वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें जनता को संबोधित करने के दौरान सीएम पटनायक के हाथ कांप रहे थे। और इससे भी हैरान करने वाली बात तो ये है कि उनके बगल में खड़े वीके पांडियन सीएम पटनायक के कांपते हाथ को छुपाने की कोशिश कर रहे थे।लेकिन इस कोशिश में नाकाम साबित हुए और सोशल मीडिया पर यही वीडियो तेजी से वायरल हो रही है। जिस पर पीएम मोदी की नजर पड़ी।तो उन्होंने 29 मई को ओडिशा के मयूरभंज इलाके में एक रैली के दौरान इस मुद्दे का जिक्र छेड़ते हुए कहा। "पिछले एक साल में अचानक नवीन बाबू की तबीयत इतनी कैसे बिगड़ गई।उनकी तबीयत बिगड़ने के पीछे क्या कोई साजिश है "। 



ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को पीएम मोदी अपना दोस्त बताते रहे हैं।  यही वजह है कि उनकी हालत पीएम मोदी से देखी नहीं गई। उन्होंने भरे मंच से इस मुद्दे को लेकर सवाल उठाया कि। कहीं इसके पीछे उस लॉबी का हाथ तो नहीं है जो नवीन बाबू के नाम पर पर्दे के पीछे से ओडिशा में सत्ता भोग रहे हैं। इस रहस्य से पर्दा उठना जरूरी है । और इसकी जांच । दस जून के बाद बीजेपी सरकार आने पर इसकी जांच कराएगी। 

ये बात तो जगजाहिर है पटनायक की पार्टी और बीजेपी के बीच भले ही कोई गठबंधन ना रहा हो। लेकिन बात जब लोकसभा में मोदी सरकार का साथ देने की आती है तो। कई मुद्दों पर पटनायक की पार्टी बीजेडी ने मोदी सरकार का साथ दिया था । लेकिन इसके बावजूद बीजेपी नवीन पटनायक के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। क्योंकि यही लोकतंत्र है । जहां नेता भले ही सत्ता के लिए एक दूसरे से लड़ते भिड़ते रहे हों। लेकिन चुनाव बाद नेताओं के बीच बेहतर रिश्ते देखने को मिलते हैं । इसका सबसे बड़ा उदाहरण खुद पीएम मोदी हैं । जिनकी सरकार ने ।  प्रणब मुखर्जी । नरसिम्हा राव जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को भारत रत्न जैसे बड़े सम्मान से नवाजा तो वहीं सपाई नेता मुलायम सिंह को भी पद्म विभूषण से नवाजा । यही वजह है कि खुद पीएम मोदी ने बताया कि दोस्त होने के बावजूद उनकी पार्टी पटनायक के खिलाफ चुनाव क्यों लड़ रही है। 

पीएम मोदी का ये बयान बता रहा है कि चुनावों में भले ही नेताओं के खिलाफ जोरदार बयानबाजी करते रहे हों।  लेकिन एक बार चुनाव बीत जाने के बाद वो खुद विपक्षी नेताओं से बात करते हैं ।  उन्हें समझाते हैं कि उनके साथ उनकी कोई निजी दुश्मनी नहीं है।  और यही बात ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के लिए भी लागू होती है। जिन्हें पीएम मोदी अपना दोस्त मानते हैं।  तो वहीं चुनावों में उनकी सरकार के खिलाफ हमला भी बोल रहे हैं। और इस बार तो मयूरभंज में रैली के दौरान यहां तक कह दिया कि ओडिशा में बीजेपी सत्ता में आएगी तो इसकी जांच कराएगी कि सीएम पटनायक के खिलाफ कोई साजिश तो नहीं हो रही है । वैसे पटनायक की हालत देख कर आपको क्या लगता है।  क्या उनके खिलाफ साजिश हुई है। 
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