हमें भी देखना है कि भाजपा वाकई में हिंदुत्ववादी पार्टी है भी या नहीं - संजय राउत
मुंबई के दादर इलाके में 80 साल पुराने हनुमान मंदिर के तोड़ने का विवाद गर्माता जा रहा है। संजय राउत ने शनिवार को कहा, वो मंदिर तोड़कर दिखाए, हमें भी देखना है कि भाजपा वाकई में हिंदुत्ववादी पार्टी है भी या नहीं। संजय राउत बोले, हिंदुत्व किसी के बाप का नहीं है। उनको हिंदुत्व किसने सीखाया।
मुंबई के दादर इलाके में स्थित हनुमान मंदिर को अवैध बताकर रेलवे विभाग की तरफ से नोटिस देने का मामला गर्माता जा रहा है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा 'वो' मंदिर तोड़कर दिखाए, हमें भी देखना है कि भाजपा वाकई में हिंदुत्ववादी पार्टी है भी या नहीं। साथ ही दावा किया कि पार्टी को हिंदुत्व की राह बालासाहेब ठाकरे ने दिखाई थी।
हिंदुत्व किसी के बाप का नहीं है - संजय राउत
मुंबई के दादर इलाके में 80 साल पुराने हनुमान मंदिर के तोड़ने का विवाद गर्माता जा रहा है। संजय राउत ने शनिवार को कहा, वो मंदिर तोड़कर दिखाए, हमें भी देखना है कि भाजपा वाकई में हिंदुत्ववादी पार्टी है भी या नहीं। संजय राउत बोले, हिंदुत्व किसी के बाप का नहीं है। उनको हिंदुत्व किसने सीखाया।
राउत ने आगे कहा, “80 साल पुराने मंदिर को तोड़ने को लेकर किसी से चर्चा भी नहीं की गई। इस मंदिर में हजारों लोग प्रतिदिन श्रद्धा से पूजा पाठ करने जाते है, श्रद्धालुओं में भाजपा को वोट करने वाले लोग भी होंगे। विकास के नाम पर पहले उन्होंने मुंबई के पेड़ों को काटा, इमारत तोड़ी और अब मंदिरों पर उनकी नजर है।”
उन्होंने बताया, शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने भाजपा को उंगली पकड़कर हिंदुत्व के रास्ते पर ले जाने का काम किया, लेकिन उन्होंने उस रास्ते पर भी हिंदुत्व के नाम पर गड्ढा खोद कर रख दिया है। राउत ने कहा, “शिवसेना (यूबीटी) का हिंदुत्व भाजपा की तरह सिर्फ वोट के लिए नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) के लिए हिंदुत्व जीवन और संस्कृति है। लेकिन भाजपा के हिंदुत्व को फरसा लेकर गुजरात घूमना पड़ता है। अगर उनमें हिम्मत है तो वीर सावरकर को भारत रत्न देकर दिखाएं।”
हनुमान मंदिर पर बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा, “शनिवार शाम चार बजे शिवसेना यूबीटी मंदिर में महाआरती करने वाली है। इसमें पार्टी के कई युवा कार्यकर्ता शामिल होंगे।अगर भाजपा हिंदुत्ववादी हैं, तो वो भी आरती में आ सकते हैं।”
बता दें कि इससे पहले चार दिसंबर को मध्य रेलवे द्वारा मंदिर के ट्रस्टियों और पुजारी को नोटिस जारी करके मंदिर को अवैध कब्जा बताते हुए सात दिन के अंदर हटाने को कहा गया था। रेलवे ने अपने नोटिस में कहा था कि मंदिर के अवैध कब्जे से वहां यातायात में बाधा उत्पन्न होती है और दादर स्टेशन पर रेलवे द्वारा जारी विकास कार्यों में भी अड़चन आ रही है।
Input: IANS