Yogi सरकार ने ऐसा क्या किया कि Priyanka Gandhi ने बोल दिया- जो तुमको हो पसंद, वही बात कहेंगे ?
दरअसल, योगी सरकार उत्तर प्रदेश डिजिटल मीडिया नीति 2024 के नाम से एक नई सोशल मीडिया पॉलिसी लेकर आई है, जिसके तहत सोशल मीडिया चलाने वालों को योगी सरकार पैसे देगी।
सोशल मीडिया के लिए पॉलिसी
ट्विटर (X), फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब चलाने वालों को सब्सक्राइबर/फॉलोवर्स के आधार पर 4 श्रेणियों में बांटा गया है: 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 2 लाख रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे।
यूट्यूब के लिए पॉलिसी
यूट्यूब पर वीडियो, शॉर्ट्स, पॉडकास्ट के लिए योगी सरकार 8 लाख, 7 लाख, 6 लाख और 4 लाख रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे।
सोशल मीडिया और यूट्यूब चलाने वालों को भुगतान देने के लिए योगी सरकार ने पॉलिसी बनाई तो विपक्ष इस पॉलिसी के विरोध में उतर गया। सबसे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक गाने के जरिए योगी सरकार पर तंज मारते हुए कहा कि -"जो तुमको हो पसंद, वही बात कहेंगे। तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे। यूपी सरकार की सोशल मीडिया पॉलिसी में न्याय मांग रही महिलाओं की आवाजें किस श्रेणी में आएंगी? 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले में उठने वाले सवाल किस श्रेणी में आएंगे? भाजपा नेताओं-विधायकों द्वारा भाजपा सरकार की पोल-पट्टी खोलना किस श्रेणी में आएगा? 'तुम दिन को कहो रात तो रात, वरना हवालात' नीति सच को दबाने का एक और तरीका है। क्या भाजपा लोकतंत्र और संविधान को कुचलने से ज्यादा कुछ सोच ही नहीं सकती?"
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जहां गाने के बहाने योगी सरकार की डिजिटल नीति पर सवाल उठाया, तो वहीं सपाई मुखिया अखिलेश यादव ने शायरी मारकर योगी सरकार पर तंज मारा। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा -"हम बांट रहे हैं दाने, गाओ हमारे गाने, जेल तुम्हारा घर है, अगर हुए बेगाने, यही है यूपी की भाजपा सरकार की नयी सोशल मीडिया पॉलिसी का सच। ये तरफदारी के लिए दी जाने वाली भाजपाई घूस है। भाजपा अपनी करतूतों पर परदा डालने के लिए सरकार के चरणों में पड़े रहनेवाले नये जमाने के चारण पैदा करना चाह रही है। भाजपा भ्रष्टाचार की थाली में झूठ परोस रही है। जनता के टैक्स के पैसे से आत्म प्रचार एक नये तरीके का भ्रष्टाचार है, निंदनीय!"
योगी सरकार सोशल मीडिया पॉलिसी लेकर आई तो कांग्रेस और सपा जैसी विपक्षी पार्टियां आरोप लगाने लगीं कि सरकार पैसे देकर खुद की तारीफ करवाना चाहती है। जबकि हकीकत यह है कि शायद ही कोई ऐसी पार्टी होगी जिसके पक्ष में कोई ना कोई यूट्यूब चैनल वाली खबर ना चलाती हो। लेकिन इसके बावजूद सपा और कांग्रेस योगी सरकार की सोशल मीडिया नीति पर सवाल उठा रही हैं। क्योंकि सरकार ने भुगतान की जो शर्तें रखी हैं, उनके मुताबिक सोशल मीडिया और यूट्यूब पर किसी भी स्थिति में कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए। इतना ही नहीं, आपत्तिजनक कंटेंट अपलोड किए जाने पर संबंधित एजेंसी या फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। बहरहाल, सरकार की इस डिजिटल नीति का सपा और कांग्रेस तो विरोध कर रही हैं, लेकिन आपका क्या कहना है? अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।