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वृंदावन में ऐसा क्या हुआ जो अचानक से क्रोधित हो गए संत प्रेमानंद महाराज

। प्रेमंदन माहराज का आरोप है कि वृंदावन के छटीकरा इलाकें में रातों-रात सैकड़ों पेड़ों की कटाई कर दी गई है। उन्होंने ब्रज के पेड़ों की महिमा बताते हुए कहा कि बृज के वृक्ष तो महात्मा हैं और उन्हें काटा जाना घोर पाप है।
वृंदावन में ऐसा क्या हुआ जो अचानक से क्रोधित हो गए संत प्रेमानंद महाराज
मथुरा के वृंदावन में हरे पड़ो की कटाई के मामलें में संत प्रेमानंद महाराज का बड़ा बयान सामने आया है। प्रेमंदन माहराज का आरोप है कि वृंदावन के छटीकरा इलाकें में रातों-रात सैकड़ों पेड़ों की कटाई कर दी गई है। उन्होंने ब्रज के पेड़ों की महिमा बताते हुए कहा कि बृज के वृक्ष तो महात्मा हैं और उन्हें काटा जाना घोर पाप है। पवित्र भूमि पर वृक्षों का काटा जाना हृदय को व्यथित कर देने वाला है। जानकारी के मुताबिक़ 18 सितंबर को भू मफ़ियाओं के द्वारा लगभग 300 से अधिक पेड़ों को काटा गया। जिस पर प्रेमानंद महाराज क्रोधित है। 


संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी कथा के दौरान मौजूद श्रद्धालुओं को बताया कि  "विश्व में सबसे बड़ा भाग्यशाली वही जिसने वृंदावन को अपना मान लिया। मेरो वृंदावन,प्राण वृंदावन, सर्वस्व वृंदावन, जीवन वृंदावन।" प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा की  आज के समय में दुर्भाग्य का उदय हो रहा है कि वृंदावन ब्रज क्षेत्र की लताओं का हनन हो रहा है। इसके आठ ही उन्होंने अपने एक शिष्य द्वारा बताई गई बाटो का भी ज़िक्र करते हुए कहा कि एक ब्रजवासी हमारे पास आए और उन्होंने कहा रातों-रात मशीन लगाकर सैकड़ों पेड़ों को काट दिया गया। इन वृक्षों को तैयार होने में दशकों का समय लग जाता है। उन्होंने कहा कि "ऐसे तो कही के भी वृक्षों की कटाई नहीं होनी चाहिए लेकिन धाम के वृक्ष, चौरासी कोश के वृक्ष महात्मा है। ये घोर अपराध है। उन्होंने ये भी कहा कि वृंदावन की एक भी लता काटने से करोड़ों ब्रह्महत्या और गौ हत्या का पाप लगता है।" अपने प्रवचन के दौरान उन्होंने चौरासी कोश की परिक्रमा मार्ग के बारे में बताते हुए ये कहा कि इस मार्ग में बड़े-बड़े पेड़ों के नीचे लेटने से श्रद्धालुओं की सारी थकान मिट जाती थी लेकिन आज आधुनिकारण के चक्कर में आज कंकड़ है की भक्तों का पैर छलनी हो जाता है। महराज ने इसे राज का महत्व बताया रोड का नहीं साथ हे उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि आधुनिकता तो बढ़ती जा रही है लेकिन आज कोई इन बातों को सुनने वाला नहीं है। " 

ग़ौरतलब है कि संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन और उनके प्रवचनों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में वृंदावन जाने वाले श्रद्धालु पहुँचते हैं। आपने कई बार तस्वीरों के माध्यम से यह देशा होगा की अभिनय की दुनिया से लेकर, राजनीति जगत से जुड़े अब्दे-बड़े नाम प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद लेते है। ऐसे में अब ये देखना होगा की यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ जो ख़ुद हिंदू सनातन धर्म से जुड़े हुए है गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर है क्या वो अपने ही धर्म ने मनिंद संत की बात ग़ौर करते है या इर आधुनिकीकरण के लिए इनकी बातों को नज़रंदाज़ करते है। 
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