राज्यपाल ने ममता बनर्जी से बात करके दंगों पर क्या आदेश दे दिया ?

वहीं इन सब स्थितियों के बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चेतावनी दी है और कह दिया है कि बंगाल के दंगाई बचेंगे नहीं, उन्हें सख्त सज़ा दी जाएगी, स्थिति को जल्दी से जल्दी कंट्रोल किया जाना चाहिए.
"विरोध के नाम पर सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ा नहीं जा सकता और लोगों के जीवन से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बंगाल के कुछ हिस्सों में कुछ उपद्रव होने की सूचना मिलने पर मेरे और मुख्यमंत्री के बीच गोपनीय चर्चा हुई. अधिकारियों के साथ चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया है कि सरकार उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और उपद्रव को बढ़ने नहीं देगी. उपद्रवियों के खिलाफ हर संभव कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाज़त नहीं दी जाएगी. बंगाल शांति का हकदार है."
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने जिस तरह से ममता सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रित किया जाए और बंगाल शांति का हकदार है, उससे समझा जा सकता है कि अगर आने वाले वक़्त में ममता सरकार स्थिति को नियंत्रित नहीं करती है, तो फिर बड़े एक्शन की तैयारी भी की जा सकती है. और अगर राज्यपाल को लगा कि राज्य सरकार से स्थिति नहीं संभल रही है तो वह भी केंद्र को स्थिति समझाकर बंगाल में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा कर सकते हैं.
"राज्यपाल अनुच्छेद 356 के अधीन सुनिश्चित करता है कि राज्य का प्रशासन संविधान के उपबंधों के अनुसार चले. राष्ट्रपति शासन घोषित करने के लिए राष्ट्रपति को परामर्श देता है."
फिलहाल जिस तरह की स्थिति है, मुर्शिदाबाद के साथ-साथ कई ज़िले जल रहे हैं, उससे तो यही लगता है कि बंगाल में अगर जल्दी सब कुछ ठीक नहीं हुआ तो फिर बड़ा फैसला लिया जा सकता है. भाजपा के नेता भी लगातार यही मांग कर रहे हैं कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए, तभी यहां पर स्थिति ठीक हो पाएगी.
ये मांग सिर्फ इसलिए हो रही है क्योंकि सदन में वक्फ बिल पास हुआ, फिर राष्ट्रपति की मुहर लगने के साथ ही कानून बन गया. ऐसे में तमाम मुस्लिम नेताओं, मौलानाओं ने भड़का कर स्थिति ख़राब की, जिसकी वजह से बंगाल के मुस्लिम सड़कों पर उतर गए. मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, हुगली, भांगर, मालदा जैसी जगहों पर भयंकर बवाल हुआ. मुस्लिमों ने हिंदुओं को टारगेट कर मारा, उनके घर जला दिए. पीड़ित लोगों ने बताया कि उनके घरों में आग लगा दी गई, महिलाओं से अभद्रता की, घर खाली करने की धमकी देते हुए मारा-पीटा.
इसके अलावा लोगों का यह भी कहना है कि जिस तरह से यह हिंसा हुई, यह काफ़ी भयावह बवाल रहा. 50 साल में ऐसी हिंसा नहीं हुई.
बहरहाल, बंगाल में बवाल के बीच अब राष्ट्रपति शासन की मांग उठ रही है. राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी पूरे मामले पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार को चेतावनी दे चुके हैं. ऐसे में देखना होगा कि आगे क्या होता है और बंगाल में स्थिति कब तक ठीक होती है.