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जम्मू-कश्मीर में मतगणना शुरू होते ही उमर अब्दुल्ला को सता रहा किस बात का डर

उमर अब्दुल्ला ने मतगणना के बीच बयान दिया है उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि " आज दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगा पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए ।जनादेश के साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। अगर जनादेश भाजपा के खिलाफ आता है तो भाजपा को कोई जुगाड़ या ऐसी कोई हरकत नहीं करनी चाहिए। हमने गठबंधन इसलिए किया है कि चुनाव में कामयाबी मिले और हमें कामयाबी की उम्मीद भी है।"
जम्मू-कश्मीर में मतगणना शुरू होते ही उमर अब्दुल्ला को सता रहा किस बात का डर
जम्मू कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए वोटो की गिनती जारी है। शुरूआती रुझान में जम्मू कश्मीर में बीते 10 साल में हुए बदलाव का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए निराशा भरी खबर सामने आ रही है। खबर लिखे जाने तक जम्मू कश्मीर के 48 विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्लस नेशनल कांफ्रेंस आगे चल रही है, वहीं बीजेपी महज 28 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। अगर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी की बात करें तो मात्र चार सीटों पर पीडीपी आगे चल रही है वहीं अन्य 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। 


मतगणना के बीच अलग-अलग पार्टी के नेताओं के बयान भी लगातार सामने आ रहे हैं। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मतगणना के बीच बयान दिया है उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि " आज दोपहर तक स्पष्ट हो जाएगा पारदर्शिता बनी रहनी चाहिए ।जनादेश के साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। अगर जनादेश भाजपा के खिलाफ आता है तो भाजपा को कोई जुगाड़ या ऐसी कोई हरकत नहीं करनी चाहिए। हमने गठबंधन इसलिए किया है कि चुनाव में कामयाबी मिले और हमें कामयाबी की उम्मीद भी है।" उमर अब्दुल्ला ने इसके अलावा यह भी कहा कि "मैं अपने सहयोगियों को आज के दिन के लिए शुभकामना देता हूं हमने अच्छी लड़ाई लड़ी है और अब नतीजे भी उसी के अनुरूप होंगे।" बताते चलें की उमर अब्दुल्ला इस विधानसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर के गांदरबल और बडगाम सीट से चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे है। 


गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर का यह विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि 10 साल बाद राज्य में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। राज्य से धारा 370 हटाने के बाद और केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। इस चुनाव को लेकर बीजेपी ने एक तरफ यह दावा किया है कि जम्मू कश्मीर में विजय 10 सालों में काफी बदलाव हुआ है और जनता इस बदलाव को स्वीकार कर रही है तो वहीं बीजेपी को टक्कर देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है और गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। अब कुछ ही घंटे में यह साफ हो जाएगा कि तमाम जादू जहां के बाद जनता का आशीर्वाद किसे प्राप्त होता है।
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