जब 3 बच्चे हुए अनाथ तब CM Dhami ने बढ़ाया मदद का हाथ, हर संभव मदद करने का किया वादा
उत्तराखंड के चमोली जिले के खैनुरी गांव में अनाथ हुए 3 बच्चों की मदद के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाथ बढ़ाते हुए उनके घर जरूरी सामान और सामग्री पहुंचाई। अधिकारियों ने यहां बताया कि मामला संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने चमोली प्रशासन की टीम को अनाथ बच्चों के भरण पोषण और सर्दी से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए।
इस दुनिया में अगर कोई अपना होता है तो वो है माता-पिता, अगर कोई बिना किसी शर्त के प्यार करता है तो वो है माता-पिता, लेकिन अगर वहीं माता-पिता छोड़ कर चले जाए तो उन बच्चों का कोई नहीं होता। जिनके सिर से उनके माता-पिता का साया उठ जए उन्हें हम अनाथ कहते है। उत्तराखंड में भी तीन छोटे-छोटे मासूमों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। संजना, साक्षी और आयुष जिन्हें उनकी मां ने तो 2018 में ही अलविदा कह दिया था। उन्हें अब उनके पिता भी छोड़कर चले गए। मामला उत्तराखंड के चमौली का है। जहां तीन मासूम बच्चे अनाथ हो गए और उनपर आर्थिक संकट टूट पड़ा।
मोदी के नेता ने दिखाई दरियादिली। धामी ने पेश की मानवता की मिसाल। 3 आनाथ बच्चे के बन गए नाथ।
पूरा मामला उत्तराखंड का है। जहां चमौली जिले के खैनुरी गांव में तीन बच्चों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पहले 2018 में इन बच्चों से उनकी मां को भगवान ने छीना और इसी साल ऑक्टूबर में पिता भी इन्हें छोड़कर चल बसे। जैसे ही इस बात का पता राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी को चला, उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाया। पहले तो उन बच्चों के लिए जरूरी सामान भेजा और फिर हर संभव मदद का भरोसा दिया। अधिकारियों ने बताया कि मामला संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री ने चमोली प्रशासन की टीम को अनाथ बच्चों के भरण पोषण और सर्दी से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए।
रविवार को उप निरिक्षक अनुज बंडवाल के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने गांव पहुंचकर सीएम धामी की तरफ से भेजी गई सामग्री उन्हें उपलब्ध कराई। और फिर हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि खैनुरी गांव के रहने वाले नैन सिंह की इस वर्ष अक्टूबर में बीमारी से मृत्यु हो गई जबकि उनकी पत्नी कुसम देवी की मृत्यु 2020 में हो गई थी। माता-पिता की मृत्यु के बाद दंपति की दो बेटियां संजना और साक्षी तथा एक बेटा आयुष बेसहारा हो गए। इससे पहले गांव के प्रधान और ग्रामीण बच्चों को सहारा दे रहें थे। लेकिन इन बच्चों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया था। प्रशासन की टीम ने बच्चों को कम्बल, गर्म कपड़े, फल और पोषण की सामाग्री दिया। और उप निरिक्षक अनुज बंडवाल ने बच्चों के आवास और शौचालय का भी निरिक्षण किया।
मोदी के इस नेता का दिल कितना बड़ा है वो इस कार्य से ही पता चल रहा है। शायद ही किसी सीएम ने इस तरह की दरियादिली दिखाई हो। सीएम की इस पहल से जहां एक तरफ अनाथ बच्चों को नाथ मिला है। वहीं दूसरी तरफ अब इन बच्चों का भविष्य भी अच्छा हो जाएगा। खैर जिस तरह से सीएम धामी ने बच्चों की मदद की है उससे उत्तराखंड में चौतरफा उनकी तारीफ हो रही है।