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विदेशी पत्रकार ने BRICS पर पूछा सवाल तो Jaishankar ने दिया ऐसा जवाब कि तहलका मच गया !

कहते हैं विदेश मंत्री एस जयशंकर का दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है और वो ये बात भी अच्छी तरह से जानते हैं कि कब और किस मौके पर मुंहतोड़ जवाब देना है जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे, एक बार फिर उनका यही अंदाज देखने को मिला जब विदेशी पत्रकार ने BRICS पर सवाल पूछ लिया, क्या है पूरा मामला देखिये ये रिपोर्ट।
विदेशी पत्रकार ने BRICS पर पूछा सवाल तो Jaishankar ने दिया ऐसा जवाब कि तहलका मच गया !

बात पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की हो या फिर पश्चिमी देशों को उनकी औकात बताने की, वक्त आने पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर हेकड़ी निकालने में जरा भी देर नहीं लगाते हैं। वह दिखने में भले दुबले-पतले हों, लेकिन उनकी बातों में वजन होता है, क्योंकि उनका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है। और वह यह बात भी अच्छी तरह से जानते हैं कि कब और किस मौके पर मुंहतोड़ जवाब देना है, जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे।टीम मोदी के सबसे ताकतवर चेहरों में से एक जयशंकर का यही स्टाइल एक बार फिर देखने को मिला जब वह स्विट्जरलैंड के दौरे पर गए थे। वहां जेनेवा में आयोजित ग्लोबल सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी कार्यक्रम में एक विदेशी पत्रकार ने पूछ लिया कि BRICS समूह क्यों बना है और इसके विस्तार पर आप क्या सोचते हैं?

विदेशी धरती पर बैठे कर फिर दहाड़े जयशंकर

विदेशी पत्रकार ने जैसे ही BRICS यानि ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका के संगठन के बारे में सवाल किया, हाजिरजवाबी में माहिर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया...

"ईमानदारी से कहूं तो ब्रिक्स क्लब इसलिए बना क्योंकि जी-7 नाम का एक क्लब पहले से था, आप उस क्लब में किसी को घुसने नहीं देते थे, तो हमने कहा कि हम अपना क्लब खुद बनाएंगे। हम अच्छे खासे देश के अच्छे नागरिक हैं, जिनकी वैश्विक समाज में अपनी जगह है। ऐसे ही क्लब बनते हैं, ऐसे ही यह शुरू हुआ। दूसरे क्लब की ही तरह वक्त के साथ यह खड़ा हुआ, दूसरों को भी इसकी अहमियत समझ में आई। यह एक दिलचस्प समूह है। दूसरे समूह भौगोलिक या मजबूत आर्थिक कारणों से एक दूसरे से जुड़े होते हैं मगर ब्रिक्स में रूस, चीन, ब्राजील, भारत, साउथ अफ्रीका जैसे देश हैं। इन देशों में कॉमन यह था कि बड़े देश वैश्विक व्यवस्था में ऊपर उठ रहे हैं।"

जी-7 ग्रुप का नाम लेकर पश्चिमी देशों पर तंज मारने वाले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेशी पत्रकार को अच्छी तरह से समझा दिया कि जी-7 वाले भले ही भारत को इस संगठन में जगह ना दें, लेकिन भारत वाला ब्रिक्स संगठन भी अब इतना ताकतवर हो गया है कि पश्चिमी देश भी उसकी अहमियत को समझने लगे हैं। बात यहीं खत्म नहीं होती। अब कई देश ब्रिक्स से जुड़ने में भी दिलचस्पी दिखाने लगे हैं। यह बात अच्छी तरह से समझाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया..

"बीते कुछ सालों में हमने देखा कि कई और देश इससे जुड़ना चाहते हैं। हमने पिछले साल जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स के विस्तार का फैसला किया। हमने नए देशों को न्योता भेजा। हम अगले महीने रूस के कजान में इस समूह की बैठक के लिए मिलने वाले हैं। ब्रिक्स के तहत हमने न्यू डेवलपमेंट बैंक बनाया। जरूरी नहीं है कि हर मुद्दे पर हमारी सोच एक जैसी हो।"

आपको बता दें, G7 एक ऐसा संगठन है जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। साल 2014 से पहले इस संगठन में रूस भी था। तब इसे G8 संगठन कहा जाता था, लेकिन यूक्रेन के साथ युद्ध की वजह से उसे ग्रुप से बाहर कर दिया गया, जिससे अब सात देश ही बचे हैं। इसीलिए इसे G7 कहते हैं। वहीं, BRICS संगठन में रूस, चीन, भारत, साउथ अफ्रीका और ब्राजील शामिल हैं। इसके गठन के वक्त पश्चिमी देशों ने कोई भाव नहीं दिया, लेकिन समय के साथ यह संगठन इतना मजबूत होता गया कि अब BRICS को G7 के टक्कर का देखा जाने लगा है। इतना ही नहीं, BRICS में ईरान, इजिप्ट, इथियोपिया, यूएई को भी शामिल करने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं, सऊदी अरब और तुर्की भी इस ग्रुप में शामिल होना चाहते हैं।

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