नए सांसद चंद्रशेखर ने CM Yogi को दिलाई पद की गरिमा की याद तो लोगों ने दिया क्या जवाब | Bahraich
बहराइच कांड: पहली बार सांसद बने चंद्रशेखर ने की पांच बार के सांसद और दो बार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद की गरिमा की याद दिलाने की कोशिश तो देखिये लोगों ने कैसे क्लास लगाई !
उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रहे CM Yogi Adityanath। आज से राजनीति में नहीं हैं। 1998 में पहली बार जब जिला गोरखपुर से सांसद बने थे। उस वक्त उनकी उम्र महज 26 साल थी। और इसके बाद लगातार पांच बार इसी गोरखपुर से सांसद बने। इतना ही नहीं साल 2017 में पहली बार यूपी जैसे सबसे बड़े राज्य की सत्ता संभाली। उसके बाद साल 2022 के चुनाव में लगातार दूसरी बार अपने काम के दम पर सत्ता संभाली। राजनीति का इतना लंबा चौड़ा अनुभव रखने वाले योगी आदित्यनाथ को अब पहली बार सांसद बने चंद्रशेखर सिखाने चले हैं कि। जिस पद पर वो बैठे हैं। उस पद की संवैधानिक गरिमा होती है।
दरअसल बहराइच कांड के बाद लगातार योगी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। सपाई अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो सीधे पुलिस प्रशासन पर इस घटना का ठीकरा फोड़ दिया। और सवाल उठा दिया कि आखिर जानबूझ कर मुस्लिम क्षेत्र का रूट क्यों तय किया गया।
अखिलेश यादव ने जहां मुस्लिम क्षेत्र से मूर्ति विसर्जन यात्रा निकाले जाने पर ही सवाल उठा दिया। तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने भी बहराइच कांड पर दुख जताते हुए योगी सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि।"बहराइच में हो रही हिंसा और प्रशासन के निष्क्रिय होने की खबरें बहुत ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं, मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री जी और राज्य प्रशासन से अपील करती हूं कि तुरंत एक्शन लेते हुए, जनता को विश्वास में लें और हिंसा रोकें, दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो, जनता से मेरी हाथ जोड़ कर अपील है कि कृपया कानून अपने हाथ में न लें और शांति बनाए रखें"
विपक्ष में अखिलेश यादव भी हैं। और प्रियंका गांधी भी हैं। और दोनों ने ही बेहद संयमित तरीके से अपनी बात भी रखी।और योगी सरकार पर निशाना भी साधा। लेकिन नगीना से पहली बार सांसद बने चंद्रशेखर ने तो योगी को सीधे पद की गरिमा की याद दिला दी। और एक ट्वीट में कहा कि। "भाजपा शासित उत्तर प्रदेश के जनपद बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान प्रशासनिक लापरवाही के कारण पूरा जनपद आग की लपेटों में जला, योगी आदित्यनाथ जी आप जिस पद पर हैं उस पद की संवैधानिक गरिमा होती है, मेरा आपसे निवेदन है कि आम जनता को अपनी हठधर्मिता की भेंट न चढ़ाएं, दंगों में संलिप्त दोषियों पर कड़ी कार्यवाही के साथ-साथ जन साधारण में विश्वास व सुरक्षा बहाली की जाए "
योगी को उनके पद की गरिमा याद दिलाने चले चंद्रशेखर को जल्द ही बयान देना भारी पड़ गया। जब सोशल मीडिया पर लोग उनकी क्लास लगाने लगे। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा। " ज्ञान बांट रहे हो, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश है और यहां माहौल बिगाड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा, भोले-भाले हिन्दुओं की भावनाओं को भड़का कर जो सीट जीत लिए हो, उसका आनंद लो, महाराज जी को पद की गरिमा का पाठ पढ़ाने की न तो तुम्हारी योग्यता है, न हैसियत ही"
अमित पांडेय नाम के एक यूजर ने लिखा। "तुमसे ज्यादा मालूम है जनता, प्रशासन और सरकार को इसलिए शान्ति से देखो बस, सरकार सब नियंत्रण करने में सक्षम है"
एक सोशल मीडिया यूजर ने तो सांसद चंद्रशेखर ने यहां तक सलाह दे डाली कि। टॉर्च लेकर सूरज को रोशनी नहीं दिखाते हैं और हां अब अपराधी पाताल लोक भी चले जाएं तो उनका अंजाम वही होगा जो होना है उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा
सांसद चंद्रशेखर ने सात साल से यूपी की सत्ता संभाल रहे सीएम योगी को पद की गरिमा याद दिलाने की कोशिश की। तो सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह से लोगों ने क्लास लगाई। तो वहीं बात करें बहराइच कांड पर योगी सरकार के एक्शन की। तो आपको बता दें। खुद सीएम योगी ने तेरह अक्टूबर की रात को ही एक ट्वीट में कह दिया था कि। "जनपद बहराइच के महसी में माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, सभी को सुरक्षा की गारंटी, लेकिन उपद्रवियों और जिनकी लापरवाही से घटना घटी है, ऐसे लोगों को चिह्नित कर कठोर से कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, प्रतिमा विसर्जन जारी रहेगा, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को मौके पर उपस्थित रहकर धार्मिक संगठनों से संवाद कर समय से प्रतिमा विसर्जन कराने के लिए निर्देशित किया है"
योगी का ये बयान बता रहा वो बहराइच कांड को लेकर कितने सख्त हैं। यही वजह है कि बहराइच में तेज तर्रार पुलिस अफसर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहे जाने वाले एसटीएफ चीफ अमिताभ यश को भी उतार दिया है। यानि बहराइच कांड के पीछे जो भी दोषी पाए जाएंगे। उनके खिलाफ एक्शन होना तय माना जा रहा है। क्योंकि इससे पहले भी इस तरह की घटनाओं के खिलाफ योगी सरकार सख्त एक्शन ले चुकी है।