Police ने JPNIC जाने से रोका तो भड़क गये Akhilesh, पुलिस वाले को ही दे दी धमकी !
Akhilesh Yadav अपने समर्थकों के साथ जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर यानि JPNIC जाकर जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण करना चाहते थे लेकिन योगी की पुलिस ने उन्हें जाने दिया जिससे अखिलेश यादव इस कदर भड़क गये कि आव देखा ना ताव, सीधे पुलिस वालों को धमकी दे दी !
देश पर आपातकाल थोपने वालीं कांग्रेस नेता और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ जनआंदोलन का बिगुल फूंक कर इंदिरा सरकार की चूलें हिला देने वाले दिग्गज समाजवादी नेता जेपी नारायण की 11 अक्टूबर को जयंती है। और पिछले साल की तरह इस बार भी जेपी जयंती के दिन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने राजधानी लखनऊ की सड़कों पर उतर कर बवाल काट दिया। क्योंकि Akhilesh Yadav समर्थकों के साथ जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर यानि JPNIC जाकर जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण करना चाहते थे। लेकिन योगी की पुलिस ने उन्हें जाने दिया। जिससे अखिलेश यादव इस कदर भड़क गये कि आव देखा ना ताव। सीधे पुलिस वालों को धमकी दे दी।
दरअसल पिछले साल भी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके समर्थकों ने जेपीएनआईसी में जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने को लेकर बवाल किया था। क्योंकि योगी सरकार ने उस वक्त भी अखिलेश को रोकने के लिए बैरेकेडिंग लगवा दी थी। लेकिन इसके बावजूद अखिलेश बैरेकेडिंग फांद कर जेपीएनआईसी पार्क पहुंच गये। जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने।
बैरेकेडिंग फांद कर जेपीएनआईसी के अंदर घुसने वाले अखिलेश यादव की ये वीडियो आज भी सोशल मीडिया पर वायरल होती रही है। तो वहीं कुछ इसी तरह का बवाल इस बार भी 11 अक्टूबर को हुआ। जब अखिलेश यादव जेपीएनआईसी जाने की जिद पर अड़ गये। लेकिन इस बार योगी सरकार ने और ऊंचा बेरिकेड लगवा दिया था। तो वहीं भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था। जिससे अखिलेश यादव अंदर नहीं जा सके। शायद यही वजह है कि अखिलेश यादव ने सारा गुस्सा एक पुलिस वाले पर उतार दिया। जब उन्होंने धमकाते हुए यहां तक कह दिया कि। देखते हैं कब तक खड़े रहोगे। 6 महीना या एक साल।
खुद पांच साल तक यूपी की सत्ता में रह चुके अखिलेश यादव कम से कम ये बात तो अच्छी तरह से जानते होंगे कि। पुलिस वालों की उनसे कोई निजी दुश्मनी नहीं है। वो तो बस सरकार के आदेश का पालन ही करते हैं। लेकिन इसके बावजूद अखिलेश यादव ने धमकी भरे अंदाज में यहां तक कह दिया कि देखते हैं कब तक यहां खड़े रहते हो। छ महीने या एक साल और अब उनकी इसी धमकी को लेकर सोशल मीडिया पर तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
एक सोशल मीडिया यूजर ने पुलिस के खिलाफ अखिलेश के इस रवैये पर लिखा। "इस धमकी के साथ ही अखिलेश यादव ने ये बता दिया ये लोग पुलिस कर्मियों का उपयोग कैसे करते हैं?
शिवा नाम के एक एक्स यूजर ने तो यहां तक लिख दिया। " ये है अखिलेश यादव की गुंडई उत्तर प्रदेश पुलिस का मजाक उड़ाया जा रहा है'
कमल सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा । "समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश भाई खुली धमकी दे रहे हैं एक यूपी के पुलिस अधिकारी को, अगर कभी गलती से ऐसे लोग सता में आ गए तो समझो क्या हाल होगा यूपी के लोगों का और प्रशासन का"
विवेक मिश्रा नाम के एक यूजर ने लिखा। "अखिलेश यादव आपको पता भी है आपातकाल क्या था, इंदिरा ने क्या किया था देश के साथ, उसी आपातकाल का विरोध किया था जयप्रकाश नारायण जी ने और आज सपाई उसी कांग्रेस की गोद मे बैठकर अठखेलियां कर रहे हैं, शर्म आनी चाहिए तुम जैसे सत्ता के लोभियों को बाकी पुलिस को धमकी देकर गुंडागर्दी दिखा ही दी"
पुलिस के खिलाफ अखिलेश के इस रवैये को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ इसी तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। क्योंकि खुद यूपी में पांच साल सत्ता संभालने के बावजूद अखिलेश यादव ने पुलिस के खिलाफ इस तरह का व्यवहार किया। वैसे एक बात और बता दूं। अखिलेश यादव को अगर वाकई जय प्रकाश नारायण का सम्मान ही करना था। तो सबसे पहले उन्हें कांग्रेस से गठबंधन तोड़ना चाहिए था। क्योंकि यही वो कांग्रेस थी। जिसके राज में देश पर आपातकाल थोपा गया। और इसी आपातकाल के खिलाफ जेपी नारायण ने जन आंदोलन खड़ा कर दिया था। लेकिन इसके बावजूद अखिलेश यादव उसी कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रहे हैं। इसी बात से समझ सकते हैं कि अखिलेश यादव क्यों जेपीएनआईसी में जाकर ही जेपी की मूर्ति पर माल्यार्पण करना चाहते थे। वो ये बात अच्छी तरह से जानते थे कि अगर जेपीएनआईसी जाएंगे तो विवाद होगा। और विवाद होगा तो उन्हें मुफ्त की मीडिया कवरेज मिलेगी। और हुआ भी वही।