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अंबेडकर को लेकर शुरू हुआ हंगामा तो प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को दिखाया आईना

कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टीयों ने अमित शाह समेत पूरी बीजेपी से माफ़ी ममांगने की मांग की है। इस पूरे बयानबाज़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एंट्री भी हो गई है।
अंबेडकर को लेकर शुरू हुआ हंगामा तो प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को दिखाया आईना
देश की राजनीति में इस वक़्त संविधान के निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर को लेकर राजनीतिक पारा आसमान छू रहा है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधीतौर पर बयानबाज़ी चल रही है। सदन के अंदर बीआर आंबेडकर  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलवार दिखाई दे रही है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टीयों ने अमित शाह समेत पूरी बीजेपी से माफ़ी ममांगने की मांग की है। इस पूरे बयानबाज़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एंट्री भी हो गई है। PM मोदी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा "कांग्रेस ने जो डॉ अम्बेडकर का अपमान किया है, वो किसी से छिपा नहीं है, एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने की कोशिश की है।" 


अमित शाह के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों से जैसे ही बीजेपी को माफ़ी मांगने को लेकर प्रदर्शन शुरू किया तो इस मुद्दे पर ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एंट्री मारी है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के एक्स पर लगातार पोस्ट करते हुए कांग्रेस पर तगड़ा पलटवार किया है। एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा। "भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है। कांग्रेस ने दो बार बाबा साहेब को चुनाव में हराने की चाल चली। पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार कर दिया गया। कांग्रेस ने उनकी तस्वीर को संसद के सेंट्रल हॉल में गौरव का स्थान देने से इनकार किया।" इसके साथ पीएम मोदी ने अपने एक अन्य पोस्ट में बीजेपी द्वारा अंबेडकर के सम्मान में किए गए काम का ज़िक्र करते हुए लिखा "हमारी सरकार ने डॉ. अंबेडकर से जुड़े पांच प्रतिष्ठित स्थानों पंचतीर्थ को विकसित करने का काम किया है। दशकों से चैत्य भूमि की जमीन को लेकर मामला लंबित था। हमारी सरकार ने न केवल इस मुद्दे को सुलझाया, बल्कि मैं वहां प्रार्थना करने भी गया हूं।'हमने दिल्ली में 26, अलीपुर रोड का भी विकास किया है, जहां डॉ. अंबेडकर ने अपने अंतिम वर्ष बिताए थे। वह लंदन में जिस घर में रहते थे, उसे भी सरकार ने अधिग्रहित कर लिया है।जब डॉ. अम्बेडकर की बात आती है, तो हमारा सम्मान और श्रद्धा पूर्ण है। " 


इसके साथ ही पीएम मोदी ने यह भी कहा कि "डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के कारण है कि हम जो कुछ भी हैं! हमारी सरकार ने पिछले दशक में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए अथक प्रयास किया है। किसी भी क्षेत्र को लीजिए - चाहे वह 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना हो, एससी/एसटी अधिनियम को मजबूत करना हो, हमारी सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना और भी बहुत कुछ हो, इनमें से प्रत्येक ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। गरीब और हाशिए पर हैं।" 


शाह का वो बयान जिस पर शुरू हुआ बवाल 

सदन में केंद्रीय गृहमंत्री शाह आज़ाद भारत के पहली सरकार को लेकर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की पहली कैबिनेट से बीआर आंबेडकर के इस्तीफे का जिक्र किया। उन्होंने कांग्रेस से इशारों इशारों में पूछा आख़िर संविधान के निर्माता को कैबिनेट से इस्तीफ़ा क्यों देना पड़ा था। इसी के बाद उन्होंने यह भी कह दिया की "अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर.... इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’


अब देखना होगा की अंबेडकर के नाम पर शुरू हुआ बीजेपी और कांग्रेस के बीच ज़ुबानी जंग कब तक जारी रहती है। क्योंकि एक तरफ़ बीजेपी से माँफी मांगने के लिए कांग्रेस एड़ी हुई है, वही दूसरी तरफ़ सत्ता पक्ष की तरफ़ से ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से कमान सम्भाली है उसका क्या असर होता है। या फिर ये विवाद अभी और बढ़ेगा। 
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