Gorakhpur की सड़कों पर निकले Yogi तो मुसलमानों ने लुटाया प्यार
अपनी राजनीति चमकाने के लिए मायावती, अखिलेश यादव, ओवैसी जैसे देश के तमाम नेता भले सीएम योगी पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगाते रहे हैं, ऐसे योगी विरोधियों को गोरखपुर से आई एक तस्वीर ने मुंहतोड़ जवाब दिया !
उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रहे भगवाधारी CM Yogi Adityanath को मुस्लिम विरोधी बताना कोई नई बात नहीं है। कभी यूपी की मुख्यमंत्री रहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती खुद ये आरोप लगा चुकी हैं कि योगी राज में सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ ही बुल्डोजर चलता है। तो वहीं ओवैसी जैसे नेता भी सीएम योगी पर नफरत भरे भाषण के जरिये मुसलमानों को निशाना बनाने का आरोप लगा चुके हैं। लेकिन हकीकत क्या है। ये जानना है तो। जिला गोरखपुर से आई ये तस्वीर देख लीजिये।
अपनी राजनीति चमकाने के लिए मायावती। अखिलेश यादव। ओवैसी जैसे देश के तमाम नेता भले सीएम योगी पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगाते रहे हों। लेकिन सच्चाई यही है कि सीएम योगी अगर वाकई मुसलमानों से नफरत करते तो गोरखपुर से ये तस्वीर सामने नहीं आती। जहां दशहरे के दिन जब सीएम योगी शोभायात्रा निकाल रहे थे। तो खुद कई मुसलमान इस शोभा यात्रा में नजर आए। और कुछ मुसलमानों ने तो सीएम योगी को माला भी भेंट की। जिसकी गवाह हैं ये तस्वीरें।
दरअसल 12 अक्टूबर को जब देश भर में दशहरा मनाया जा रहा था । तो उसी दिन सीएम योगी अपनी कर्मभूमि जिला गोरखपुर में स्थित गोरक्षनाथ मठ में हर साल की तरह पूजा पाठ किया। और शोभा यात्रा भी निकाली। इस शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में साधु संतों के साथ ही मुस्लिम समाज के लोग भी नजर आए। जिन्होंने महंत योगी आदित्यनाथ को खुद अपने हाथों से मालाई तो किसी ने भगवा गमछा भेंट किया।
गोरखपुर से आई ये तस्वीर बता रही है कि मुसलमानों का भी उन्हें प्यार मिलता रहा है।"यही वजह है कि खुद सीएम योगी ने कभी कहा था कि। मुसलमानों से मेरा वही रिश्ता है, जैसा मुझसे उनका व्यवहार है, मेरा उनके साथ वही व्यवहार है, वह मुझसे प्यार करते हैं, मैं उनसे प्यार करता हूं"
योगी का साफ संदेश है कि मुसलमान जैसा व्यवहार उनके साथ रखेंगे। योगी भी वैसा ही व्यवहार उनके साथ रखेंगे। यानि अगर कट्टरपंथी मुसलमान दंगे करेंगे। गजवा ए हिंद का सपना देखेंगे तो योगी सरकार भी उन्हें तगड़ा सबक सिखाएगी। और अगर मुसलमान एक सभ्य नागरिक की तरह रहेंगे । योगी सरकार भी उनके साथ उसी तरह का व्यवहार करेंगे। यही वजह है जब उन पर आरोप लगते हैं कि धर्म देख कर बुल्डोजर चलवाते हैं तो सीएम योगी डंके की चोट पर कहते हैं कि कोई भी मुस्लिम आकर बता दे कि मैं निर्दोष था और मेरे साथ अन्याय हुआ है। कोई नहीं बोल सकता है। और फिर न्यायपालिका तो सबके लिए खुली है।
बात यहीं खत्म नहीं होती। विपक्ष भले ही योगी सरकार पर सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ बुल्डोजर चलाने के आरोप लगाता रहा हो। लेकिन हकीकत ये है कि गैरसरकारी संगठन हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क यानी HLRN की रिपोर्ट कहती है कि 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2023 के बीच डेढ़ लाख से अधिक घरों को ध्वस्त किया गया, जिसमें से सिर्फ 31 प्रतिशत OBC,SC/ST और अल्पसंख्यक समुदाय के घर थे। ये आंकड़े बता रहे हैं कि मुसलमानों के खिलाफ बुल्डोजर की कार्रवाई सबसे कम हुई है। लेकिन इसके बावजूद विपक्ष योगी सरकार को मुस्लिम विरोधी बताता रहा है।