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योगी ने लगाई सड़क पर नमाज पर रोक तो मोदी के मंत्रियों ने क्यों किया विरोध ?

योगी सरकार ने सड़क पर नमाज पढ़ने पर ही पूरी तरह से बैन लगा दिया तो मोदी सरकार के ही दो मंत्रियों ने फैसले का विरोध क्यों शुरू कर दिया ?
योगी ने लगाई सड़क पर नमाज पर रोक तो मोदी के मंत्रियों ने क्यों किया विरोध ?
उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रहे योगी आदित्यनाथ ने पहले ही आदेश दे दिया है कि ईद हो या बकरीद। मुसलमानों को नमाज मस्जिद परिसर के अंदर ही पढ़नी होगी। तो पढ़नी ही होगी। और अगर सड़क पर नमाज पढ़ने की कोशिश भी की तो। योगी सरकार उनके खिलाफ तगड़ा एक्शन लेगी। और यहां तक कि उनके पासपोर्ट से लेकर लाइसेंस तक जब्त कर लिये जाएंगे।

सड़क घेर कर नमाज पढ़ना योगी सरकार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है। क्योंकि योगी सरकार नहीं चाहती कि मुस्लिम समाज सड़क घेर कर नमाज पढ़े और इससे दूसरे समुदाय के लोगों को परेशानी उठानी पड़े।यही वजह है कि योगी सरकार ने सड़क पर नमाज पढ़ने पर ही पूरी तरह से बैन लगा दिया। और उनके इस फैसले का मुसलमान तो विरोध कर ही रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि मोदी सरकार के मंत्री भी विरोध में उतर गये हैं। और वो भी कोई ऐसा वैसे मंत्री नहीं। जो खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते हैं। वही योगी सरकार के फैसले के विरोध में उतर आए हैं।


बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट से जीत कर संसद पहुंचे चिराग पासवान को पीएम मोदी ने अपनी सरकार में मंत्री बनाया है। और अब यही मंत्री चिराग पासवान उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के फैसले पर ही सवाल उठाने लगे हैं। तभी तो जब एक न्यूज चैनल पर उनसे सड़क पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सवाल किया गया तो तुरंत केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बयान दिया कि।"मुझे लगता है कि ये सब फालतू की बातें हैं इस पर चर्चा भी नहीं करनी चाहिए और कोई मतलब भी नहीं बनता इन सारी बातों का, आज देश में बड़े-बड़े विषय हैं जिसको लेकर हमें चर्चा करनी चाहिए और दिक्कत ये होती है कि जब हम लोग ऐसी बेमानी बातों पर चर्चा करने लगते हैं तो बिना मतलब समाज में इससे एक तनाव का वातावरण बनता है, एक असहमति का वातावरण बनता है, बिना मतलब के संप्रदाय के अलग-अलग लोगों के बीच में टकराव पैदा होता है, इनका कोई मतलब नहीं है, जिसको, जो जैसे करना है इतने वर्षों से करते आए हैं और करते रहेंगे, आज अगर ऐसी बातें नहीं होतीं तो आप मुझसे सवाल करते फूड प्रोसेसिंग मिनिस्टर के तौर पर आपने इतने महीनों में क्या किया ?

बात चिराग पासवान तक ही सीमित नहीं है। मोदी सरकार के एक और मंत्री जयंत चौधरी ने भी योगी सरकार के फैसले पर सवाल उठा दिया। और जैसे ही उन्हें खबर मिली कि मेरठ में सड़क पर नमाज पढ़ने वालों का पासपोर्ट जब्त किया जाएगा। इसकी तुलना जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 से करते हुए लिख दिया पुलिसिंग टूवॉर्ड्स ऑरवेलियन 1984। इस ट्वीट के जरिये जयंत चौधरी ने बताने की कोशिश की है कि योगी सरकार की पुलिस व्यवस्था भी वैसी हो गई है जैसी जॉर्ज आरवेल ने अपने नॉवेल में बताई है। आपको बता दें इस ऑरवेल के इस उपन्यास में बताया गया है कि एक अधिनायकवादी सरकार होती है जो लोगों की हर गतिविधि पर नजर रखती है और उनकी स्वतंत्रता को सीमित करने की कोशिश करती है।

इसीलिये केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने योगी सरकार पर लिख दिया। पुलिसिंग टूवॉर्ड्स ऑरवेलियन 1984। इसी बात से समझ सकते हैं कि सड़क पर नमाज पढ़ने पर लगाई गई रोक ना तो केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी को पसंद आई और ना ही केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को। और दोनों ही मंत्रियों ने योगी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए सड़क पर नमाज पढ़ने वाले मुसलमानों के साथ खड़े नजर आए। 
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