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Sambhal में दहाड़ा Yogi का बुल्डोजर तो हैदराबादी सांसद Owaisi क्या बोले ?

Sambhal कांड के बाद एक बार फिर गरजा बाबा का बुल्डोजर तो हैदराबादी सांसद असदुद्दीन ओवैसी को होने लगी तकलीफ, सुनिये क्या कह रहे हैं !
Sambhal में दहाड़ा Yogi का बुल्डोजर तो हैदराबादी सांसद Owaisi क्या बोले ?
जिस उत्तर प्रदेश में योगी सरकार है। उस उत्तर प्रदेश में दंगा करने से पहले ही दंगाइयों को सौ बार सोच लेना चाहिए। क्योंकि ये योगी का यूपी है। जहां दंगाइयों ने अगर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो। चौराहे पर उनके पोस्टर लगवा कर नुकसान की भरपाई भी उन्हीं दंगाइयों से करवाई जाती है। जिसका ट्रेलर साल 2020 में ही योगी सरकार ने दिखा दिया था। जब राजधानी लखनऊ के बीच चौराहे पर हिंसा को अंजाम देने वालों के पोस्टर लगवा दिये थे और उनसे वसूली भी की गई थी। लेकिन इसके बावजूद संभल में हिंसा का नंगा नाच करने वालों ने लगता है सबक नहीं सीखा। और 24 नवंबर को विवादित मस्जिद के सर्वे के विरोध में हिंसा और अराजकता फैलाने की कोशिश की। और अब उन्हें सबक सिखाने के लिए योगी का आदेश आ गया है कि। "संभल में पिछले दिनों हुई घटना से जुड़े उपद्रवियों के साथ पूरी कठोरता के साथ निपटें, जिन लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त किया है, उसे वापस ठीक कराने का खर्च उन्हीं उपद्रवियों से वसूला जाए, अराजकता फैलाने वालों को चिह्नित कर उनके पोस्टर लगाएं, जनता का सहयोग लें, सघन सर्च ऑपरेशन चलाएं, एक भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए, गौतमबुद्धनगर हो, अलीगढ़ हो या संभल या फिर कोई दूसरा जिला, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती"


इधर योगी ने संभल में हिंसा और पथराव करने वालों को सबक सिखाने के लिए कड़क आदेश दे दिया और उधर संभल में बाबा का बुल्डोजर दहाड़ने लगा। जिस पर हैदराबादी सांसद असदुद्दीन ओवैसी बुरा मान गये।और योगी सरकार पर ही टूट पड़े।

सोशल मीडिया पर किये एक ट्वीट में सांसद ओवैसी ने लिखा। "संभल में आज जो बुलडोजर एक्शन हुआ वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स के मुताबिक 15 दिन की नोटिस होनी चाहिए, जिनका घर टूटने वाला है उन्हें अपनी बात रखने का मौका देना चाहिए और बुलडोजर को किसी मुजरिम को सजा देने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, योगी सरकार एक पूरे समाज को सजा दे रही है। उनका जुर्म बस यही है कि उन्होंने अपने संविधानिक अधिकारों का इस्तेमाल किया। जो सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं मान सकती, वो सरकार संविधान के मुताबिक काम नहीं कर रही है। क्या ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक है?

संभल में जिन अवैध इमारतों को योगी सरकार का बुल्डोजर तहस नहस कर रहा है। उसे देख कर हैदराबादी सांसद ओवैसी भले ही लाल पीले हो रहे हों। लेकिन आपको बता दें। ये बुल्डोजर एक्शन दरअसल योगी सरकार के अवैध अतिक्रमण हटाओ अभियान का हिस्सा है। जिसके तहत खुद सीएम योगी ने आदेश दिया है कि। लोकतांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण के मामलों में संवाद और समन्वय की नीति अपनाई जाए, सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान ग्राम्य विकास/नगर विकास विभाग के साथ मिलकर स्थानीय निकायों के माध्यम से यह सुनिश्चित कराएं कि प्रदेश में कहीं भी आवागमन बाधित कर अनधिकृत कब्जा न किया जाए, जहां हो, वहां तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित कराएं।

अवैध अतिक्रमण के खिलाफ योगी सरकार की इसी सख्ती को देखते हुए संभल के चंदौसी में पिछले कई दिनों से बुल्डोजर गरज रहा है। लेकिन संभल दंगे के बाद से ही ये कार्रवाई रुकी हुई थी। और अब करीब दस दिन बाद जब संभल का माहौल शांत हुआ तो एक बार फिर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बुल्डोजर की कार्रवाई शुरू हो गई।

आपको बता दें। चंदौसी कोतवाली इलाके में पिछले एक महीने से डीएम के निर्देश पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़ा अभियान चल रहा था। जिसके तहत चंदौसी शहर के कई अलग-अलग इलाकों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्यवाही करते हुए बुलडोजर से कई दुकानों और मकानों को पूरी तरह से जमींदोज किया गया था। इस दौरान चंदौसी इलाके की विधायक और योगी सरकार में मंत्री गुलाब देवी खुद नाले पर बनी अपनी दुकान पर हथौड़ा चलाते हुए नजर आई थीं।

सीएम योगी ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया। तो ये आदेश सिर्फ आम पब्लिक के लिए नहीं था। नाले पर योगी की मंत्री गुलाब देवी की पुरानी दुकान थी। उसे भी तोड़ दी गई।और खुद गुलाब देवी ने अपनी दुकान पर हथौड़ा चला कर एक संदेश दिया कि योगी सरकार का आदेश है तो इस आदेश में कोई भेदभाव नहीं होगा। चाहे वो आम आदमी हो या कोई मंत्री। लेकिन इसके बावजूद असदुद्दीन ओवैसी ऐसा माहौल बना रहे हैं जैसे मानो मुसलमानों के अवैध अतिक्रमण पर ही बुल्डोजर की कार्रवाई हो रही है। 

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