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Ajit Anjum ने किसे दी खुली चुनौती ? बोले- मेरे घर एजेंसी भेजो

इसी बीच सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता के ट्वीट पर ऐसा बवाल मचा कि अजीत अंजुम ने चुनौती देते हुए कह दिया कि मेरे घर जाँच एजेंसी भेज दो। इस पर बहस ऐसी शुरु हुई जो अबतक भी थमने का नाम नहीं ले रही है।
Ajit Anjum ने किसे दी खुली चुनौती ? बोले- मेरे घर एजेंसी भेजो
Modi : साल 2014 में केंद्र में Modi सरकार क्या आई जो किसी ने नहीं सोचा था वो भी हुआ यानि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी दो भागो में बंटा हुआ नज़र आया। हम बात कर रहे हैं पत्रकारों की जिनकी पत्रकारिता भी अपनी अपनी विचारधारा के हिसाब से होने लगी। एक तरफ़ वो पत्रकार हो गए जो मोदी सरकार के कामकाज का बखान करने लगे, जो राष्ट्रहित को ऊपर रखकर हर एक नागरिक को वास्तविकता से रूबरू कराने लगे तो वहीं दूसरी तरफ़ वो पत्रकार हैं जो खोज खोज कर मोदी सरकार के ख़िलाफ़ एजेंडा चलाने लगे। जो अच्छी खासी चीजों में भी कमियां निकालने लगे।



देश की जनता के सामने भी इन पत्रकारों का अंतर साफ़ है, तभी तो इनकी ऑडियंस भी बंटी हुई है। अब अगर मैं आपसे अजीत अंजुम को लेकर सवाल पूछूं तो आप ख़ुद समझ जाएंगे कि वो किस विचारधारा के हैं ? अजीत अंजुम के पोस्ट, उनका यूट्यूब चैनल साफ़ दर्शाता है कि वो किस दिशा में अपनी पत्रकारिता को लेकर जा रहे हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता के ट्वीट पर ऐसा बवाल मचा कि अजीत अंजुम ने चुनौती देते हुए कह दिया कि मेरे घर जाँच एजेंसी भेज दो। इस पर बहस ऐसी शुरु हुई जो अबतक भी थमने का नाम नहीं ले रही है।

दरअसल अजीत अंजुम ने एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने अपनी जर्नी के बारे में बताया। अजीत अंजुम ने एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा जिसमें अपनी उपलब्धियों को बताते नज़र आए। उनके इसी पोस्ट पर आलोक अवस्थी ने लिखा- अजीत अंजुम जी आपको आपकी यात्रा और उपलब्धियों की बधाई। परंतु एक तरफ़ा खबरें क्या आप लगातार नहीं करते हैं ? जिन चैनलों और पत्रकारों पर आप आरोप लगाते हैं कि वे गोदी मीडिया हैं । लेकिन आपकी पत्रकारिता क्या केवल मोदी विरोध तक सीमित नहीं हैं ?  आप पर आपके साथी पत्रकार क्या पप्पू मीडिया के आरोप नहीं लगाते हैं ? पत्रकारिता में कहाँ ईमानदारी है ? कोई लेफ्ट तो कोई राइट ।आप भी इस भेड़चाल से बाहर नहीं हैं । जवाब ज़रूर दीजिएगा परंतु ईमानदारी से ।

इस पर अजीत ने भी जवाब दिया और लिखा-  देखिए आलोक जी , वैसे तो मुझे किसी भी मोदी समर्थक से सर्टिफिकेट नहीं चाहिए । मुनादी ब्रिगेड के लोगों को खुश करने के लिए मैं ख़ुद को नहीं मार सकता । 
देश दस साल से मोदी चला रहे हैं । 
  दुनिया भर की उम्मीदें जगाकर मोदी आए थे।
वादों का पहाड़ मोदी ने खड़ा किया है।
देश में नफ़रत का माहौल मोदी राज में बना है।


हर क़स्बे -मोहल्ले  में हिंदू -मुसलमान का नैरेटिव मोदी राज में बना है।विरोध की आवाज़ों को मोदी राज में सबक़ सिखाया जा रहा है ।विपक्ष के ख़िलाफ़ एजेंसियों का शर्मनाक इस्तेमाल मोदी राज में  किया जा रहा है ।( लिस्ट गिनाने लगूँ तो दो हज़ार शब्द भी कम पड़ेंगे ) बावजूद इसके , सारे चैनल मोदी की चापलूसी में दरी बिछाकर लोट-पोट हो  रहे हैं। मोदी से सवाल पूछने के लिए चाटूकारिता का रिकार्ड बनाया जा रहा है । वसूली और ब्लैकमेलिंग में जेल जा चुका आदमी देश का राष्ट्रवादी पत्रकार बना बैठा है। तो इस दौर में हम लोगों की जो ज़िम्मेदारी बनती है , वो कर रहे हैं। आपको बुरा लगता है तो कुछ कर नहीं सकते। आप जैसों के लिए चौधरी , गोस्वामी , देवगण , चोपड़ा बगैरह तो हैं ही ,  जो आरती की थाल लेकर मोदी जी की अराधना में लगे हैं । आपके हिस्से में पूरा मीडिया है। कुछ विरोध में भी सही। आपके हिसाब से एकतरफ़ा ही सही। जिस जनता ने मोदी के ख़िलाफ़ वोट दिया है , उन्हें भी आप एकतरफ़ा कह सकते हैं। मान लीजिए कि मैं उस जनता की आवाज़ हूँ , जिनकी आवाज़ आज का मीडिया नहीं है। मैं जानता हूँ कि आप मेरी किसी भी बात से क़तई सहमत नहीं होंगे। फिर भी  मैंने जवाब देना मुनासिब समझा ।और हाँ , 2014 के पहले भी मैं ऐसा ही था।


अजीत के इस ट्वीट का जवाब अजीत तो क्या देते ? राष्ट्रभक्त नाम के एक यूज़र ने लिखा- आलोक अवस्थी जी जिसका घर खर्च कांग्रेस चलाती हो।

कांग्रेस जिसके घर राशन भेजने से बच्चों की फीस तक भरती हैं घूमने के लिए एयर टिकट से लेकर होटल व रेस्टोरेंट में खाने का बिल तक पे करती है उस पार्टी के खिलाफ ये एक शब्द भी कैसे लिख सकते हैं। इनकी मजबूरी आप समझ नहीं रहे हैं।

इस ट्वीट को देख अजीत भड़क गए जवाब में उन्होंने लिखा- हे भक्त , पहले तो आप जैसे लोग सिर्फ़ भक्त हो । राष्ट्रभक्त नहीं । मोदीभक्त.मुझे तो यूट्यूब से ही इतने पैसे आते हैं कि जानोगे तो कब्जियत और दस्त के शिकार हो जाओगे। मैं अपनी यात्राओं के दौरान एक कप चाय भी जल्दी किसी की नहीं पीता। सारे बिल अपने कार्ड से भुगतान करता हूँ  ।बाक़ी आपके मोदी जी की एजेंसी है न ? भेजो मेरे घर

X पर हो रही इस बहसबाजी के बीच लोग अब अजीत का काफ़ी मज़ाक़ उड़ा रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा- फिर भी कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के गुलाम ही हों ना? मोदी जी तो 10 सालों से सत्ता में है और हम उन्हें उनकी नीतियों की वज़ह से समर्थन करते हैं। पर आप तो पिछले 70 सालों से कौंग्रेस पार्टी के गुलाम हो और उनके काले कारनामों के बाबजूद भी उनका समर्थन करते हों चाहे वो इमरजेंसी का ही मुद्दा क्यों नहीं हो?

एक और यूज़र ने लिखा-  सोशल मीडिया पर तो कुछ लोग चैलेंज भी कर रहे हैं कि अब तो इनकी ज़ांच हो ही जानी चाहिए
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