कौन है बाबा हरि भोले बाबा, जिनकी वजह से चली गई 121 जिंदगियां
हाथरस में चल रहे स्वयंभू संत भोले बाबा के सत्संग में आए 121 से ज्यादा अनुयायियों की जान चली गई। खुद को साकार विश्व हरि का चौकीदार कहने वाले स्वयंभू संत कभी पुलिस में नौकरी करते थे। 26 साल पहले पटियाली तहसील के एक गांव की झोपड़ी से समागम की शुरुआत की। अब बड़े-बड़े नेता भी इनके दरबार में हाजिरी लगाते हैं।
Hari Bhole Baba : स्वयंभू संत भोले बाबा। साकार विश्व हHari Bhole Baba। परमात्मा का चौकीदार। भगवान का अवतार। ये सारे नाम उस इंसान के है हाथरस में जिसका सत्संग सुनने लाखों लोग आए थे। आए तो थे जीवन को बेहतर बनाने के लिए लेकिन यहां से जब गए तो सैंकडों परिवार उजड़ गए। 8 बजे बाबा का सत्संग शुरु हुआ एक बजे तक चला। सत्संग खत्म करके जैसे ही बाबा गाडी़ में बैठकर निकला तो लोग गाड़ी के पीछे भागने लगे। क्यों की उन्हें अपने गुरु के चरणों की धूल लेनी थी। जल्दी के चक्कर में ऐसी भगदड़ मची की देखते ही देखते। लाशों का ढेर इक्टठा हो गया। तो आज आपको बताएंगे कि कौन है वो बाबा जिसके चरणों की धूल के चक्कर में 121 लोग राख बन।
कौन है साकार विश्व हरि भोले
खुद को स्वयंभू संत भोले बाबा कभी पुलिस की नौकरी किया करता था । लेकिन अचानक नौकरी से वीआरएस ले लिया। अपने गांव बहादुर नगर में चले गए। जो कासगंज के पटियाली में पड़ता। गांव में ही एक छोटी सी झोपड़ी में सत्संग शुरु कर दिया। बाबा का दावा है कि उनका कोई गुरु नहीं है। अब नौकरी करते करते ही अचानक भगवान से साक्षात्कार हो गया और अत्यात्म से लगाव हो गया। अध्यात्म से लगाव होते ही सत्संग शुरु कर दिया। पहले झोपड़ी में सत्संग शुरु हुआ। लोग बातों में आने लगे। और बाबा का प्रभाव बढ़ता चला गया। बाबा का प्रभाव इतना है कि बड़े बड़े नेता बाबा के दरबार मे हाजिरी लगाते है। उदाहरण के तौर पर अखिलेश यादव को ले लिजिए । जिन्होंने पिछले ही साल बाबा के लिए एक पोस्ट करते हुए लिखा था। नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा सदा के लिए जय जयकार हो। शायद यहीं कारण है कि बाबा खुद को परमात्मा का चौकीदार बताते हैं।
हालांकि उनके लाखों भक्तों का ये मानना है कि भोले बाबा भगवान का अवतार हैं। कासगंज जिले के पटियाली के एक छोटे से घर से सत्संग की शुरुआत करने वाले भोले बाबा का प्रभाव अब पश्चिमी यूपी में पूरी तरह होकर इससे सटे राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में भी हो चुका है। बाबा के ऊपर 5 मुकदमे दर्ज है। जिनमें महिला के साथ शोषण का भी एक मामला दर्ज है। बाबा के साथ महिला कमांडो भी रहा करती थी लेकिन आसाराम बापू की सच्चाई जब सामने आई थी, उस वक्त बाबा ने अपनी महिला कमांडो हटा दी थी। साथ ही ये भी कहा था कि मीडिया ने आसाराम को बदनाम किया है। तो आप समझ सकते है कि कही दुकान बंद ना हो जाए। उसके लिए आसाराम को भी सही ठहरा दिया। खुद भी मीडिया से दूरी बना ली। अपने भक्तों को भी कार्यक्रम में फोटो ना खीचने की हिदायत दे दी।
बाबा मंच पर सफेद कपड़ों में बैठकर प्रवचन देता है, साथ में पत्नी भी बैठती है। बाबा की पत्नी को लक्ष्मी कहा जाता है। बाबा अपने प्रवचनों में कहता है कि साकार विश्व हरि के चौकीदार बनकर काम करते हैं, पूरे संसार में साकार विश्व हरि की गिनती नहीं की जा सकती। उनके सेवादारों में भी ईश्वर का अंश है। लाखों श्रद्धालु उनके शिष्य हैं। शरण में आने वाले हर व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। अब आखरी सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी घटना कैसे हो गए। तो मामला कुछ ऐसा है कि प्रसाशन यहां मौजूद नही था। क्योंकि जहां भी बाबा का कार्यक्रम होता है वहां बाबा के सेवादार व्यवस्था संभालते है। बाबा के सेवादार पिंक ड्रैस में ट्रफिक की व्यवस्था संभालते है। साथ में प्रसाशन भी होता है। लेकिन हाथरस में प्रशासन नहीं था। प्रशासन ने 80000 लोगों की परमिशन दी थी। लेकिन ढाई लाख लोग यहां पहुंचे थे। सत्संग सही तरीके से निपट गया था ।
लेकिन जब बाबा निकला तो लोग बाबा के चरण की धूल लेने के लिए दौड़ पड़े। चरणों की धूल तो मिली नहीं लेकिन लाखों का अंबार जरुर लग गया। मामले की जांच के लिए यूपी सरकार की तरफ से एक कमेटी का गठन किया गया है। योगी आदित्यनाथ खुद घायलों से मिलने पहुंचे है। साथ ही योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मामले की जांच की जाएगी।ये महज हादसा है या कोई साजिश है। प्रधानमंत्री मोदी ने योगी आदित्यनाथ से बात की है और पीडितों की हर संभव सहायता की बात की है।साथ ही मृतकों को दो लाख और घायलों को पचास हजार देने की बात कही है।अब देखना होगा हादसे की जांच मे क्या कुछ सामने आता है।
क्योंकि मामले में पहले एफआईआर दर्ज हो चुकी है।लेकिन इसमें बाबा का नाम शामिल नहीं है।अब आगे बाबा का नाम शामिल किया जाता है या नहीं वो भी देखने वाली बात होगी। साथ बाबा के अगले कार्यक्रमों पर भी यूपी सरकार ने रोक लगा दी है। लेकिन लोगों को भी ऐसे अंघविश्वासों से परहेज करने की जरुरत है। साथ ही प्रसासन पर भी सवाल उठते है कि वो इतना लापरवाह कैसे हो सकता है।