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BPSC प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आईं आईपीएस स्वीटी सहरावत आखिर कौन हैं?

पटना में बीपीएससी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन तेज हो गया। गांधी मैदान से जेपी गोलंबर तक सड़कों पर हजारों छात्रों की भीड़ जुटी। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव बढ़ा, जिसे नियंत्रित करने की जिम्मेदारी पटनासेंट्रल एसपी आईपीएस स्वीटी सहारावत ने संभाली।
BPSC प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आईं आईपीएस स्वीटी सहरावत आखिर कौन हैं?
बिहार में आयोजित 70वीं बीपीएससी संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) के खिलाफ प्रदर्शन ने पिछले कुछ दिनों में जोर पकड़ लिया है। 13 दिसंबर को हुई इस परीक्षा में गड़बड़ियों के आरोप लगाते हुए छात्र री-एग्जाम की मांग कर रहे हैं। पटना के गांधी मैदान से लेकर जेपी गोलंबर तक छात्रों की भारी भीड़ ने प्रदर्शन किया। हालात को काबू में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और वाटर कैनन का सहारा लेना पड़ा। इन घटनाओं में जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है, वह है पटना सेंट्रल एसपी आईपीएस स्वीटी सहारावत का।
कौन हैं आईपीएस स्वीटी सहारावत?
स्वीटी सहारावत बिहार कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने 2019 में यूपीएससी परीक्षा पास की, जिसमें उनकी ऑल इंडिया रैंक 187 थी। मूल रूप से औरंगाबाद जिले की रहने वाली स्वीटी ने दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से बी.टेक (ECE) की डिग्री हासिल की है। उनके पिता दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल थे, जिनका 2013 में एक सड़क हादसे में निधन हो गया था।  पिता के सपने को पूरा करने के लिए स्वीटी ने एक सफल डिजाइन इंजीनियर की नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। यह उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी एक प्रशासनिक अधिकारी बने।

आईपीएस बनने के बाद स्वीटी सहारावत को बिहार के औरंगाबाद जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में तैनात किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने में अपनी काबिलियत दिखाई। उनकी कार्यशैली और समर्पण ने उन्हें इस साल पटना सेंट्रल एसपी के पद तक पहुंचा दिया।
बीपीएससी प्रदर्शन के दौरान उनकी भूमिका
बीपीएससी के प्रदर्शन के दौरान स्वीटी सहारावत ने अपनी टीम का नेतृत्व किया। गांधी मैदान और जेपी गोलंबर पर प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। जब प्रदर्शन हिंसक होने लगा, तो स्थिति को संभालने के लिए उन्होंने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया।

पिछले साल सितंबर में आईपीएस स्वीटी सहारावत का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे केरल के पूर्व राज्यपाल और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी निखिल कुमार से बात करती नजर आईं। उस दौरान, निखिल कुमार ने चोरी की बढ़ती घटनाओं को लेकर उनसे मुलाकात की थी। इस घटना ने दिखाया कि कैसे स्वीटी सहारावत जिम्मेदारी और आत्मविश्वास के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करती हैं। स्वीटी का सफर संघर्षों से भरा रहा है। पिता के असामयिक निधन के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपनी मां और परिवार का सहारा बनते हुए उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया। उनकी कहानी उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किल हालात में भी अपने लक्ष्य को पाने का जुनून रखते हैं।

स्वीटी सहारावत केवल एक अधिकारी नहीं, बल्कि एक प्रतीक हैं, जो दिखाती हैं कि मेहनत, समर्पण और दृढ़ता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। बीपीएससी प्रदर्शन के दौरान उनकी भूमिका ने न केवल उन्हें सुर्खियों में लाया है, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता और कर्मठता का भी परिचय दिया है। उनकी कहानी एक ऐसे युग की तस्वीर पेश करती है, जहां युवा अपनी मेहनत से न केवल व्यक्तिगत लक्ष्य हासिल कर रहे हैं, बल्कि समाज में बदलाव का प्रतीक भी बन रहे हैं।
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