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कौन है शगुन परिहार? जिसने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 'जय श्री राम' के नारों के साथ इतिहास रचा

भाजपा की विधायक शगुन परिहार ने भगवा साफा पहनकर और संस्कृत में शपथ ली। इस अवसर पर उन्होंने "जय श्री राम" का उद्घोष किया, जो विधानसभा के हॉल में गूंज उठा। शगुन की व्यक्तिगत कहानी, उनके परिवार की हत्या, और उनके राजनीतिक सफर को साझा किया गया है। इस घटना ने नए राजनीतिक युग का प्रतीक बनकर युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरणा प्रदान की है।
कौन है शगुन परिहार? जिसने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 'जय श्री राम' के नारों के साथ इतिहास रचा
जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने सोमवार को शपथ ली। लेकिन इस बार के शपथ समारोह में एक घटना घटी जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ी, दरअसल किश्तवाड़ से बीजेपी की विधायक शगुन परिहार ने भगवा साफा पहनकर संस्कृत में शपथ ली, इस दौरान  उनके द्वारा "जय श्री राम" का उद्घोष पूरे विधानसभा हॉल में गूंज उठा। भाजपा की विधायक शगुन परिहार ने भगवा साफा पहनकर और संस्कृत में शपथ ली। 
कौन है शगुन परिहार?
शगुन परिहार, जो जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की एकमात्र महिला विधायक बनीं, ने किश्तवाड़ सीट से चुनाव जीता। उनका यह सफर आसान नहीं रहा। साल 2018 में उनके पिता, अजित परिहार, और चाचा, अनिल परिहार, आतंकवादियों के हमले में मारे गए थे। यह घटना शगुन के जीवन में एक बड़ा मोड़ साबित हुई।

वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं, और जब उन्हें बीजेपी द्वारा उम्मीदवार घोषित किया गया, तब वह पीएचडी कर रही थीं। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 92.40 लाख रुपये की संपत्ति का खुलासा किया। शगुन की मेहनत और संकल्प ने उन्हें इस मुकाम पर पहुँचाया, और जब पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें डोडा की चुनावी रैली में 'बेटी' कहकर संबोधित किया, तो यह उनके लिए एक खास क्षण था।

विधानसभा की संरचना

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 87 विधायक हैं। नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के पास 42 विधायक हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 29, कांग्रेस के पास 6, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पास 3, सीपीआई-एम के पास 1, आम आदमी पार्टी (आप) के पास 1, और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) के पास 1 विधायक है। दिलचस्प बात यह है कि 7 निर्दलीय विधायकों में से 6 ने उमर अब्दुल्ला की एनसी सरकार को समर्थन देने का निर्णय लिया है।

जब शगुन परिहार ने शपथ ली, तो सभी की निगाहें उन पर थीं। उनकी मौजूदगी ने न केवल विधानसभा में एक नई ऊर्जा भरी, बल्कि यह दर्शाया कि कैसे युवा और महिलाएं राजनीति में अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने विधानसभा में संस्कृत में शपथ ली, जो एक सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस अवसर पर, प्रोटेम विधानसभा अध्यक्ष मुबारक गुल ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीरी भाषा में शपथ लेकर एकता और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाया।

शगुन परिहार का यह राजनीतिक सफर केवल व्यक्तिगत संघर्ष नहीं है, बल्कि यह पूरे जम्मू-कश्मीर में बदलाव का प्रतीक है। उनके जैसे युवा और महिला विधायक यह साबित कर रहे हैं कि वे इस समाज के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा का यह नया कार्यकाल न केवल एक नए सिरे से शुरुआत है, बल्कि यह एक नई उम्मीद भी है। 

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