कौन है Shagun Parihar जिन्हे मोदी ने जम्मू-कश्मीर में बड़ी जिम्मेदारी दे दी
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में बीजेपी ने 15 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया। इस लिस्ट में एक खास बात रही, जो हर किसी को अपनी तरफ खींच रही है। इस लिस्ट में एकलौती महिला का नाम है, जिनका नाम है शगुन परिहार।
Shagun Parihar : रामप्रसाद बिस्मिल का ये शेर जम्मू की रहने वाली Shagun Parihar पर बिल्कुल सटीक बैठता है। क्योंकि आंतकियों के हाथों अपनी आंखों के सामने अपने परिवार को मरता देखने के बाद भी शगुन परिहार चट्टान की तरह जम्मू-कश्मीर में जमी हुई है। अब आप सोच रहे होंगे की आखिर ये शगुन परिहार है कौन, जिनकी इतनी तारिफ हो रही है, तो आपको बता दें कि शगुन परिहार को बीजेपी ने जम्मू संभाग के किश्तवाड़ से विधानसभा का टिकट दिया है।
शगुन परिहार को टिकट मिलना इसलिए खास हो जाता है क्योंकि 2018 में आतंकियों ने इनके पिता और चाचा को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इनके पिता और चाचा लगातार 370 के खिलाफ आवाज उठाते रहे थे। और शायद वहीं उनकी मौत का कारण भी बनी, लेकिन इतनी बड़ी घटना के बाद भी शगुन परिहार के हौंसले को आतंकि डिगा नहीं पाए। जबकि इस घटना के वक्त किश्तवाड़ के तनाव को देखते हुए कर्फ्यू लगाना पड़ा था। तो चलिए अब आपको बताते है कौन है शगुन परिहार।
शगुन परिहार किश्तवाड़ के दबंग नेता अनिल परिहार की भतीजी और अजीत परिहार की बेटी है, 29 साल की शगुन परिहार इलेक्ट्रॉनिक्स में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रहीं हैं।पिता और चाचा के जाने के बाद शगुन परिहार ने इस बात पर जोर नहीं दिया कि जनादेश उन्हीं के परिवार के साथ रहे, बल्कि जोर इस बात पर दिया कि जनादेश इस क्षेत्र के हर बलिदानी के साथ रहे। शगुन परिहार किश्तवाड़ से अपना नामांकण दाखिल कर चुकी है। बीजेपी ने जो अब तक 15 उम्मीदवार कश्मीर में उतारे है उनमें शगुन परिहार अकेली महिला है।
यहां एक और सवाल भी उठता है कि आखिर बीजेपी ने शगुन परिहार पर ही दांव क्यों खेला, तो इसका जवाब है इस क्षेत्र में उनके परिवार की पैठ, शगुन परिहार के चाचा अनिल परिहार की बीजेपी में पैठ और डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह जिले उनकी इज्जत को देखते हुए ही पार्टी ने उनकी भतीजी शगुन पर बड़ा दांव खेला है। अनिल परिहार RSS के एक्टि मेंबर भी थे। 2008 में उन्होने पैंथर्स पार्टी से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। उसके बाद वो बीजेपी में शामिल हुए थे। और अब फिर से बीजेपी ने उनके ही परिवार पर भरोशा जताया है। जाते जाते सुनिए शगुन परिहार को , जब उन्हे टिकट मिला तो वो कैसे भावुक हो गई।