कौन हैं स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी जिन्होंने देश में जलाई सनातन की नई अलख ?
लगातार सनातन धर्म की तरफ़ आगे बढ़ रहा है। आज का युवा अपनी संस्कृति पर गर्व महसूस करने लगा है। पश्चिमी सभ्यता में खोए हुए युवा को सनातन की ताक़त से अवगत कराने में देश के साधु संतों का भी अहम योगदान रहा है। तभी तो आज का युवा आपको पब - क्लब में कम और मंदिरों में माथा टेकते हुए ज़्यादा नज़र आता है। कुछ सालों में जिस तरह से देश फिर से अपनी संस्कृति की तरफ़ मुड़ा तो सबसे ज़्यादा ख़ुशी भारत के साधु संतों और गुरुओं को हुईं।एक लंबे वक़्त से पश्चिमी सभ्यता को हावी होता देख मन ही मन दुखी हो रहे इन संतों की जैसे मोदी सरकार ने पुकार सुन ली। तभी तो अब जिधर नज़र घुमाइये वहीं पर साधु संत भक्ति में लीन हुए नज़र आते हैं और सोचिए ये संत स्वार्थहीन होकर देश की प्रगति के लिए रोज़ाना यज्ञ करते हुए दिखाए देने लगे हैं। ऐसे ही एक गुरुजी के बारे में आज आपको बताने जा रहे हैं जो बिना किसी स्वार्थ के सेवा भाव से लगातार यज्ञ कर रहे हैं, उसमें अपना योगदान दे रहे हैं ताकि देश का उत्थान हो सके ताकि देश आगे बढ़ सके। हमारे भारत को किसी की नज़र ना लगे।
हम बात कर रहे हैं स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी की जिन्होंने अपने कंधों पर सनातन परंपराओं को घर घर तक पहुंचाने और हर किसी को इसकी ताक़त से अवगत कराने का बीड़ा उठाया हुआ है। अब जरा ये तस्वीरें देखिए। तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित माता कामाक्षी जी के मंदिर में गए स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने पूजा अर्चना की और साथ ही माता को प्रसन्न करते हुए देश की प्रगति की कामना की। इन तस्वीरों में आपको स्वामी अभिषेक जी के साथ स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती जी भी नज़र आ रहे हैं।तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी लक्ष कुमकुमार्चन महायज्ञ करते हुए नज़र आए। इसके बाद एक विशालकाय भंडारे का आयोजन भी किया गया था। इस ख़ास मौक़े पर छोटी छोटी बच्चियों और महिलाओं को प्रसाद भी बांटा गया।
सिर्फ़ तमिलनाडु ही नहीं बल्कि स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी लगातार सनातन का प्रचार करते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने गुवाहाटी, चेन्नई, मुंबई और दिल्ली समेत प्रयागराज और कोलकाता में भी यज्ञ किया था और माता ललिता को प्रसन्न करने का प्रयास किया था। दरअसल स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी माता ललिता में गहरी आस्था है।
स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी जी का उद्देश्य साफ़ है कि प्रभु श्री राम के दिखाए रास्ते पर चलना है, भारत माता के वैभव को बढ़ाना है। आदिगुरु शंकराचार्य में आस्था रखने वाले स्वामी अभिषेक जी नौजवानों से अपील करते हैं कि वो धर्म के दिखाए रास्ते पर चलें।