कौन है वो BJP नेता जिसने Modi, Shah, Raqibul Hussain को भी पछाड़ कर रच दिया इतिहास
दरअसल मध्य प्रदेश की एक लोकसभा सीट है इंदौर।जहां से कभी बीजेपी की कद्दावर नेता सुमित्रा महाजन चुनाव लड़ा करती थीं और लगातार आठ बार यहां से जीत हासिल की,लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट कर शंकर लालवानी को मैदान में उतार दिया था। जिन्होंने पांच लाख से भी ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।यही वजह है कि बीजेपी ने 2024 के चुनाव में भी उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारा और इस बार तो शंकर लालवानी ने इंदौर सीट जीत कर इतिहास ही रच दिया।उन्हें 12 लाख 26 हजार 751 वोट मिले और 11 लाख 75 हजार से भी ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की है।
13 विरोधियों को धूल चटाई
मध्य प्रदेश की इंदौर सीट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी के खिलाफ मैदान में 13 उम्मीदवार उतरे थे। लेकिन जब नतीजे आए तो शंकर लालवानी के बाद सबसे ज्यादा वोट नोटा को मिले 2 लाख 18 हजार से भी ज्यादा वोट पाकर नोटा दूसरे नंबर पर रहा। लेकिन जब हार और जीत का अंतर देखते हैं तो टॉप के दो उम्मीदवारों को मिले वोट को देखते हैं और इस मामले में बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी को जहां 12 लाख 26 हजार 751 वोट मिले तो वहीं बीएसपी उम्मीदवार 51 हजार 659 वोट मिले हैं। यानि बीजेपी और बीएसपी के बीच कुल 11 लाख 75 हजार से भी ज्यादा वोटों का अंतर है। और इसी अंतर से शंकर लालवानी ने जीत हासिल की है जो एक महारिकॉर्ड है। भारत के इतिहास में आज तक कोई नेता इतने बड़े अंतर से जीत हासिल नहीं कर सका है।
सबसे ज्यादा वोट से जीतने वाले नेता
- BJP उम्मीदवार शंकर लालवानी MP की इंदौर सीट से 11 लाख 75 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीते
- कांग्रेस उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने असम की धुबरी सीट से 10 लाख 12 हजार वोट से जीत हासिल की
- BJP उम्मीदवार शिवराज सिहं चौहान MP की विदिशा सीट से 8 लाख 21 हजार से ज्यादा वोट से जीते
- BJP उम्मीदवार सीआर पाटिल गुजरात की नवसारी सीट से 7 लाख 73 हजार से ज्यादा वोटों से जीते
- BJP उम्मीदवार अमित शाह गुजरात की गांधीनगर सीट से 7 लाख 44 हजार से ज्यादा वोटों से जीते
देश के ये पांच सांसद ऐसे हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से इस बार चुनाव में जीत हासिल की है।इस लिस्ट में पीएम मोदी का नाम दूर दूर तक कहीं नहीं है.।क्योंकि इस बार पीएम मोदी महज एक लाख 52 हजार वोट से जीत हासिल कर पाए। जबकि इससे पहले साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने 3 लाख 71 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में 4 लाख 79 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी। लेकिन इस बार जीत का ये अंतर घट कर एक लाख 52 हजार पर आ गया। इसी बात से समझ सकते हैं पीएम मोदी के खिलाफ यूपी ही नहीं वाराणसी में भी किस कदर नाराजगी थी।