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वो कौन है जिसके दम पर योगी बड़े-बड़े फैसले लेते हैं , जानिए

वो कौन है जो योगी को बचा रहा है ? वो कौन है जिसके दम पर योगी बड़े-बड़े फैसले लेते हैं ? जानिए
वो कौन है जिसके दम पर योगी बड़े-बड़े फैसले लेते हैं , जानिए
Yogi Adityanathयक़ीन जानिए Yogi Adityanath के पास अगर इतनी बड़ी ताक़त न होती, तो आज उनके नाम के सामने लिखा होता, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, वो तो भला हो एक मठ से निकले संन्यासी की उस ताक़त का जिसके आगे न दिल्ली की एक चली, न ही लखनऊ से 200 किलोमीटर कौशांबी वाली की चली, ऐसे में आज आपको बताएंगे कि, कौन है वो जो योगी को दे रहा इतनी ताक़त जिसके दम पर वो इतने बड़े-बडे फ़ैसले ले रहें है, लेकिन उसके लिए आपको बने रहना होगा हमारे साथ अगले कुछ मिनट तक, क्योंकि राज खोलने से पहले पुरानी हक़ीक़त की याद दिला देते हैं।



दरअसल बात है साल 2002 की, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चुनाव होने थे, योगी चाहते थे कि गोरखपुर विधानसभा से टिकट मिले डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को, लेकिन बीजेपी ने टिकट दे दिया शिव प्रताप शुक्ला को, अब जब योगी की बात नहीं मानी गई तो शुरु हुई बग़ावत, योगी ने ऐसा दांव चला कि बीजेपी चित हो गई, क्योंकि राधा मोहन दास अग्रवाल को अखिल भारतीय हिंदू महासभा से उन्होंने चुनाव लड़वा दिया, उम्मीदवार के साथ योगी का नाम जुड़ा तो नतीजों ने बीजेपी के पैरों तले से ज़मीन खिसका दी।

योगी के जनाधार का ही असर था कि, बीजेपी को योगी के आगे घुटने टेकने पड़ गए, योगी ने पार्टी को अपनी ताकत का एहसास करा दिया, 2002 की हार के बाद से ही शिव प्रताप शुक्ला नेपथ्य में चले गए और धीरे-धीरे उनकी राजनीति ख़त्म हो गई ।

आज योगी के साथ फिर कुछ ऐसा करने का प्रयास किया जा रहा है जैसे 2002 में किया गया था, योगी को दरकिनार करने का प्रयास हो रहा है, लेकिन योगी है कि, अडिग है, उन्हें पूरा दम लगाने के बाद भी कुर्सी से हटाना नमुमकिन सा दिख रहा है, लेकिन ऐसा क्यों हो रहा है कि, दिल्ली तक ने पूरा जुगाड़ लगा लिया, लेकिन योगी के आगे एक भी नहीं चली।

तो चलिए अब आपको बताते हैं, वो ताकत जिसके रहते योगी का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता ? जब वो एक सांसद थे तब उनके पास जनता का अथाह प्रेम था, जोकि हर दिन के साथ बढ़ता गया, आज वो सीएम बन गए है तो जनता का प्यार और विश्वास इतना बढ़ गया कि, योगी को हाथ लगाने से पहले बड़े बड़े नेता लाखों बार सोच रहें हैं, क्योंकि जनता का जो प्यार योगी को मिल रहा, वो शायद मौजूदा समय में किसी और नेता को नहीं मिल रहा, न सिर्फ़ यूपी में बल्कि देश के अधिकतर राज्यों में योगी के नाम की गूंज सुनाई पड़ती।

योगी मतलब विश्वास, योगी मतलब हिंदुत्व का ब्रांड एंबेसडर, योगी मतलब जनता का नेता और योगी मतलब भविष्य की बीजेपी, ये महज़ गुजरात के लोगों का कहना नहीं है, बल्कि देश के तमाम राज्यों में योगी का यही क्रेज़ है, ऐसे में योगी के पीछे ऐसे ही लोगों की ताक़त है जो उन्हें ताकतवर बनाती है और जब तक देश के लोगों का ये अटूट विश्वास योगी पर बना रहेगा, उनको हटाने मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं, योगी को हटाने का मतलब यूपी के साथ-साथ कई राज्यों से बीजेपी का सफ़ाया, यही वजह है कि योगी धाकड़ अंदाज में फ़ैसले लेते रहते है और कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाता।

बाकि RSS का जिस तरह से साथ योगी के पास है वो उन्हें और ताकतवर बनाता है, जिसका ताज़ा उदाहरण हाल ही में सबने देख भी लिया, बाकि लोग तो यही कह रहें हैं यूपी की कुर्सी तभी ख़ाली होगी, जब देश को नए पीएम की जरुरत होगी, ऐसे में आपका क्या कुछ कहना, क्या जनता के अटूट विश्वास और साथ ही योगी की सबसे बड़ी ताक़त है जिसके आग सब नतमस्तक है।

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