कौन है ये मुस्लिम महिला जिन्हें PM Modi ने किया प्रणाम और CM Yogi ने की तारीफ?
एक तरफ जहां कांग्रेस देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला हक मानती है। तो वहीं दूसरी तरफ मोदी और योगी सिर्फ मुसलमानों या हिंदुओं की बात नहीं करते। उनकी सरकार की नीतियां भी सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के नारे पर चलती है जिसका सबूत है नसीम बानो को मिला पद्मश्री सम्मान !
कभी देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बयान दिया था हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नयी योजनाएं तैयार करनी होंगी कि अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास का फल समान रूप से साझा करने का अधिकार हो, उनका पहला दावा होना चाहिए संसाधनों पर
साल 2006 में दिये गये पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के इस बयान को लेकर एक बार फिर देश में जहां बवाल मचा हुआ तो वहीं इसी बीच सीएम योगी ने भी इस मुद्दे पर तगड़ा बयान देकर कांग्रेस के मुस्लिम एजेंडे की हवा निकाल कर रख दी।
एक तरफ जहां कांग्रेस देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला हक मानती है। तो वहीं दूसरी तरफ मोदी और योगी सिर्फ मुसलमानों या हिंदुओं की बात नहीं करते। उनकी सरकार की नीतियां भी सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के नारे पर चलती है। अगर वाकई मोदी सरकार मुस्लिम विरोधी होती तो यूपी की नसीमा बानो को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से नहीं नवाजा जाता। अगर वाकई सीएम योगी या उनकी सरकार मुस्लिम विरोधी होती तो नसीम बानो को पद्म श्री से नवाजे जाने पर खुद सीएम योगी डंके की चोट पर उनकी तारीफ नहीं करते।
राजधानी दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन में जब खुद देश की सर्वोच्च नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली नसीम बानो को पद्म श्री सम्मान से नवाजा तो कुछ इसी तरह से पूरा राष्ट्रपति भवन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। यहां तक कि खुद पीएम मोदी ने खड़े होकर उन्हें प्रणाम किया। तो वहीं दूसरी तरफ जिस यूपी से नसीम बानो आती हैं। उस यूपी की कमान संभाल रहे सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी नसीम बानो के हुनर को सलाम किया। और खुद उनकी वीडियो को अपने व्यक्तिगत एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा नई दिल्ली में प्रतिष्ठित 'पद्म पुरस्कार-2024' के अंतर्गत 'पद्म श्री' सम्मान से विभूषित होने पर श्रीमती नसीम बानो जी को हार्दिक बधाई, चिकनकारी वस्त्र कला को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने हेतु आपके द्वारा किए गए प्रयास अभिनंदनीय हैं, आपने उत्तर प्रदेश के हुनर को नई पहचान दिलाई है।
नसीम बानो को बधाई देते वक्त सीएम योगी ने ये नहीं सोचा कि वो हिंदू हैं या मुसलमान हैं। उन्हें भारत के नागरिक के तौर पर देखा। और उनकी कला की तारीफ की। लेकिन इसके बावजूद विपक्ष योगी को मुस्लिम विरोधी बताने में कोई कसर नहीं छोड़ता है।
कौन हैं नसीम बानो?
सीएम योगी ने जिस नसीम बानो के हुनर को सलाम ठोका है। उनके बारे में आपको बता दें। नसीम बानो लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके की रहने वाली हैं। नेपियर रोड कॉलोनी पार्ट 2 में नसीम बानो अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती हैं। उनका पूरा परिवार पिछले 45 सालों से अपने पुश्तैनी काम चिकनकारी में लगा है। नसीम बानो ने चिकन कारी का ये हुनर अपने पिता हसन मिर्जा से सीखा था। जिन्हें 1969 में तत्कालीन केंद्र सरकार की ओर से अनोखी चिकनकारी को लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। और अब अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहीं 62 साल की नसीम बानो इस कला को आगे बढ़ा रही हैं। इस खास चिकनकारी के बारे में नसीम बानो बताती हैं। इस 'अनोखी चिकनकारी' का ईजाद मेरे पिता ने किया था जिसकी खासियत यह होती है की कढ़ाई करने पर कपड़े के नीचे के टांके नजर नहीं आते हैं, एक कुर्ता बनाने में करीब ढाई से 3 महीने का वक्त लग जाता है, यह इतना बारीक काम होता है जिसमें मेहनत बहुत लगती हैं।
मोदी राज में पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किये जाने पर नसीम बानो ने दिल से उनका धन्यवाद दिया और बताया ये अवॉर्ड मिलने से मैं भी बहुत खुश हूं और मेरा परिवार भी बहुत खुश है। ये मेरा दसवां अवॉर्ड है।
बात यहीं खत्म नहीं होती। नसीम बानो को यह कला सिखाने के लिए विदेशों में भी बुलाया जाता है। वो अब तक अमेरिका, चिली, न्यूयॉर्क, कनाडा जैसे देशों में जाकर लोगों को ट्रेनिंग दे चुकी हैं। अनोखी चिकनकारी की कला को आगे बढ़ाने में लगीं नसीम बानो को पद्म श्री से पहले भी कई सम्मान से नवाजा जा चुका है। 1985 और 1988 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन ने उन्हें सम्मानित किया था। जबकि साल 2019 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की ओर से उनके काम को सम्मानित किया गया था। और अब मोदी राज में पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया है। जिसकी तारीफ खुद सीएम योगी ने भी की है। बहरहाल इस पूरे मामले पर आपका क्या कहना है अपनी राय हमें कमेंट कर जरूर बताएं।