कौन हैं ये महिला जिसने 25 साल की उम्र में खो दिया पति अब मोदी ने मंत्री बना दिया ?
देश दुनिया से आए तमाम मेहमानों की मौजूदगी में मंत्री पद की शपथ लेने वालीं रक्षा खडसे के लिए यहां तक का सफर इतना भी आसान नहीं रहा है.। जितना आसान आपको देखने में लग रहा होगा क्योंकि यहां तक का रास्ता तय करते करते रक्षा खडसे को कितना संघर्ष करना पड़ा है। इसके बारे में शायद आपने कभी सोच भी नहीं होगा।
मध्य प्रदेश के खेतिया में जन्मीं रक्षा खडसे की 19 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी और उनकी शादी भी किसी ऐसे वैसे घराने में नहीं हुई थी। उनकी शादी महाराष्ट्र की राजनीति में तगड़ा रसूख रखने वाले एकनाथ खडसे के बेटे निखिल खडसे के साथ साल 2006 में हुई थी। राजनीतिक परिवार में शादी होने की वजह से रक्षा खडसे भी राजनीति में उतर गईं। अपने सियासी सफर की शुरुआत साल 2010 में कोठाडी गांव के सरपंच के तौर पर की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।साल 2012 में रक्षा खडसे महाराष्ट्र के जलगांव की जिला परिषद सदस्य के तौर पर जिम्मेदारी संभाली और साल 2014 तक इसी पद पर रहीं, इसी बीच साल 2013 में एक ऐसा हादसा हो गया।
जिसे रक्षा खडसे जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगी क्योंकि जिस निखिल खडसे के साथ उन्होंने सात फेरे लिये थे। वही निखिल खडसे उनका साथ हमेशा हमेशा के लिए छोड़ गये ।उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी और उनकी हार की वजह साल 2011 में विधान परिषद चुनावों में हार बताई गई। जिस उम्र में लड़कियां शादी करती हैं, उस उम्र में रक्षा खडसे ने अपने पति को खो दिया। लेकिन इसके बावजूद हार नहीं मानीं, महज 25 साल की उम्र में ही पति को खो देने वालीं रक्षा खडसे साल 2014 में राष्ट्रीय राजनीति में उतरीं।जब बीजेपी ने उन्हें बीजेपी ने महाराष्ट्र की रावेर लोकसभा सीट से टिकट देकर मैदान में उतार दिया। जिन्हें हराने के लिए मैदान में 22 उम्मीदवार उतरे थे लेकिन इसके बावजूद देश में चली प्रचंड मोदी लहर के दौरान रक्षा खडसे तीन लाख से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की और महज 26 साल की उम्र में ही पहली बार सांसद बन गईं।
पांच साल बाद जब साल 2019 में लोकसभा चुनाव हुआ तो इस बार भी पीएम मोदी ने रक्षा खडसे पर ही भरोसा जताया और एक बार फिर उन्हें रावेर सीट से टिकट देकर मैदान में उतार दिया, रक्षा खडसे ने भी बीजेपी को निराश नहीं किया। इस बार उन्होंने तीन लाख 35 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।लगातार दो बार सांसदी का चुनाव जीतने वालीं रक्षा खडसे पर बीजेपी का भरोसा बढ़ता ही गया ।जिसका असर ये हुआ साल 2024 में बीजेपी ने लगातार तीसरी बार रक्षा खडसे को रावेर सीट से टिकट दे दिया और इस बार उन्हें हराने के लिए 23 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे। लेकिन जब चुनावी नतीजे आए तो रक्षा खडसे ने सभी विरोधियों को धूल चटाते हुए जीत की हैट्रिक लगा दी।इस बार रक्षा खडसे ने दो लाख 72 हजार से भी ज्यादा वोटों से जीत हासिल की ।वो भी ऐसे वक्त जब शरद पवार,उद्धव ठाकरे और राहुल गांधी की पार्टी मिलकर उन्हें हराने में लगी हुई थी। लेकिन इसके बावजूद नहीं हरा पाई। इस बार तीनों पार्टियों को हरा कर जीत हासिल करने वालीं रक्षा खडसे को उनकी इस जीत का ईनाम भी मिला। जब पीएम मोदी ने उन्हें अपनी सरकार में मंत्री बनाया।