सरकार किसी की भी बने जम्मू कश्मीर में एक हिंदू बनेगा मुख्यमंत्री, जानिए कैसे?
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने तीन चरणों में अपना जनादेश दर्ज कर दिया है। तीसरे और आखिरी चरण की वोटिंग समाप्त हुई। 8 अक्टुबर को मतगणना होगी। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि इस बार जम्मू-कश्मीर को पहला हिंदू सीएम मिलने वाला है।
Jammu Kashmir , जहां कई सालों बाद विधानसभा चुनाव हुए। तीन चरणों में यहां चुनाव हुए और ऐसे में अब अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार जम्मू-कश्मीर को पहला हिंदू सीएम मिलने वाला है। अब ऐसे कयास क्यों लग रहें है। ये जानने के लिए इस पूरी रिपोर्ट को देखिए।
1- हिंदू इलाके में बंपर वोटिंग
जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद से ही लोगों को इस बात का इशारा मिलना शुरु हो गया कि इस बार यहां की गद्दी पर एक हिन्दू सीएम बैठ सकता है। देखिए मंगलवार को सात जिलों की 40 विधानसभा सीटों पर मतदान हुए। इनमें 24 जम्मू और 16 कश्मीर की घाटी के विधानसभा शामिल है। यहां कुल वोटिंग प्रतिशत 66.56 रहा। मतलब क्लियर है कि जम्मू में बंपर वोटिंग हुई है। इससे पहले 18 और 25 सितंबर को पहले और दूसरे चरण में वोटिंग हिई। जहां पहले चरण में 61.38% वोटिंग हुई तो वहीं दूसरे चरण में 57.31% वोटिंग हुई है। ऐसे में ये चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि जो कभी नहीं हुआ वो मोदी राज में होगा। और मुसलमानों से भरे इस केंद्र शासित प्रदेश को एक हिंदू सीएम मिल सकता है। गौर फरमाइयेगा कि मैं यहां हिंदू सीएम की बात कर रही हूं। न कि किसी पार्टी के जीत की।
2- कैसे बन रहा हिंदू सीएम का माहौल?
2011 में हुई जनगणना के मुताबिक जम्मू कश्मीर में 68.8% मुसलमानों की आबादी है। मुसलमान अधिकतर कश्मीर घाटी में रहते है। वहीं 28.8% हिंदू आबादी है। जो ज्यादातर जम्मू में रहते है। जम्मू में चाहे लोकसभा हो या विधानसभा दोनों ही चुनावों में हिंदुओं की जीत होती है। एक अहम बात ये भी है कि जम्मू के इलाकों में सिर्फ बीजोपी या कांग्रेस नहीं बल्कि national conference का भी दबदबा रहा है। लेकिन इस चुनाव में जम्मू नॉर्थ से बीजेपी के प्रत्याशी शाम लाल शर्मा ने इसी आधार पर वोट मांगा है कि मुसलमानों वाले केंद्र शासित प्रदेश में हिंदू मतदाता हिंदू प्त्याशी को वोट देकर जीत दिलाए। ताकी यहां एक हिंदू सीएम बन जाएं।
3- जम्मू को मजबूत करने का प्रयास!
अगर हम पिछले कुछ सालों के हाताल पर नजर डाले तो कश्मीर के मुकाबले जम्मू कमजोर पड़ गया है। जम्मू अब शीतकालीन राजधानी भी नहीं रहा। ऐसे में जम्मू में रहने वाले निवासियों के मन में इस बात की चाहत है कि अगर जम्मू से जीता हुआ कोई विधायक सीएम बनता है तो जम्मू मजबूत होगा। जम्मू के हक में फैसले लिए जाएंगे।
4- हंग असेंबली बनी तो बीजेपी रहेगी आगे!
बात 2008 की हो या 2014 की। जम्मू-कश्मीर में हंग असेंबली यानी की त्रिशंकु विधानसबा का इतिहास रहा है। 2008 में कांग्रेस और नेश्नल कांफ्रेंस ने मिलकर सरकार बनाई। 2014 में बीजपी ने पीडीपी के साथ मिलकर अफनी सरकार बनाई। अगर ऐसा हुआ तो maximum chances है कि बीजेपी के तरफ से ही सीएम होगा। जम्मू-कश्मीर की बात करें तो यहां पर रहने वाले हिंदुओं के वोट सिर्फ दो पार्टियों में बटेंगे पहली बीजेपी दूसरी कांग्रेस। बीजेपी का प्रयास है की जम्मू के 43 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा उनके खाते में आए। बीजेपी ने जम्मू में जीत पर बड़ी बात भी कही है। बीजेपी का कहना है कि अगर पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाती है तो सीएम जम्मू से होगा।
5- कांग्रेस की जीत पर भी हिंदू बनेगा सीएम!
अब एक आखिरी पॉइंट पर बात कर लेते है। वो ये कि कांग्रेस और नेश्नल कांफ्रेंस की सरकार बनती है तो भी एक हिंदू के हाथ में प्रदेश की कमान जा सकती है। नए परिसमन के लागू होने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में चुनाव हो रहें है। 90 सीटों पर चुनाव हुए। जिनमे 47 सीट कश्मीर और 43 सीट जम्मू की है। यानी सीटों की संख्या में सिर्फ 4 सीटें कम। और ये एक बड़ा फैक्टर है कि जीत किसी की भी हो सीएम हिंदू हो सकता है। अगर कांग्रेस को जम्मू की अधिकतर सीटें मिलती है। तो संभावना ये हा कि हिंदू और मुस्लिम विधायकों की संख्या लगभग लगभग बराबर होगी। ऐसे में कांग्रेस और नेश्नल कांफ्रेंस दोनों ही चाहेगी की बीजेपी को मजबूत न होने दिया जाए। इसलिए किसी हिंदू को सीएम बनाया जा सकता है।
तो ये है कुछ पॉइंट्स जो बताते है कि इस बार जम्मू-कश्मीर में हिंदू सीएम हो सकता है। इन समीकरणों को जानने के बाद क्या लगता है क्या जम्मू-कश्मीर में एक हिंदू सीएम बनेगा।