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Haryana में Congress को ललकारते हुए Amit Shah ने क्यों कहा- मैं बनिया का बेटा हूं

Haryana में बीजेपी का असली मुकाबला कांग्रेस। और आम आदमी पार्टी से है। जिन्हें चुनावी मैदान में धूल चटाने के लिए बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री अमित शाह ने अभी से मोर्चा संभाल लिया और 16 जुलाई को ही हरियाणा की धरती पर कदम रखते ही खुद को बनिया का बेटा बताकर कांग्रेस को खुली चुनौती दे दी है ।
Haryana में Congress को ललकारते हुए Amit Shah ने क्यों कहा- मैं बनिया का बेटा हूं
Amit Shahदेश में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने के बाद बीजेपी अब राज्यों में चुनाव जीतने के मिशन में जुट गई है। जिसमें अगला पड़ाव है राजधानी दिल्ली से सटा हरियाणा। जहां बीजेपी का असली मुकाबला कांग्रेस। और आम आदमी पार्टी से है।  जिन्हें चुनावी मैदान में धूल चटाने के लिए बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले गृहमंत्री Amit Shah ने अभी से मोर्चा संभाल लिया और 16 जुलाई को ही हरियाणा की धरती पर कदम रखते ही खुद को बनिया का बेटा बताकर कांग्रेस को खुली चुनौती दे दी है।



मोदी के सबसे भरोसेमंद सिपाही अमित शाह को यूं ही बीजेपी का चाणक्य नहीं कहा जाता है।  देश में कहीं भी चुनाव हो। सबसे पहले अमित शाह ही मोर्चा संभालते हैं। और संगठन को चुनावी जंग के लिए तैयार करते हैं। यही वजह है कि इसी साल नवंबर में होने जा रहे हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अमित शाह को अभी से मोर्चे पर लगा दिया गया है। यही वजह है कि 16 जुलाई को ही हरियाणा की धरती पर कदम रखने वाले अमित शाह ने सबसे पहले ओबीसी समुदाय के लोगों को साधने की कोशिश की। और महेंद्रगढ़ में आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन में जब दहाड़ना शुरू किया तो सबसे पहले दशकों तक हरियाणा में सरकार चला चुकी कांग्रेस को निशाने पर लिया। और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को ललकारते हुए कहा कि मैं बनिया का बेटा हूं पाई पाई का हिसाब लेकर आया हूं और चुनौती देता हूं हमारे दस साल और आपके दस साल लेकर हरियाणा की जनता के बीच आ जाइये।

हरियाणा के चुनावी मैदान में उतरी बीजेपी पिछड़ा वोट बैंक साधने की कोशिश यूं ही नहीं कर रही है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी ने जहां मनोहर खट्टर को सीएम पद से हटाकर ओबीसी समाज से आने वाले नायब सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया। तो वहीं अब पिछड़ा वर्ग सम्मान सम्मेलन के जरिये पिछड़े समाज को साधने की कोशिश कर रही है।क्योंकि ये बात बीजेपी भी अच्छी तरह से जानती है कि हरियाणा में 22 फीसदी जाट वोट बैंक के बाद सबसे ज्यादा 21 फीसदी पिछड़ा वोट है। इसीलिये अमित शाह ने इसी कार्यक्रम में पिछड़ा समुदाये के लिए बड़ा ऐलान करते हुए कह दिया कि। क्रीमी लेयर की सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख कर दिया गया है। तो वहीं पंचायतों के साथ ही म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में भी ग्रुप A के लिए 8 फीसदी और ग्रुप B के लिए भी 5 फीसदी आरक्षण का प्रावधान कर दिया गया है।

बात यहीं खत्म नहीं होती। हरियाणा चुनाव में पिछड़ों के साथ साथ युवाओं को भी साधने के लिए बीजेपी सरकार ने अग्निवीरों को पुलिस भर्ती से लेकर माइनिंग गार्ड की भर्ती में दस फीसदी तक आरक्षण दे दिया है।  इसके अलावा ग्रुप सी और डी की नौकरी में भी आयु सीमा में तीन साल की छूट दी जाएगी। ये ऐलान सरकार ने इसलिये किया है क्योंकि कांग्रेस अग्निवीर के मुद्दे पर ही बीजेपी को घेरने की कोशिश करती रही है। इसीलिये बीजेपी कांग्रेस के इस हथियार को भी कुंद करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसी बात से समझ सकते हैं कि बीजेपी 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में इस बार पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। क्योंकि 2019 के चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत ना मिलने की वजह से दुष्यंत चौटाला के साथ गठबंधन सरकार चलानी पड़ी थी। बहरहाल आपको क्या लगता है।  क्या इस बार बीजेपी हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बना पाएगी। 

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