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चुनाव हारने के बाद पहली मीटिंग में ही अफसरों पर क्यों भड़क गये CM Yogi ?

यूपी में बीजेपी को मिली करारी हार के पीछे सबसे बड़ी वजह नौकरी और पेपर लीक मुद्दा भी रहा है। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में युवाओं ने बीजेपी के खिलाफ वोट किया और पूरी पार्टी को 33 सीटों तक समेट दिया।चुनावी नतीजों के बाद युवाओं का ये गुस्सा सीएम योगी भी लगता है अच्छी तरह से समझ गये हैं।इसीलिये जब गुरुवार को सीएम योगी ने बैठक बुलाई तो खाली पदों और भर्तियों को लेकर अधिकारियों पर नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी ।
चुनाव हारने के बाद पहली मीटिंग में ही अफसरों पर क्यों भड़क गये CM Yogi ?

जिस उत्तर प्रदेश में बीजेपी साल 2014 के चुनाव में अस्सी में से 71 सीट जीत कर इतिहास रच दिया। जिस उत्तर प्रदेश में बीजेपी 2019 के चुनाव में अस्सी में से 62 सीटें जीत ले गई।उसी उत्तर प्रदेश में किसने सोचा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐसी हालत हो जाएगी कि अस्सी की आधी सीटें जीतने के भी लाले पड़ जाएंगे।और पूरी बीजेपी 33 सीटों पर सिमट जाएगी,ये नतीजे देख कर बीजेपी के साथ साथ पूरा देश जहां हैरान है।तो वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी आदित्यनाथ अपने गढ़ में बीजेपी को मिली मात के बाद एक्शन में आ गये हैं।गुरुवार को ही उन्होंने अफसरों की एक अहम बैठक बुलाई और इस बैठक में अफसरों की नकेल कसने के साथ ही कई ऐसे फैसले भी लिये। जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दे रही है।

UP में चुनावी झटके के बाद एक्शन में योगी

दरअसल यूपी में बीजेपी को मिली करारी हार के पीछे सबसे बड़ी वजह नौकरी और पेपर लीक मुद्दा भी रहा है। जिसकी वजह से बड़ी संख्या में युवाओं ने बीजेपी के खिलाफ वोट किया और पूरी पार्टी को 33 सीटों तक समेट दिया।चुनावी नतीजों के बाद युवाओं का ये गुस्सा सीएम योगी भी लगता है अच्छी तरह से समझ गये हैं।इसीलिये जब गुरुवार को सीएम योगी ने बैठक बुलाई तो खाली पदों और भर्तियों को लेकर अधिकारियों पर नकेल कसने में कोई कसर नहीं छोड़ी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की बैठक के दौरान सीएम योगी ने साफ तौर पर कह दिया कि -जिन विभागों में रिक्तियां हैं और नियुक्तियां की जानी है वहां से तुरंत प्रस्ताव चयन आयोगों को भेजा जाए, नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-प्रपोजल की व्यवस्था लागू की गई है, नियुक्ति के लिए नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए, चयन आयोगों से संपर्क बनाएं और गलत प्रस्ताव ना भेजे, चयन प्रक्रिया की समय-सीमा तय करें।

सीएम योगी के निर्देश बता रहे हैं कि उन्होंने खाली पदों को भरने के लिए अधिकारियों को जहां सख्त निर्देश दिये, तो वहीं तय समय पर भर्तियां पूरा करने का अल्टीमेटम भी दे दिया। इसी बात से समझ सकते हैं कि सीएम योगी नौकरियों के मामले में अब किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहते।नौकरियों के मामले में अहम निर्देश देने के बाद सीएम योगी ने विकास से जुड़ी योजनाओं पर भी बैठक में चर्चा की।

बैठक में योगी के निर्देश

  • लाभार्थीपरक योजनाओं को सीएम डैशबोर्ड से जोड़ा जाए इससे निगरानी में आसानी होगी, सरकार की योजनाओं के लिए पात्र हर एक व्यक्ति-परिवार को योजनाओं के लाभ जरूर मिलें।
  • सहारनपुर और फतेहपुर में निर्माणाधीन स्पोर्ट्स कॉलेज में आगामी सत्र से प्रवेश होना है इसे देखते हुए निर्माण समय से पूरा करा लिया जाए, मेरठ में निर्माणाधीन खेल विश्वविद्यालय के कार्यों में तेजी लाई जाए।
  • गढ़मुक्तेश्वर में बृजघाट और आसपास के क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाट पर बड़ा ऐतिहासिक मेला लगता है, बृज घाट के सुंदरीकरण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।
  • बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल का सपना साकार हो रहा है, दोनों ही क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता में हैं जल्द ही यहां हर घर में नल से जल की सुविधा होगी, पशुओं के लिए हरा चारा और पानी की भी व्यवस्था करें।
  • अब तक 80 लाख से अधिक घरौनी तैयार की जा चुकी है, जहां सर्वेक्षण कार्य बाकी हैं उसे भी जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए।
  • बेसिक शिक्षा अधिकारी, एसडीआई द्वारा अपने क्षेत्र में कस्तूरबा बालिका विद्यालयों का साप्ताहिक निरीक्षण किया जाए।
  • परिषदीय विद्यालयों में हर प्रधानाध्यापक और शिक्षक यह सुनिश्चित कराएंगे कि हर छात्र-छात्रा निर्धारित गणवेश में ही विद्यालय आएं, इसके लिए डीबीटी की धनराशि समय से भेजी जाती रहे।
  • टैबलेट, स्मार्टफोन बांटने की कार्रवाई को और तेज किया जाए।
  • मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक भुगतान में कोई देरी नहीं होनी चाहिए, भारत सरकार से संवाद बनाए रहें।
  • पूरे राज्य में गैरजरूरी बिजली कटौती ना की जाए, ट्रांसफॉर्मर जलने, तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना देरी निस्तारण किया जाए ।
  • विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आई.टी.आई.  जैसे सभी शैक्षिक संस्थानों के शैक्षिक कैलेंडर ऐसे तैयार किए जाएं कि 10 मई तक सभी जरूरी परीक्षाएं हो जाएं, भीषण गर्मी के मौसम में परीक्षाओं से परहेज किया जाए ।

आचार संहिता हटते ही बुलाई गई बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों के जहां पेंच कसे तो वहीं जनता जनार्दन की समस्याएं सुनने में भी कोई देरी नहीं की। राजधानी लखनऊ में सीएम योगी ने 6 जून को जनता दर्शन के दौरान लोगों की समस्याएं सुनने के साथ ही अधिकारियों को भी साफ निर्देश दे दिया कि-आम लोगों से जुड़े काम निश्चित समयसीमा में हों, किसी भी काम में कोई अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जनता से जुड़े जो भी मुद्दे अदालतों में लंबित हैं उनमें अपना पक्ष पेश करते हुए प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराई जाए।

सीएम योगी के ये रफ्तार बता रही है कि यूपी की जनता ने भले ही बीजेपी को हरा दिया। लेकिन सीएम योगी जनता की सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं जैसे ही चुनाव आयोग ने आचार संहिता हटाई।सीएम योगी तुरंत जनता की सेवा में जुट गये, तो वहीं अधिकारियों को भी जनता जनार्दन से जुड़ी शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करने के सख्त निर्देश भी दिये।

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