Advertisement

Pakistan से India आए सैकड़ों मुसलमानों ने मोदी सरकार की क्यों तारीफ की | Ajmer Sharif

Rajasthan के Ajmer Sharif में 813वें उर्स मुबारक के मौके पर पाकिस्तान से आए मुस्लिम जायरीनों ने भारत-पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्रा के प्रोटोकॉल को लेकर आभार व्यक्त करने के साथ ही सुनिये पीएम मोदी के बारे में क्या कहा ?
Pakistan से India आए सैकड़ों मुसलमानों ने मोदी सरकार की क्यों तारीफ की | Ajmer Sharif
इतिहास गवाह है। जब भी भारत ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। पाकिस्तान ने भारत की पीठ में ही छुरा मारा है। लेकिन इसके बावजूद लगता है मोदी सरकार रिश्ते सुधारने के लिए पाकिस्तान को एक और मौका देना चाहती है। इसीलिये राजस्थान के ऐतिहासिक ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सिर झुकाने की आस लगाए बैठे पाकिस्तानी मुसलमानों के लिए अटारी बॉर्डर का गेट खोल दिया गया।


दरअसल ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर 813वां उर्स चल रहा है। जहां हर साल भारत के प्रधानमंत्री चादर भेजते रहे हैं। खुद पीएम मोदी पिछले दस सालों से आस्था की चादर भेज रहे हैं। और इस बार भी चार जनवरी को अजमेर शरीफ में पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाई गई।इसी बात से समझ सकते हैं भारत में अजमेर शरीफ दरगाह के लिए क्या अहमियत है। तो वहीं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर बड़ी मान्यता है। जिसकी वजह से पाकिस्तानी मुसलमान भी अजमेर शरीफ चादर चढ़ाने आते रहे हैं। इस बार भी मोदी सरकार ने करीब सौ पाकिस्तानी मुसलमानों को अजमेर शरीफ दरगाह में चादर चढ़ाने के लिए वीजा दिया है। और जब इन मुस्लिम जायरीनों ने वीजा मिलने के बाद भारत में कदम रखा तो सुनिये दोनों देशों के रिश्तों के बारे में इन मुसलमानों ने क्या कहा।"अटारी बॉर्डर से भारत में एंट्री करने वाले पाकिस्तानी जायरीनों को कड़ी सुरक्षा के बीच रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया। जहां से वो ट्रेन के जरिये दिल्ली गये। और फिर वहां से सीधे अजमेर पहुंच कर दरगाह पर चादर चढ़ायी। इसी दौरान एक पाकिस्तानी जायरीन ने कहा हम शांति का संदेश लेकर आए हैं और हमें उम्मीद है कि मोदी जी हमें ख्वाजा गरीब नवाज की यात्रा के लिए वीजा देते रहेंगे "

मोदी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक यात्रा के प्रोटोकॉल के तहत अजमेर शरीफ के उर्स मुबारक में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी मुसलमानों को वीजा दिया है। तो वहीं इसी तरह से पाकिस्तान भी करतारपुर कॉरिडोर के जरिये सिख श्रद्धालुओं को गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक जाने की इजाजत देता है। क्योंकि करतारपुर गांव पाकिस्तान में ही रावी नदी के पश्चिमी तट पर मौजूद है। जहां सिखों के पहले गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के आखिरी 18 साल बिताए थे। इसीलिये सिख समुदाय के लिए यह काफी पवित्र स्थल है। इसी तरह से पाकिस्तान में ही करीब पांच हजार साल पुराना कटासराज शिव मंदिर भी है। जिसके बारे में कहा जाता है भगवान शिव अपनी पत्नी सती के साथ यहां रहते थे।

उनकी मृत्यु के बाद भगवान शिव अपने आंसू नहीं रोक सके। वो इतना रोए कि उनके आंसुओं से दो तालाब बन गये एक कटारसराज में है, तो दूसरा राजस्‍थान के पुष्कर में है। इसी बात से समझ सकते हैं भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहां श्रद्धालु श्रद्धा के सिर झुकाना चाहते हैं। क्योंकि पाकिस्तान भी कभी अखंड भारत का हिस्सा था। लेकिन धर्म के नाम पर अलग हुआ पाकिस्तान आतंकवाद की खेती करने की वजह से अब भारत का सबसे बड़ा दुश्मन बन गया है। लेकिन इसके बावजूद जिस तरह से मोदी सरकार ने पाकिस्तानी जायरीनों को अजमेर शरीफ जाने के लिए वीजा दिया है।
Advertisement
Advertisement