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वक्फ कानून पर भड़कीं Mayawati ने Rahul Gandhi पर क्यों उतारा गुस्सा ?

Waqf Amendment Act पर ना तो राजनीति थमने का नाम ले रही है और ना ही बवाल, एक तरफ जहां ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में कुछ सोकॉल्ड शांतिप्रिय मुसलमान बसें फूंक रहे हैं, मॉल लूट रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिमों के हिमायती बनने चले राहुल गांधी ने संसद में ऐसी चुप्पी साधी, जिस पर भड़कीं मायावती ने एक झटके में पूरी कांग्रेस के मुस्लिम प्रेम की बखिया उधेड़ दी !
वक्फ कानून पर भड़कीं Mayawati ने Rahul Gandhi पर क्यों उतारा गुस्सा ?
विपक्ष के लगातार भारी विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन बिल संसद से पास भी करवा लिया. और पूरे देश में नया वक्फ संशोधन कानून लागू भी कर दिया. लेकिन इसके बावजूद इस मुद्दे पर ना तो राजनीति थमने का नाम ले रही है और ना ही बवाल. एक तरफ जहां ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में कुछ सोकॉल्ड शांतिप्रिय मुसलमान बसें फूंक रहे हैं.मॉल लूट रहे हैं.तो वहीं दूसरी तरफ मुस्लिमों के हिमायती बनने चले राहुल गांधी ने संसद में ऐसी चुप्पी साधी. जिस पर भड़कीं मायावती ने एक झटके में पूरी कांग्रेस के मुस्लिम प्रेम की बखिया उधेड़ दी.

दरअसल मोदी सरकार संसद में जब वक्फ संशोधन बिल लेकर आई थी तो उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी जैसे तमाम विपक्षी नेताओं की पार्टियों ने इसका जबरदस्त विरोध किया था. क्योंकि विपक्षी पार्टियों में खुद को सबसे बड़ा मुस्लिम हितैषी साबित करने की होड़ लगी हुई थी. लेकिन बात जब वक्फ संशोधन बिल के मुद्दे पर संसद में बोलने की आई तो. देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष जैसी बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे राहुल गांधी ने ही मौन साध लिया. जब उन्हें बोलने की सबसे ज्यादा जरूरत थी.राहुल गांधी खामोशी की चादर ओढ़े रहे. और संसद में वक्फ बिल के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा. अब यही कदम राहुल गांधी को भारी पड़ रहा है. क्योंकि यूपी की चार बार की मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इसी मुद्दे के बहाने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. और एक ट्वीट में कहा. "वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा में हुई लम्बी चर्चा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा कुछ नहीं बोलना अर्थात सीएए की तरह संविधान उल्लंघन का मामला होने के विपक्ष के आरोप के बावजूद इनका चुप्पी साधे रहना क्या उचित है? इसे लेकर मुस्लिम समाज में आक्रोश और इनके इण्डिया गठबंधन में भी बेचैनी स्वाभाविक है "


बीएसपी सुप्रीमो मायावती यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने मुस्लिमों को भी कांग्रेस के छलावे से बचने की सलाह देते हुए कहा कि "वैसे भी देश में बहुजनों के हित, कल्याण एवं सरकारी नौकरी व शिक्षा आदि में इन वर्गों के आरक्षण के अधिकार को निष्प्रभावी व निष्क्रिय बनाकर इन्हें वंचित बनाए रखने के मामले में कांग्रेस, भाजपा आदि ये पार्टियां बराबर की दोषी हैं, धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी इनके छलावा से बचना जरूरी है"

राहुल गांधी केरल की जिस वायनाड सीट से लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीते. उस लोकसभा क्षेत्र में भी मुस्लिमों की बड़ी आबादी है.जिन्होंने राहुल गांधी के साथ ही उनकी बहन प्रियंका गांधी को भी चुनाव जिताने में बड़ी भूमिका निभाई थी.लेकिन इसके बावजूद संसद में ना तो राहुल गांधी वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ बोले और ना ही उनकी बहन प्रियंका गांधी ने संसद में इसके खिलाफ कोई आवाज उठाई. यही वजह  है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस के वक्फ कानून के विरोध को महज एक छलावा बताया है. और मुसलमानों से कांग्रेस के इस छलावे से दूर रहने की अपील की है. वैसे आपको बता दें. जिस तरह का आरोप आज मायावती कांग्रेस पर लगा रही हैं. कुछ ऐसा ही आरोप खुद पीएम मोदी भी कांग्रेस पर लगा चुके हैं जब वो साल 2019 में लगातार दूसरी बार सत्ता में आए थे. और उसी दौरान ऐलान किया था कि हमें मुसलमानों के साथ होने वाले छल में छेद करना है.

पीएम मोदी का ये बयान बता रहा है कि चाहे तीन तलाक के खिलाफ कानून लाना हो. या फिर वक्फ संशोधन कानून लाना हो. मोदी सरकार मुस्लिमों को वोटबैंक की तरह इस्तेमाल करने की बजाए उनकी भलाई के लिए कदम उठाती रही है. लेकिन इसके बावजूद विपक्षी नेता लगातार ये माहौल बना रहे हैं कि मोदी सरकार मुस्लिमों के खिलाफ वक्फ संशोधन कानून लेकर आई है. लेकिन जब संसद में इसके खिलाफ बोलने का वक्त आया तो विपक्षी नेता राहुल गांधी सदन में चुप्पी साध लिये. वैसे आपको बता दें. वक्फ संशोधन कानून की तरह सीएए के खिलाफ भी कुछ ऐसा ही माहौल बनाया गया था और अफवाह फैलाया गया था कि इससे मुसलमानों की नागरिकता छीन ली जाएगी. लेकिन हकीकत ये है कि आज तक किसी भी मुसलमान की नागरिकता नहीं गई. इसके बावजूद सीएए विरोधी बवाल की तरह अब वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ भी ममता के बंगाल से हिंसा की शुरुआत हो गई है.और ये हिंसा कहां जा कर रुकती है ये तो फिलहाल वक्त बताएगा. 
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