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आंसू बहाती महिला को Pappu Yadav ने Tejashwi Yadav के पास जाने को क्यों कहा

Lok Sabha Election के दौरान रोते हुए वोट मांगने वाले पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने रोती-बिलखती महिला को तेजस्वी यादव के पास जाने के लिए क्यों कह दिया
आंसू बहाती महिला को Pappu Yadav ने Tejashwi Yadav के पास जाने को क्यों कहा
वो रोती रही । गिड़गिड़ाती रही। सुरक्षा की भीख मांगती रही। और सांसद जी मुस्कुराते रहे।

बात यहीं खत्म नहीं हुई। रोने की वजह पूछने से पहले सांसद जी ने महिला की जाति पूछ ली। और जब रोती बिलखती महिला बोली हम यादव हैं। फिर तो खुद यादव होने के बावजूद एक महिला के आंसू को देख कर मुस्कुराते रहे सांसद जी।


तस्वीरों में नजर आ रहे है। ये कोई छोटे मोटे नेता जी नहीं हैं। छठी बार सांसद बने राजेश रंजन हैं। जिन्हें लोग पप्पू यादव के नाम से जानते हैं। जिनका काम है अपने क्षेत्र पूर्णिया की तमाम जनता का दुख दर्द बांटना । उनकी समस्या सुनना ।उनकी मदद करना । फिर वो चाहे किसी भी पार्टी से क्यों ना हो। यही एक जनप्रतिनिधि का धर्म और कर्म होता है। लेकिन लगता है सांसद पप्पू यादव ये बात भूल गये हैं। इसीलिये जब उनके पास एक महिला अपनी समस्या लेकर आई तो।सांसद पप्पू यादव उसकी समस्या सुनने से पहले उसकी जाति में दिलचस्पी दिखाने लगे। इसीलिये समस्या सुनने से पहले महिला से उसकी जाति पूछ ली। और जब महिला बोली हम भी यादव ही हैं। तब पप्पू यादव हंसते हुए कहने लगे तुम्हारे नेता तो तेजस्वी यादव हैं। जाइये वहां जाइये।

सांसद पप्पू यादव जिस महिला से उसकी जाति पूछ कर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के पास जाने की नसीहत दे रहे थे।और जब वो मांगना था। तब यही पप्पू यादव आंसू बहाते हुए पूर्णिया के लोगों से वोट मांगते फिर रहे थे।

चुनावों में रोते हुए पूर्णिया की जनता से वोट मांगने वाले पप्पू यादव चुनाव जीतने के बाद सांसद बन गये तो अब जनता के आंसुओं की वजह पूछने की बजाए उससे उनकी जाति पूछते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल रहे योगी आदित्यनाथ को भले ही विपक्ष मुस्लिम विरोधी बताता रहा हो।और ज्यादातर मुस्लिम भी योगी को वोट ना देता हो। लेकिन बात जब जन समस्या सुनने की आती है। तो सीएम योगी ये नहीं देखते कि अपनी समस्या लेकर आने वालों में कौन मुस्लिम है। कौन हिंदू है। या फिर कौन यादव है। कौन राजपूत है। सीएम योगी के लिए सभी फरियादी एक समान होते हैं। और वो सभी की समस्या भी सुनते हैं। 

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