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स्वामी निश्चलानंद ने क्यों की मोदी-योगी को जेल भेजने की बात ?

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बीजेपी को अपने बयानों से घेरने वाले स्वामी निश्चलानंद ने अब PM मोदी और CM योगी को जेल भेजने की बात क्यों कर डाली. देखिए ये रिपोर्ट
स्वामी निश्चलानंद ने क्यों की मोदी-योगी को जेल भेजने की बात ?
22 जनवरी 2024 मौका था राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का। भव्य समारोह हुआ जिसके लिए देश दुनिया के मेहमानों को न्यौता भेजा गया। देश के तमाम साधू-संत और शंकराचार्य इस दिव्य आयोजन के गवाह बने। जो शंकराचार्य प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचे थे उनकी तो चर्चा हुई ही लेकिन जो नहीं पहुंचे वो सुर्खियों में आ गए। सबसे ज्यादा जिनकी चर्चा हुई वे थे ओडिशा के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती की। जिन्होंने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए प्राण प्रतिष्ठा में आने से साफ इंकार कर दिया था। अब वे ही शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती एक बार फिर चर्चा में आ गए। और बयान इस बार भी पीएम मोदी पर ही था। जिक्र यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का भी हुआ।


दरअसल, उज्जैन के एक धार्मिक सम्मेलन के बाद शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि भारत में स्वस्थ न्याय तंत्र होता तो पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ जेल में होते। वे यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, पीएम मोदी और योगी ने एक आतंकी को शंकराचार्य बना दिया। जबकि पुलिस उसे जेल में डालना चाहती थी। इससे बड़ा अपराध क्या होगा ? 

न्याय प्रक्रिया पर उठाए सवाल 


स्वामी निश्चलानंद ने पीएम मोदी और योगी को घेरते हुए देश की न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ये लोग PM और CM
पद पर हैं अपने पद का दायित्व निभा रहे हैं। भारत में ऐसा कोई न्याय तंत्र नहीं जो मोदी-योगी को सजा दे सके।

शंकराचार्य की ये अदावत है पुरानी 


सरकार से टकराव और PM मोदी के खिलाफ शंकराचार्य निश्चलानंद का ये रवैया कोई नया नहीं है। इससे पहले भी कई मौकों पर उनकी तल्खी साफ झलकती आई है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर उन्होंने कहा तथा कि, पीएम मोदी अगर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे तो क्या मैं ताली बजाऊंगा। इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर पर हुई राजनीति का भी विरोध जताया था। इतना ही नहीं देश के बड़े मंदिरों में कॉरिडोर निर्माण पर भी निश्चलानंद ने आपत्ति जताई थी। 

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती को कभी RSS की नीति भी रास नहीं आई। एक समारोह में उन्होंने मोहन भागवत पर किए गए सवाल के जवाब में कहा था कि वे बड़-बड़ ना बोलें। उन्हें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। बहरहाल राजनीति, सरकारी तंत्र या फिर बात हो पीएम मोदी की। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के बयान कोई ज़्यादा शॉकिंग बात नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। 



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