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यूपी उपचुनाव में सपा गठबंधन ने क्यों अपने सिंबल चुनावी मैदान में उतारें गठबंधन के प्रत्याशी, सामने आई बड़ी वजह

यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने फ़ैसला लिया है कि गठबंधन के प्रत्याशी सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे, अब इसकी पीछे की वजह निकलकर सामने आई है कि आख़िर सपा-कांग्रेस गठबंधन ने ये फ़ैसला क्यों लिया है
यूपी उपचुनाव में सपा गठबंधन ने क्यों अपने सिंबल चुनावी मैदान में उतारें गठबंधन के प्रत्याशी, सामने आई बड़ी वजह
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सपा और कांग्रेस के बीच अब तालमेल पूरी तरीके से बैठ चुका है। गठबंधन की गुत्थी सुलझाने के बाद समाजवादी पार्टी ने सभी नौ सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। इससे पहले अटकल यह लगाई जा रही थी कि सपा अपने सहयोगी दल कांग्रेस के लिए कुछ सीट छोड़ सकती है लेकिन अब स्थिति साफ है सपा ने सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है, हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स के जरिए यह संदेश दे दिया था कि इंडिया गठबंधन मजबूत है और सपा के सिंबल पर गठबंधन के सभी प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे। आइए अब आपको समझाते है कि आख़िर सपा ने अपने सिंबल पर गठबंधन के प्रत्याशी को चुनावी मैदान में क्यों उतारा। 


दरअसल, उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दरम्यान जिस तरीके से सपा कांग्रेस गठबंधन की बड़ी जीत हुई थी। सबसे बड़ी बात की समाजवादी पार्टी का साथ मिलने की वजह से कांग्रेस की लोकसभा की सीटों में इजाफा हुआ था। उत्तर प्रदेश में सपा ने 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली थी। लोकसभा चुनाव के यह परिणाम यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए भी बड़ा झटका था क्योंकि चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ ने कई बार मंचों से और पत्रकारों से बातचीत के दौरान साफ़तौर पर कहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर मजबूती के साथ भाजपा चुनाव जीतेगी लेकिन नतीजा इसके उलट रहे। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 37 जबकि कांग्रेस में 6 सीट पर बड़ी जीत हासिल की थी। यह नतीजा भाजपा के लिए 2014 और 2019 के करिश्मा से बिल्कुल उल्टा रहा। लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक को मिली सफलता के बाद कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अपने प्रदर्शन को दोहराने के लिए उपचुनाव में साथ लड़ने का मन बनाया लेकिन मामला सीट को लेकर फ़ंस रहा था कांग्रेस 5 सीटों की मांग कर रही थी। जिसकी वजह से दोनों दलों के बीच लंबे समय तक बातचीत भी देखने को मिली थी। इस बीच अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया एक्स एकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा "बातचीत सीट की नहीं जीत की है"। इस रणनीति के तहत इंडिया गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और वह भी समाजवादी पार्टी के सिंबल पर। अखिलेश यादव का कहना है कि इंडिया गठबंधन के एकजुट होने की बात का संदेश दिया उन्होंने कहा लिखा कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर कांग्रेस से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस उप चुनाव भी में भी एक नई जीत का अध्याय लिखने जा रहा है। 


बताते चलें कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर भूत स्तर तक के कार्यकर्ताओं का साथ मिलने की वजह से समाजवादी पार्टी की शक्तियां भी बड़ी है।
अखिलेश यादव का कहना है कि इस अभूतपूर्व सहयोग और समर्थन से सभी 9 विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन का एक-एक कार्यकर्ता जीत का संकल्प के साथ ऊर्जावान है। जिसका परिणाम चुनाव के नतीजे पर दिखाई देगा। इस चुनाव में भी अखिलेश यादव ने PDA कार्ड खेला है। लोकसभा चुनाव के तर्ज पर अखिलेश यादव ने जातिगत क्षेत्रवाद समीकरण का तालमेल बैठे हुए प्रत्याशियों का चयन किया है। अखिलेश यादव का मानना है कि 30 का संविधान, सौहार्द और PDA का मान सम्मान बचाने का चुनाव है। चुनाव में एक भी सीट का नुकसान ना हो इसलिए समाजवादी पार्टी ने अपने सिंबल पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को चुनावी मैदान पर उतरे हालांकि इस पर अब तक कांग्रेस की तरफ से कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान होंगे जबकि 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
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