रेप कांड से बंगाल की सीएम बनने वाली Mamata Banerjee अब रेप पर चुप क्यों हैं
सामने आ गया ममता बनर्जी का 31 साल पुराना झूठ
बताया जाता है कि इस दौरान ममता के कपड़े तक फट गए थे। रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने की इस लड़ाई के बाद ममता बंगाल का बड़ा चेहरा बन गई थीं। बंगाल में लोग ममता को दीदी कहने लगे थे। बताते हैं कि इस घटना के बाद ममता ने कसम खाई थी कि अब वह मुख्यमंत्री बनकर ही राइटर्स बिल्डिंग में कदम रखेंगी। ममता वामपंथ सरकार के खिलाफ आंदोलन करती रहीं। आखिरकार 20 मई 2011 को करीब 18 साल बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेकर अपनी उस कसम को पूरा किया। लेकिन ममता के काम पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि ममता की वो कसम अब कहां गई? अब वह रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर क्यों नहीं आ रही हैं? अब वह जब खुद सीएम हैं तो आरोपी को सजा क्यों नहीं दिला रही हैं?
दरअसल, हकीकत तो यह है कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब ममता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बल्कि इससे पहले हुए हंसखाली मामले को कैसे भुलाया जा सकता है, जब ममता ने रेप की घटना को अफेयर कहकर खारिज कर दिया था। ऐसे ही कामुदनी में हुई एक घटना का प्रदर्शन कर रहे लोगों को ममता ने माकपा समर्थक बता दिया था। ममता बनर्जी की गलतियों की डायरी में 'रेप' सबसे ऊपर है, खासकर अगर उनकी पार्टी का कोई इंसान दोषी साबित होता है। तो ममता बनर्जी उसे झूठा बता देती हैं। अगर महिला के साथ हुए रेप पर उनसे सवाल पूछा जाता है, तो वह परेशान हो जाती हैं और उल्टा विपक्ष पर साजिश का आरोप लगा देती हैं। कुल मिलाकर साफ है कि ममता की पोल खुल गई है। जो ममता 31 साल पहले रेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने की लड़ाई लड़ती थीं, आज उनके अंदर की वो दीदी कहां गायब हो गई? कुल मिलाकर साफ है कि महिला डॉक्टर के साथ हुई इस दरिंदगी ने ममता की हकीकत सामने लाकर रख दी है। यही वजह है कि आज पूरा बंगाल ममता के खिलाफ सड़कों पर आकर इंसाफ की मांग कर रहा है। लेकिन आज ममता को न तो रेप दिख रहा है और न ही रेप पीड़िता के परिवार वालों का दर्द। बस दिख रही है तो अपनी कुर्सी।