CM Yogi के 'Batenge Toh Katenge' के बाद PM Modi का 'Ek Hai Toh Safe Hai' नारा क्यों है चर्चा में?
"Ek Hai Toh Safe Hai" का नारा महाराष्ट्र के धुले में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की जातिगत विभाजन की राजनीति के आरोपों के संदर्भ में दिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह समाज में जातिगत भेदभाव फैलाना चाहती है, जबकि भाजपा का उद्देश्य समाज को एकजुट रखना है।
देश में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, राजनीतिक पार्टियों के बीच तीखी बयानबाजी का दौर जारी है। इस माहौल में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नया नारा ‘Ek Hai Toh Safe Hai’ सुर्खियों में है। यह नारा विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादास्पद बयान ‘Batenge Toh Katenge’ के संदर्भ में आया है। महाराष्ट्र में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान, प्रधानमंत्री ने इस नारे को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस पार्टी पर तीखे आरोप लगाए और कहा कि एकजुटता में ही सुरक्षा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के धुले में एक रैली के दौरान इस नारे का प्रयोग किया। उन्होंने इस नारे के माध्यम से एकजुटता का संदेश देते हुए कहा कि कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य समाज को जातियों में बांटना है। मोदी ने रैली में कहा, “Ek Hai Toh Safe Hai,” जिसका अर्थ है कि "हम सुरक्षित हैं, अगर हम एकजुट हैं।" पीएम मोदी का यह नारा उन मतदाताओं के लिए एक चेतावनी थी, जो जातिगत राजनीति के झांसे में आ सकते हैं।
योगी के ‘Batenge Toh Katenge’ पर बढ़ता विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में एक रैली के दौरान कहा था, “Batenge Toh Katenge,” जिसका अनुवाद होता है "बंटेंगे तो कटेंगे।" इस बयान के बाद से विपक्षी दलों ने भाजपा पर तीखा हमला करना शुरू कर दिया, खासकर कांग्रेस ने इस बयान को विभाजनकारी और असहिष्णुता को बढ़ावा देने वाला बताया।
यूपी के मुख्यमंत्री ने इस बयान को खास तौर पर हिंदू अल्पसंख्यकों के संदर्भ में कहा था, जो बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हुए थे। उन्होंने हिंदू एकता का आह्वान करते हुए यह भी कहा कि अलग-अलग और कमजोर होना बुराई को निमंत्रण देने जैसा है।
पीएम मोदी का कांग्रेस पर आरोप
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में अपने चुनावी भाषण के दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि "कांग्रेस का एकमात्र एजेंडा जातिगत संघर्ष को बढ़ावा देना है।" उन्होंने कहा कि नेहरू के समय से कांग्रेस ने आरक्षण का विरोध किया है, और अब पार्टी का चौथा पीढ़ी ‘युवराज’ (राहुल गांधी) जातिगत विभाजन की राजनीति कर रहा है।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस दलितों और आदिवासियों को गुमराह कर रही है और उनके अधिकारों को दबा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के INDIA गठबंधन पर जम्मू-कश्मीर में संविधान को हटाने का आरोप लगाया और कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली अब असंभव है।
जम्मू-कश्मीर और संविधान पर पीएम मोदी का संकल्प
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर में संविधान की बहाली पर जोर देते हुए कहा कि केवल आंबेडकर का संविधान ही वहां लागू रहेगा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए प्रस्ताव पारित किया, जो राष्ट्र के लिए अस्वीकार्य है। “जितना भी कोई अलगाववादी बयानबाजी करेगा, उनकी कोशिशें तब तक असफल रहेंगी जब तक जनता का समर्थन मेरे पास है,” मोदी ने कहा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा के विचारों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके पास “गली-सड़ी सोच” है और वो “Batenge Toh Katenge” जैसे नारों पर भरोसा करते हैं। खड़गे ने इसे समाज में असहिष्णुता फैलाने वाला बयान बताया और भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए।
वहीं, एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने योगी आदित्यनाथ के नारे से दूरी बनाते हुए कहा कि महाराष्ट्र ने हमेशा साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की संस्कृति हमेशा से समावेशी रही है और यहां लोग शांति और एकता के साथ रहते हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के संतों और विचारकों जैसे छत्रपति शाहूजी महाराज, जोतिबा फुले, और बाबा साहेब आंबेडकर के विचारों का हवाला दिया।
प्रधानमंत्री मोदी का नया नारा 'Ek Hai Toh Safe Hai' भारत के समाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में नई चर्चा को जन्म दे रहा है। यह नारा सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं है, बल्कि भारतीय समाज के लिए एक संदेश है कि एकजुटता में ही शक्ति है। इसके साथ ही विपक्ष द्वारा भाजपा पर जातिगत विभाजन के आरोप भी तेज हो गए हैं। इस बयान से यह साफ है कि आगामी चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक मुकाबला और भी गरमाएगा।