गठबंधन में शामिल होकर भी क्यों ख़ुद को अलग-थलग रख रहे है शिंदे, जानिए बड़ी वजह
महाराष्ट्र की नई सरकार के गठन में शिंदे ने डिप्टी सीएम के पद को स्वीकार करते हुए भले ही थोड़े नरम पड़ गए हो लेकिन नई सरकार में शिवसेना की हिस्सेदारी को लेकर अभी भी अटकलों का बाजार गर्म दिखाई दे रहा है।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर चले लंबे मंथन के बाद आखिरकार बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस गुरुवार को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले है। महाराष्ट्र की नई सरकार के गठन में शिंदे ने डिप्टी सीएम के पद को स्वीकार करते हुए भले ही थोड़े नरम पड़ गए हो लेकिन नई सरकार में शिवसेना की हिस्सेदारी को लेकर अभी भी अटकलों का बाजार गर्म दिखाई दे रहा है। खबर हैं कि शिंदे राज्य के कैबिनेट में गृह मंत्रालय को लेकर अड़े हुए है। इससे पहले की सरकार में यह विभाग डिप्टी मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस के पास था।
किन बातों पर अड़े है शिंदे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के लगभग 11 दिन बाद गुरुवार को नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है। देवेंद्र फडणवीस के साथ शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के लिए भले ही तैयार हो गए हो लेकिन इस नई सरकार में कुछ ऐसे विभाग हैं जिसको लेकर एकनाथ शिंदे तेवर अभी भी सख्त हैं। शिंदे की तरफ से अभी भी गिरी विभाग पर लगातार जोड़ दिया जा रहा है इस महत्वपूर्ण मंत्रालय के अलावा वह शिवसेना के लिए इस नई सरकार में काम से कम 12 मंत्री पद चाहते हैं। इतना शिंदे का मानना है की नई सरकार में जब तक उन्हें गृह विभाग नहीं मिलेगा तब तक डिप्टी सीएम बनने की सही भर पाई नहीं होगी। पार्टी सूत्रों की माने तो पूरे फसाद की जड़ गृह विभाग है। एक तरफ जहां बीजेपी महाराष्ट्र की सरकार में गृहविभाग अपने पास रखना चाहती है तो वही दूसरी तरफ शिंदे गृहविभाग पद से कम में मान नहीं रहे है। इसके अलावा शहरी विकास,राजस्व, ऊर्जा और भी कई प्रमुख विभाग शिवसेना के लिए शिंदे ने बीजेपी से मांगे है। शिंदे ने बीजेपी को यह भी संकेत दिया है कि भले ही इस बार मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके हाथ नहीं आ रही है लेकिन उनकी शक्तियां महाराष्ट्र में कमजोर नहीं है। इससे पहले राज्यपाल से सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि औपचारिक पत्र के जरिए शिवसेना ने सरकार को समर्थन दिया है साथ ही उन्होंने सरकार में शामिल होने के लिए शिवसेना से अपील भी की थी।
शिवसेना कैसे कर रही है सौदेबाजी
शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे बीजेपी के सामने ऐसी बातें रख दिए हैं जिसको लेकर भाजपा भी सीधे तौर पर उन्हें मना नहीं कर पा रही है। दरअसल, 2019 विधानसभा चुनाव के बाद जब राज्य में राजनीतिक उलट फिर हुआ तब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और उसे सरकार में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस थे उसे वक्त महाराष्ट्र का गृह विभाग देवेंद्र फडणवीस के पास था और अब शिंदे इस बात का हवाला देते हुए रोटेशन चाहते हैं। इसी बात को लेकर बुधवार को बीजेपी और शिवसेना के बीच दिनभर बातचीत का सिलसिला जारी रहा। इस हिसाब से शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए तो तैयार है लेकिन कैबिनेट को।लेकर अभी भी मंथन जारी ही रहेगा।
शिंदे के सामने क्यों झुक नहीं रही बीजेपी
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन में बीजेपी, शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़े। चुनाव के दौरान सामने विपक्षी महाविकास अघाड़ी ने भी दमदारी से चुनाव लड़ा लेकिन नतीजे जब सामने आए तो महायुति गठबंधन को प्रचंड जीत हासिल हुई, गठबंधन को 230 सीट मिली। जिसमें भारतीय जनता पार्टी के खाते में अकेले 132 सीट मिली जो बहुमत के आंकड़े से महज कुछ सीट कम थी। वही शिवसेना को 57 और अजीत पवार की पार्टी को 41 सीट मिली थी। यही वजह है कि बीजेपी इस बार शिंदे के सामने झुकने को तैयार नहीं है। अगर शिंदे महायुति से अलग भी हो जाएंगे तो भी अजीत पवार के साथ मिलकर बीजेपी पूरे पांच साल सरकार आराम से चला सकती है।