Advertisement

ओशो की मौत के 34 साल बाद क्यों चर्चा में वो और उनका पुणे आश्रम, जानिए पूरा मामला

ओशो, एक विवादित आध्यात्मिक गुरु, जिन्होंने ध्यान और स्वतंत्रता की नई परिभाषाएं दीं। उनके विचारों ने 70 और 80 के दशक में दुनिया भर में अनुयायियों को आकर्षित किया, लेकिन रजनीशपुरम और अन्य विवादों के कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
ओशो की मौत के 34 साल बाद क्यों चर्चा में वो और उनका पुणे आश्रम, जानिए पूरा मामला
हाल ही में प्रेम सरगम नाम की महिला के जीवन पर आधारित एक फिल्म बन रही है। "The Children of the Cult" यह एक अंतरराष्ट्रीय जांच पर आधारित फिल्म है, जो राज़नीश आंदोलन पर प्रकाश डालती है। अब आप सोच रहे होंगे की अब यह राजनीश कौन है? दरअसल हम बात कर रहे हैं रजनीश ओशो की, दरअसल इस फिल्म के चलते एक बार फिर से उनका नाम  चर्चा का विषय बना हुआ है। यह तो आप जानते ही होंगी कि ओशो आध्यात्मिकता और विवादों के बीच हमेशा चर्चा में रहे।  ऐसे में आइए एक नजर डालते है उनकी जीवनी पर।

ओशो, जिनका असली नाम रजनीश चंद्र मोहन जैन था, 11 दिसंबर 1931 को मध्य प्रदेश के कुचवाड़ा गांव में जन्मे थे। बचपन से ही स्वतंत्र विचारक और विद्रोही स्वभाव के ओशो ने पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को चुनौती दी। उनके अनुसार, समाज द्वारा स्थापित धर्म और नैतिकता सीमित और बंधनकारी हैं।  साल 1960 के दशक में ओशो ने आध्यात्मिक ध्यान और स्वतंत्रता पर अपने विचार लोगों के सामने रखने शुरू किए। उनके विचारों ने बड़ी संख्या में अनुयायियों को आकर्षित किया, लेकिन साथ ही, उनके खिलाफ कई विवाद भी खड़े हुए। विशेषकर उनके सेक्स और आध्यात्मिकता पर दिए गए भाषणों पर। और इसी को लेकर उनकी किताब भी आई, जिसका नाम था 'संभोग से समाधि'। कहते है इस किताब के आने के बाद साधु-संतों और धार्मिक संगठनों में हड़कंप मच गया था।

मुंबई से पुणे शिफ्ट होने के बाद, 1970 के दशक में ओशो के आश्रम में लोग बसाने लगे थे। यहां उन्होंने एक नया समाज बनाने का प्रयास किया, जो पारंपरिक धार्मिक और सामाजिक धारणाओं से मुक्त हो। ओशो ने अपने आश्रम को विदेशी अनुयायियों के लिए एक विशिष्ट जगह बना दिया। यहां महंगी फीस और अंग्रेजी में दिए गए प्रवचन के कारण भारतीय अनुयायी पीछे हटने लगे। इस आश्रम में सेक्स थेरेपी को प्रमुखता मिली, जिसमें भाग लेने वालों को विभिन्न प्रकार की यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया। यह थेरेपी भारतीयों के लिए उपलब्ध नहीं थी, लेकिन विदेशी अनुयायियों में इसे काफी पसंद किया गया।
गर्भपात और यौन शोषण के आरोप
बताया जाता है कि ओशो के आश्रम में गर्भवती होने से रोकने के लिए विदेशा महिलाओं को गर्भनिरोधक दवाएं दी जाती थीं, और गर्भवती महिलाओं का गर्भपात वहीं किया जाता था। कहते है  प्रेम सरगम की कहानी भी इस काले पक्ष को उजागर करती है, जहां उसे कई वर्षों तक यौन शोषण का शिकार बनाया गया। इस कहानी ने ओशो के समर्थकों के बीच गहरा विवाद पैदा कर दिया है। 

जिसके बाद 1981 में ओशो अमेरिका शिफ्ट हो गए और वहां ओरेगन में एक बड़ी कम्यून स्थापित की, जिसे रजनीशपुरम कहा गया। इस कम्यून ने पूरे अमेरिका और दुनिया में सनसनी मचा दी। हालांकि, समय समय पर उनके कम्यून से कई विवाद सामने आए। उनके अनुयायियों पर गैरकानूनी गतिविधियों का आरोप लगाे। जिसके बाद ऑश को अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया। उन पर वीज़ा नियम का उल्लंघन करने और विदेशी नियमों को तोड़ने जैसे आरोप लगे थे। जिसके चलते उन्हे 15 दिन जेल में भी बिताने पड़े थे। और 1985 में उन्हें अमेरिका से भारत वापस भेजा दिया गया। कहते हैं इस घटना ने उनके नाम पर एक बड़ा धब्बा लगा दिया, लेकिन उनके अनुयायियों की संख्या कम नहीं हुई।

उनके पास 93 रॉल्स रॉइस गाड़ियाँ थीं, अब इस बात से आप उनके आलीशान जीवनशैली का अंदाजा भी लगा ही सकते हैं। 19 जनवरी 1990 को पुणे में ओशो का निधन हो गया था।  ओशो के निधन के बाद भी उनके आश्रम और विचारधारा पर सवाल उठते रहे हैं। प्रेम सरगम की कहानी एक बार फिर से ओशो के जीवन पर विवादित अध्याय जोड़ती है, कि क्या वह एक महान आध्यात्मिक गुरू थे, या उनके आश्रम की दीवारों के भीतर छिपी हुई काली सच्चाईयाँ कुछ और थी?
ओशो का रहस्य और विवाद
हाल ही में एक ब्रिटिश महिला, जिसने ओशो के पंथ में बिताए दिनों के बारे में खुलासा किया है, प्रेम सरगम नाम की इस महिला का कहना है कि वह बचपन में ओशो के आश्रम में शामिल हुई थी, अपने जीवन के काले अध्याय को सार्वजनिक करते हुए उन्होंने दावा किया कि उन्हें 6 साल की उम्र से यौन शोषण का सामना करना पड़ा, और 12 साल की उम्र में उनका बलात्कार हुआ। जिसे उसके अनुयायियों द्वारा जबरन शारीरिक संबंधों के लिए मजबूर किया गया था, बताया जा रहा है कि अब प्रेम सरगम अपनी कहानी सामने लाकर इस पंथ के घिनौने रहस्यों को उजागर कर रही है।

Advertisement

Related articles

Advertisement