Advertisement

25 नवंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, किन मुद्दों को उठाएगा विपक्ष?

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा। कांग्रेस ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की है। विपक्षी दल अडानी मुद्दे के अलावा मणिपुर, प्रदूषण और रेल हादसों पर भी चर्चा करना चाहता है। बता दें कि शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में 16 विधेयक पेश किए जाएंगे। जिसमें एक अहम विधेयक, वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल है।
25 नवंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र, किन मुद्दों को उठाएगा विपक्ष?
देशभर में चुनावी माहौल अब खतम हो गया है। अब बारी संसद सत्र की है। 25 नवंबर को मानसून सत्र की शुरूआत होने वाली है। ऐसे में इसबार संसद सत्र में फिर एक बार अडानी के मुद्दे की गूंज सुनाई देगी। शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें कांग्रेस ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा की मांग की है। इसके अलावा विपक्षी दल ने मणिपुर,उत्तर भारत में प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं पर भी चर्चा की मांग की है। विपक्ष के कई नेताओं ने कहा है कि वे अडानी पर लगे आरोपों का मुद्दा संसद में उठाएंगे। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराए जाने की मांग की है।

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने मीजिया से बातचीत के दौरान कहा कि हमारी पार्टी ने अडानी समूह पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों पर संसद में चर्चा की अनुमति देने का सरकार से आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि सोमवार को संसद की बैठक में सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया जाए। उन्होंने आगे कहा कि यह देश के आर्थिक और सुरक्षा हितों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि कंपनी ने अपनी सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अनुकूल सौदा पाने के वास्ते नेताओं और नौकरशाहों को 2,300 करोड़ रुपये से अधिक का कथित तौर पर भुगतान किया है।

आपको बता दें कि अडाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने में कथित तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी करीन जीन पियरे ने कहा, ‘जाहिर है कि हम इन आरोपों से अवगत हैं और मैं आपको अदाणी समूह पर लगे आरोपों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए एसईसी (प्रतिभूति और विनिमय आयोग) और डीओजी (न्याय विभाग) से संपर्क करने के लिए कहूंगी।’

वक्फ बिल पर चर्चा हो सकती है!

लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है, जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति की ओर से लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। समिति को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। देखना अहम होगा कि इस विधेयक को लेकर आकिरी फैसला क्या होता है। वहीं वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं और दो अन्य विधेयक राज्यसभा में लंबित हैं।

Advertisement
Advertisement