Encounter को लेकर Yogi सरकार ने जारी की Guidelines, अब पुलिस वालों को मानना पड़ेगा नया नियम
पुलिस मुख्यालय ने एक गाइडलाइन जारी की है। ये नियम मुठभेड़ की प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए बनाए गए हैं। डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि हर मुठभेड़ की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी, खासकर जब किसी अपराधी की मौत होती है या वह घायल होता है। यह कदम मुठभेड़ों की निष्पक्षता को बढ़ावा देगा और संबंधित मुद्दों पर बहस को कम करेगा। मुठभेड़ को लेकर क्या नियम लागू किए गए हैं, इसके बारे में पूरी जानकारी देते हैं आपको।
वीडियोग्राफी और पोस्टमार्टम प्रक्रिया
अब मुठभेड़ में मारे गए या घायल अपराधियों के शव का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों की एक संयुक्त टीम करेगी। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी। इससे ये सुनिश्चित हो सकेगा कि सभी प्रक्रियाएं सही तरीके से और निष्पक्षता से की जा रही हैं।
परिजनों को सूचना देना
मुठभेड़ के दौरान अगर किसी अपराधी की मौत हो जाती है तो सबसे पहले उसके परिजनों को इसकी सूचना दी जाएगी। इससे परिवार के अधिकारों की रक्षा हो पाएगी।
पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण
नई गाइडलाइन के अनुसार पुलिसकर्मियों को भी मुठभेड़ों में शस्त्रों के सही और सुरक्षित उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि कार्रवाई के दौरान कोई अनहोनी न हो।
वैज्ञानिक जांच
नई गाइडलाइन में वैज्ञानिक जांच को प्राथमिकता दी जाएगी। मुठभेड़ वाले घटनास्थल की जांच में फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। जांच की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए ये एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे निष्पक्ष और सटीक परिणाम मिल सकें। अब मुठभेड़ की जांच किसी अन्य थाने या क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी। इससे पक्षपात की संभावना कम हो जाएगी।
बैलेस्टिक जांच
अब उन हथियारों की बैलेस्टिक जांच कराई जाएगी जो मुठभेड़ के दौरान इस्तेमाल हुए हैं। इससे ये पता चल सकेगा कि हथियार कैसे और कहां इस्तेमाल किए गए थे। रिपोर्ट को केस डायरी में दर्ज किया जाएगा ताकि आगे चलकर कानूनी प्रक्रिया में इसे प्रमाणित किया जा सके।
पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पुलिस की खूब तारीफ की। उन्होंने बताया कि सरकार अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है।बता दें कि सुल्तानपुर और बहराइच में हुए एनकाउंटर को लेकर अखिलेश यादव बार-बार योगी पुलिस पर सवाल खड़े कर रहे थे। इसी को देखते हुए योगी सरकार ने नए नियम लागू कर दिए हैं। खैर, जाते-जाते आपको छोड़े जाते हैं सीएम योगी के उन बयानों के साथ जो उन्होंने पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर दिए थे।