YOGI अपने दम पर Narendra Modi से दो कदम आगे निकले, कैसे जानिए
यूपी में उप चुनाव होने वाला है। और उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है। और इस कदम से विपक्ष के साथ ही साथ मोदी-शाह के बीच हलचल है। देखना होगा कि आगे क्या होता है। और किसकी हार और किसकी जीत होती है।
Modi : अगर आज की तारीख में Modi-शाह को कोई चीज सबसे ज्यादा सलाती है। तो वो है अवधेश प्रसाद। और अगले पांच सालों तक मोदी के जख्मों को विपक्ष अवेधश के बहाने मोदी को नीचा दिखाता रहेगा। ताने भी देता रहेगा कि मंदिर-मंदिर करते रहे और देखों अयोध्या से हार गए। अयोध्या को लेकर देश जीतने चले थे। लेकिन बात गई रात गई वाली बात अब एक बार फिर हो रही है। यूपी में खाली 10 सीटों पर उप चुनाव होने वाले है। और इस चुनाव को योगी के रूतबे के नजरिए से देखा जा रहा है। और कहा जा रहा है कि अगर योगी उपचुनाव हारे तो कुर्सी जानी तय है। क्योंकि इस उपचुनाव को योगी और मोदी के बीच साख की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा है। और कहा जा रहा है कि अगर अयोध्या की मिल्कीपुर सीट बीजेपी नहीं जीती तो इस बार पहली बार की अपेक्षा भारी बेइज्जती होगी। इसलिए योगी ने उपचुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है। और किसी भी सूरत में उप चुनाव को हारने नहीं देना चाहते है। ऐसे में अब योगी लगातार मानिटरिंग कर रहे है।जानकार कह रहे है कि इस बार योगी आर या पार की राजनीति कर रहे है। इसलिए योगी अपनी पसंदीदा पिच हिन्दू-मुसलमान पर आ गए है। और इस हमले से मोदी पर सवाल उठा रहे है। ताकि वोट को अधिक से अधिक बटोरा जा सके। कुछ जानकार कह रहे है कि योगी ने अयोध्या से युद्ध का ऐलान कर दिया है। और योगी को हटाने वाले नरेंद्र मोदी और अमित शाह पीछे रह गए है।
राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो योगी ने मोदी-शाह के सामने एक लंबी लकीर खींच दी है। और उपचुनाव को अपने हाथ में रखकर आगे बढ़ रहे है। और ये साबित करने पर तुले हुए है कि इस बार हार तो नहीं होगी। जानकारों का कहना है कि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए योगी को फ्री हैंड मिला है। और योगी को मिल्कीपुर जिता कर लाना है। इससे आप समझ सकते है कि कैसे हालात है। ऐसे में केंद्र सरकार विपक्ष के सामने घुटने टेक दिए है। और लोकसभा में पेश बिल वक्फ बोर्ड को जेपीसी में भेजना पड़ा है। ऐसे में मौके की नजाकत को देखते हुए योगी फ्रंटफुट पर खेल रहे है। और मोदी-शाह को बता रहे है कि मैं योगी हूं।
हिन्दी,हिन्दुत्व और हिन्दू पर आगे बढ़ रहे है। ये जानते हुए भी अयोध्या में हार हो चुकी है। योगी हार्ड लाइन हिन्दुत्व को ही अपना हथियार बनाए हुए है। जानकारों का कहना है कि योगी का फेस ग्राउड अयोध्या है। जो अपने आप में उत्तर भारत का पावर सेंटर है। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो योगी को अयोध्या में अपना दो काम करना है। पहला है। बांग्लादेश में हुआ तख्ता पलट पर हिन्दुओं की स्थिति पर अपनी बात रखनी है। और दूसरा ये कि जो दलित और पिछड़ा पार्टी से हट गए थे उन्हें जोड़ना है। लेकिन विश्लेषकों की माने तो इस बार इस मिल्कीपुर में एक काटा है। औऱ वो है अखिलेश का PDA। PDA मतलब पिछड़ा,दलित और मुसलमान। जिसने मोदी को 2024 में कड़ा सबक दिया है।
मिल्की पुर में यादवों की संख्या 60 हजार। दलित वोटरों की संख्या- 1 लाख 60 हजार। पासियों की संख्या- 60 हजार। दूसरे दलितों की संख्या- 50 हजार। मुसलमानों की संख्या- 40 हजार।
जानकार कह रहे है कि मुसलमान तो नहीं टूटेगा। लेकिन दलितों को तोड़ा जा सकता है। इसलिए योगी ने उप चुनाव से पहले हिन्दू कार्ड खेल दिया है। जानकार कह रहे है कि कार्ड कितना काम करेगा ये तो रिजल्ट के बाद पता चलेगा। इसीलिए अयोध्या पहुंचे योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण से ये साबित करने की कोशिश की है कि बीजेपी ही हिन्दुओं को बचा सकती है। और कोई नहीं बचा सकता है। ऐसे में हिन्दुओं का भविष्य बीजेपी और योगी के साथ है। ऐसे में मिल्कीपुर को आप जीताए और बीजेपी को मजबूत करें।
तो आप समझ सकते है कि कैसे अयोध्या में योगी जाल बिछा रहे है। और कैसे जीतने की कोशिश कर रहे है। अब देखना होगा कि उप चुनाव का रिजल्ट क्या आता है।लेकिन चुनाव से पहले युद्ध जैसे राजनीतिक हालात है। देखते है कि कौन बाजी मारता है। अखिलेश या योगी।